धान खरीदी केंद्र खड़मा अन्तर्गत पंक्तियां और लोहझर के किसान नाराज
1 min readतेजराम ध्रुव मुड़ागांव (कोरासी)। छुरा विकास खण्ड के आदिम जाति सेवा सहकारी समिति खड़मा रानीपरतेवा व सोरिद के धान खरीदी केंद्र खड़मा अन्तर्गत पंक्तियां और लोहझर के किसान नाराज हो रहे हैं। शासन के इस नए आदेश से शासन के निर्देशानुसार धान खरीदी 1 दिसंबर से धान खरीदी का कार्य प्रारंभ किया गया है। धान खरीदी केंद्र खड़मा में पंजीकृत किसानों का 1859.558 हेक्टेयर रकबा कृषि भूमि का पंजीयन हुआ है जिसमें 68803.60क्वीटंल धान 52कार्यदिवस में पहुंचाना है, वहीं लोहार खरीदी केंद्र का पंजीकृत किसानों का 1177.65 हेक्टेयर कृषि भूमि का पंजीयन हुआ है जिसमें 43573 क्वीटंल धान पहुंचना है। पक्तियां खरीदी केंद्र का पंजीयन किसानों का 883.953 हेक्टेयर कृषि भूमि का पंजीयन हुआ है जिसमें 32706.20 क्वीटल धान पहुंचना है। शासन द्वारा धान खरीदी का कार्य 1 माह लेट कर के धान खरीदी किया जा रहा है उसके बावजूद शासन द्वारा पुन: एक बार फिर से सूचना गुरुवार शाम 6:30 बजे सभी सेंटरों में भेजी गई। इस सूचना से खरीदी केंद्रों में किसानों का हड़कम मंच गई। खड़मा अन्तर्गत तीनों खरीदी केंद्र का प्रतिदिन का सीमा प्राप्त हुआ है जिसमें खड़मा का 1020क्वीटल लोहझर का 817क्वीटल तथा पंक्तियां का 577क्वीटल धान खरीदने का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। तीनों खरीदी केंद्रों के पंजीयन किसानों के पंजीकृत रकबा के अनुसार समिति धान खरीदी केंद्र खड़मा में प्रतिदिन लगभग 1325 क्विंटल लोहझर का 837 क्विंटल धान तथा पंक्तियां में 629 क्विंटल धान खरीदेगी तथा 52 कार्य दिवस में पंजीकृत किसानों का धान खरीदी कर पाना संभव है। शासन का प्रतिदिन आया आदेश तथा प्रतिदिन अधिकारियों की निरीक्षण की वजह से किसान तरसता है। शासन के अधिकारियों द्वारा किसानों को परेशान करने का आए दिन किसानों के साथ खेल खेला जा रहा है। धान खरीदी केंद्र के पूर्व पूरे प्रदेश में शासन व्यापारियों के धान को पहले ही सील कर चुकी है फिर क्यों शासन आज किसानों को संदेह के नजर में देख रही है। शुक्रवार को ग्राम जरगांव पीपरछेड़ी गायडबरी तालेसर के पंजीकृत किसान गोल्डन यादव पिता रामाधीन तथा रामदीन पिता रघुनंदन के धान को रास्ता में पकड़ा गया। उससे टोकन छीनकर धान खरीदी केंद्र खड़मा तक लाया गया लाया गया। संतुष्ट होने के पश्चात ही किसान को छोड़ा गया। इस दरमियान पूरा जिला तक अपवाह फैलाया गया है कि खड़मा में धान पकड़ आया है।
पूरा जिला प्रशासन खड़मा की और आनन-फानन में रुक कर रहा है किंतु संतुष्टि के पश्चात सभी को रोका गया। खरीदी केंद्र खड़मा कृषक गान संतु, राम यादव, अवध मरकाम, गोल्डन यादव, जानू राम सिन्हा, प्रमोद शर्मा, प्रकाश सिन्हा, रेखचंद साहू आदि किसानों ने शासन की इस नीति का घोर विरोध किया है। शासन के सॉफ्टवेयर में तय सीमा के आधार पर 52 दिवस में धान खरीदी करना संभव नहीं है। इस शासन के योजना पर भारतीय जनता पार्टी मंडल पांडुका के अध्यक्ष संदीप पांडे ने शासन की इस नीतियों का पूरा-पूरा विरोध किया है। संदीप पांडे ने कहा कि शासन किसानों को गुमराह कर रही है। साथ ही धान खरीदी के पक्ष में नहीं है। इस वजह से कांगरे सरकार नौटंकी किया जा रहा है। धान खरीदी के पूर्व शासन के आदेशानुसार पटवारी के द्वारा समस्त रघबा का गिरदावरी किया गया है, जहां धान बोया गया है उसी रनवे की पंजीयन हुआ है। शासन खरीदी के पूर्व समस्त तैयारी कर समस्त रब्बा की राजस्व विभाग द्वारा किसानों के समस्त रंगों का गिरदावरी कर पंजीयन किया हुआ है। धान खरीदी के पूर्व पुरे प्रदेश में समस्त दुकानदारों का खरीदी किए गए धान सील कर धान खरीदी कार्य प्रारंभ किया गया है। इस स्थिति में शासन किसानों को संदेह की दृष्टि से देख रही है। यह पूणर्ता हास्यास्पद तथा घोर निंदनीय है। विपक्ष इस विषय को विधानसभा में उठाए तथा शासन विषय को संज्ञान में लेकर तत्काल अपनी भूल सुधार करें। शासन के इस नियम से किसान त्रस्त हो चुके हैं। किसान धान खरीदी के नियमों से परेशान हो चुके हैं। किसानों ने धान खरीदी के नाम से सरकार किसानों से छल कर रही है, वहीं किसानों द्वारा विभागीय अधिकारी को भी पूछे जाने पर विभागीय अधिकारी गोलमोल जवाब देते हैं जिससे किसानों में भारी आक्रोश है किसान हर क्षेत्र में तरसता हो चुके हैं।