पायलीखंड, बेहराडीह, सेन्दमुडा हीरे खदानों की सुरक्षा भगवान भरोसे
1 min read- रेत खदानों को लेकर प्रदेश में मचा है बवाल तो बहुमूल्य हीरा खदानों के तरफ नही है सरकार का ध्यान
- लगातार बढ रही है हीरा तस्करी की घटनाए ,
- पांच माह के भीतर गरियाबंद पुलिस ने 352 नग कीमती रत्न हीरा के साथ तस्करों को किया है गिरफ्तार
- शेख हसन खान, मैनपुर
एक तरफ इन दिनों पुरे प्रदेश में रेत के अवैध उत्खनन को लेकर बवाल मचा हुआ है और तो और जगह जगह छापामारी किया जा रहा है| बडी कार्यवाही के साथ पुरा प्रशासन तंत्र नदी में रेतों की सुरक्षा में लगा हुआ है तो वही दुसरी तरफ गरियाबंद जिले के आदिवासी विकासखण्ड मैनपुर अंतर्गत विश्व प्रसिध्द हीरा खदान बेहराडीह, पायलीखंण्ड एंव देवभोग का सेन्दमुडा खदान में सुरक्षा की कोई व्यवस्था नही है| और शायद इन्ही कारणो के चलते क्षेत्र मे हीरा तस्करी की घटनाओं मे काफी ईजाफा हुआ है|
गरियाबंद पुलिस ने पिछले 05 माह में 352 नग हीरा कीमती रत्न तस्करों से जब्त किया है, जो इन्ही ईलाके के हीरा खदानो की बताई जाती है तो यह अपने आप में हीरा खदान की सुरक्षा की पोल खोलने के लिए काफी है| खासकर बारिश के दिनो में हर वर्ष हीरा खदान क्षेत्रो में अवैध उत्खनन की घटनाए बंढ जाती है, क्योंकि हीरा खदान पायलीखंण्ड नदी के उस पार है और नदी में बाढ आने का फायदा तस्कर आसानी से उठाते है|
गरियाबंद जिले के विकासखण्ड मैनपुर अंतर्गत बेहराडीह और पायलीखण्ड का हीरा विश्व में सबसे बेशकीमती हीरा है| और यह खदान देश के सबसे बडे हीरा खदानो में एक है पर यह दुनिया के ऐसा हीरा खदान है जिसकी कोई सुरक्षा ही नही है आज यह खदाने लूटने के कगार पर है|जानकारों के मुताबिक पायलीखण्ड और बेहराडीह में इतना हीरा भरा पडा है कि सरकार उसका दोहन कर महज छत्तीसगढ प्रदेश के ही नही पुरे देश का विकास कर सकती है पर हीरा खदान का मामला न्यायालय में चलने के कारण आज तक इन हीरा खदानों के सरकारी तौर पर दोहन का कार्य प्रारंभ नही हो पाया है|
15 वर्षोे बाद छत्तीसगढ में कांगे्रस की नई सरकार बनने पर क्षेत्र सहित प्रदेश के लोगो में एक उम्मीद जगी कि अब हीरा खदानो के मामले में सरकार कोई फैसला तत्काल लेगी लेकिन छत्तीसगढ में कांगे्रस सरकार के डेढ वर्ष पुरे होने के बाद भी अब तक हीरा खदान के विदोहन के सबंध में कोई बडा फैसला नही लिया गया| और न ही इसकी सुरक्षा को लेकर सरकार संजीदा नजर आ रही है, जबकि क्षेत्र सहित प्रदेश के लोगों में कांगे्रस सरकार से भारी उम्मीद बनी हुई है कि सरकार हीरा खदान के सबंध में कोई बडी फैसला लेगी और इस हीरा खदानों के दोहन के बाद राज्य शासन को अरबो- खरबो रूपये की आय प्राप्त हो सकेगी साथ ही छत्तीसगढ के विकास के रास्ते खुलेंगे।
गौरतलब है कि यह हीरा खदान का प्रकरण न्यायालय में लबिंत होने की बात कही जा रही है इसके लिए छत्तीसगढ सरकार को इस पर तत्काल पहल करते हूए जल्द से जल्द इस विषय पर न्यायालय से फैसले का अनुरोध करना होगा जिससे राज्य शासन का इसका दोहन कर सके।
वर्ष 2006 में विधायक दल के साथ भूपेश बघेल भी हीरा खदान का कर चुके है निरीक्षण
वर्ष 2006 में भाजपा शासन के दौरान पायलीखण्ड और बेहराडीह की हीरा खदानो पर अवैध खुदाई की खबरे छनकर रायपुर तक पहुंची थी तब 11 अगस्त 2006 को तब के तत्कालीन कांग्रेस विधायक दल के उपनेता भुपेश बघेल के नेतृत्व मे चार सदस्यी दल इन हीरा खानो पर पहुंचा था| कांग्रेस विधायक दल मे बिन्द्रानवागढ़ क्षेत्र के तत्कालीन विधायक ओंकार शाह, मोहम्मद अकबर, राजकमल सिंघानिया, अग्नी चंद्राकर, परेश बागबाहरा पहुंच थे और हीरा खदान क्षेत्र के सुरक्षा के मुआयने के साथ -साथ पायलीखण्ड, जांगड़ा, कुर्रूभाठा, तौरेंगा, डुमरपडाव सहित हीरा जनित अनेक ग्राम के लोगो से विधायक दल ने मुलाकात कर उनके बुनियादी समस्याओं को जाना और समझा था।
2006 से पूर्व हीरा खदान की सुरक्षा बीएसएफ के जवान करते थे
ज्ञात हो कि आज से लगभग 25 वर्ष पहले क्षेत्र के हीरा खदान पायलीखंण्ड ,बेहराडीह, सेन्दमुडा की जानकारी लगने के बाद शासन ने इन हीरा खदानों की सुरक्षा के लिए बीएसएफ के जवान तैनात किए थे लेकिन मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2006-07 में क्षेत्र में नक्सली घटना बढने के बाद हीरा खदान की सुरक्षा से बीएसएफ की कंपनी को वापस बुला लिया वही दुसरी तरफ बेहराडीह हीरा खदान की सुरक्षा से वन विभाग हाथ खडे कर लिया और अब बेहराडीह पायलीखंण्ड जैसे महत्वपूर्ण हीरा खदान में सुरक्षा की कोई भी इंतजाम नही है।
- हीरा खदान क्षेत्र में बडे बडे गढढे और पहाडो तक को लोगो ने खोद डाला
अवैध खुदाई की इंतिहा का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता हैं कि जंगल की नदियों और पहाडों तक को खोदने से हीरे के लुटेरों ने नहीं बख्शा हैं लंबे वर्षो से अवैध खुदाई के बेरोकटोक के चलते आलम यह हैं कि समूचा वन क्षेत्र गढढो में तब्दील हो गया हैं हीरा जनित क्षेत्र के वृक्षों की जडों तक की 05 से 10 फिट तक की मिट्टी हीरे की तलबगार निकाल ले गये हैं फिलहाल सुरक्षा के लिए लगाये गये तार के बाडों को अवैध खुदाई करने वाले लोग जगह जगह तोड फोड कर नष्ट कर दिये हैं और तो और सुरक्षा चैकी की नीव तक इन खुदाई से बच नहीं पाई हैं, हालाकि इन खदानों के स्वामित्व व विदोहन कौन करेगा इस पर देर सबेर न्यायालय फैसला करेगी किन्तु तब तक इस खुले खजाने को लूटने से बचाने की जिम्मेदारी तो सरकार की बनती ही हैं।
क्या कहते है पुलिस के अफसर
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुखंनदन सिंह राठौर ने चर्चा में बताया हीरा खदान की सुरक्षा के लिए स्थाई रूप से पुलिस बल तैनात नही है लेकिन लगातार समय समय पर सर्चिंग किया जाता है ।
सुखनंदन सिंह राठौर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गरियाबंद