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November 23, 2024

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सेल ने लिया 25 फीसद लौह अयस्क उत्पादन बंद रखने का फैसला

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SAIL decides to stop 25 percent iron ore production

केंद्रीय इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने फैसले को महत्वपूर्ण कदम बताया
राउरकेला। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस और इस्पात मंत्री माननीय मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान के प्रयासों से खान मंत्रालय द्वारा एक आदेश जारी किया गया है, जिसके तहत सेल को अधिकतम एक वर्ष में अधिकतम मात्रा के बराबर मात्रा में भार उठाने की अनुमति दी गई है। पिछले वर्ष के कुल लौह अयस्क उत्पादन का 25% संबंधित राज्य सरकारों से मंजूरी के अधीन है, जहां खदानें स्थित हैं। उचित प्रक्रिया का पालन करने के बाद  यह दो साल की अवधि के लिए वैध है। इससे झारखंड, ओडिशा और छत्तीसगढ़ राज्यों में अपनी अलग-अलग खदानों में उत्पादित लगभग 7 मिलियन टन लौह अयस्क को संबंधित राज्य सरकारों से आवश्यक मंजूरी मिलने के बाद सेल द्वारा घरेलू बाजार में उतारा जा सकता है।

SAIL decides to stop 25 percent iron ore production

यह सेल को न केवल अपनी आवश्यकता को पूरा करने में सक्षम होगा, बल्कि घरेलू लौह अयस्क की आवश्यकता में कमी को आंशिक रूप से पूरा करेगा। खान मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आदेश में सेल को अलग-अलग बंद खानों में डंप किए गए कम ग्रेड के लोहे और अयस्कों (कीचड़ सहित) के 70 मिलियन टन के पुराने स्टॉक को निपटाने की अनुमति दी गई है। राज्यों से आवश्यक अनुमति प्राप्त करने के बाद, जहां खदानें स्थित हैं (जैसे झारखंड, ओडिशा और छत्तीसगढ़), यह पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक निश्चित कदम है और साथ ही हिथेरो डंप की गई सामग्री से मूल्य जारी करना है। उल्लेखनीय है कि खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 (संक्षेप में एमएमडीआर अधिनियम, 1957) की धारा 8 ए (6) के प्रावधान के अनुसार, लौह अयस्क के 31 क्रियाशील खानों के पट्टे की अवधि समाप्त हो रही है।  2020/03/31।  समाप्ति के बाद, बाजार में लौह अयस्क के 60 मिलियन टन की कमी होने की उम्मीद है। माननीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस और इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि भारतीय इस्पात उद्योग के लिए कच्चे माल की सुरक्षा सुनिश्चित करना हमारे एजेंडे में सबसे ऊपर है। हमारी सरकार ने इस दिशा में कई प्रयास किए हैं और खान मंत्रालय द्वारा पारित आदेश इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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