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November 20, 2024

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संस्कृत भाषा सम्मान अब ब्रह्मलीन राजेश्री महंत श्री वैष्णव दास महाराज के नाम पर दिया जाएगा

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Sanskrit language honor will now be given in the name of Vaishnav Das Maharaj

मुख्यमंत्री ने श्री दूधाधारी मठ महोत्सव के समापन पर की घोषणा
श्री राम वनगमन मार्ग के महत्वपूर्ण स्थलों को चिन्हित कर धार्मिक पर्यटन
स्थल के रूप में किया जाएगा विकसित
रायपुर। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा संस्कृत भाषा के विकास के लिए दिए जाने वाला संस्कृत सम्मान अब ब्रह्मलीन राजेश्री महंत श्री वैष्णव दास महाराज के नाम पर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज राजधानी रायपुर के दूधाधारी मठ में आयोजित 9 दिवसीय श्री दूधाधारी मठ महोत्सव के समापन के अवसर पर यह घोषणा की। उल्लेखनीय है कि आज दूधाधारी मठ के महंत ब्रह्मलीन राजेश्री वैष्णव दास जी की पुण्यतिथि भी है। दूधाधारी मंदिर ट्रस्ट द्वारा हर वर्ष उनकी पुण्य स्मृति में 9 दिवसीय संगीतमय रामकथा और भक्त-संत सम्मेलन का आयोजन किया जाता है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर उपस्थित होकर राम कथा का श्रवण किया और रामचरितमानस की आरती में शामिल हुए। उन्होंने व्यास जी महाराज का स्वागत कर उनसे प्रदेश की सुख समृद्धि के लिए आशीर्वाद ग्रहण किया। इस अवसर पर उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा भी उपस्थित थे।

Sanskrit language honor will now be given in the name of Vaishnav Das Maharaj
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि छत्तीसगढ़ मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्री राम का ननिहाल है। यह माता कौशल्या की भूमि है। इसी वजह से छत्तीसगढ़ में भांजे को प्रणाम किया जाता है, क्योंकि हम उनमें भगवान श्री राम की छवि देखते हैं। श्री बघेल ने कहा कि श्री दूधाधारी मठ के महंत राजेश्री श्री रामसुंदर दास जी द्वारा माता कौशल्या की जन्म तिथि के निर्धारण के लिए राष्ट्रीय स्तर का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें माता कौशल्या की जन्मतिथि बताने वाले को 11 लाख रूपए की राशि सम्मान स्वरूप प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि माता कौशल्या की जन्मतिथि तय होने पर हम सब मिलकर माता कौशल्या का जन्म दिवस धूमधाम से मनाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि भगवान राम ने वनवास के समय छत्तीसगढ़ में काफी समय बिताया था। राम वनगमन मार्ग पर स्थित जिन स्थलों पर भगवान राम गए थे, उनका चिन्हंाकन कर उन्हें धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। भगवान राम का वनगमन मार्ग छत्तीसगढ़ के कोरिया से सुकमा-कोंटा तक विद्वानों ने बताया है। इन मार्ग पर महत्वपूर्ण स्थानों को चिन्हित कर उन्हें दर्शनीय स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। शिवरीनारायण का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि शिवरीनारायण में शबरी ने जूठे बेर भगवान श्रीराम को खिलाए थे। शिवरीनारायण को विशेष रूप से धार्मिक और पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाएगा। इस अवसर पर श्री दूधाधारी मठ के वरिष्ठ ट्रस्टी पंडित रामानुजलाल उपाध्याय, पद्मश्री सम्मान प्राप्त डॉ अरुण कुमार दाबके और भारती बंधु सहित अनेक जनप्रतिनिधि भी उपस्थित थे। रामकथा के अवसर पर स्वामी रामानुजाचार्य और घनश्याम जी महाराज सहित अनेक संत महात्मा और श्रद्धालु बड़ी संख्या में उपस्थित थे। राजेश्री महंत श्री राम सुंदरदास ने इस अवसर पर कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ की संस्कृति और छत्तीसगढ़ के तीज त्यौहारों को आगे बढ़ाने का बहुत अच्छा कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर खारून नदी में सवेरे 5 बजे पवित्र कार्तिक स्नान कर भगवान हटकेश्वर महाराज की पूजा अर्चना की। गौ माता व्यवस्थित रूप से स्वच्छता के साथ रह सकें उनके लिए हर गांव में गौठान निर्माण की परिकल्पना मुख्यमंत्री ने की है। अनेक स्थानों पर गौठानों का निर्माण कार्य पूरा किया जा चुका है। उन्होंने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल दूधाधारी मठ पहुंचे थे और यहां दर्शन कर प्रदेश की सुख समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त किया था।

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