Recent Posts

October 17, 2024

समाचार पत्र और मीडिया है लोकतंत्र के प्राण, इसके बिन हो जाता है देश निष्प्राण।

बहन वीरांगना फूलनदेवी के बलिदान और संघर्षों पर समाज को गर्व है

1 min read
SD Bind highlights the vision of Kewat society

एसडी बिंद ने केवट समाज का विजन पर प्रकाश डाला गया

SD Bind highlights the vision of Kewat society
रायपुर। 10 अगस्त शनिवार को डब्ल्यूआरएस कॉलोनी स्थित रेलवे इंस्टीट्यूट में बहन वीरांगना फूलनदेवी के जयंती पर केवट कल्याण सेमिनार का आयोजन हुआ।   इसकी शुरूआज महाराजा निषादराज गुहा और फूलनदेवी के दर्पण पर माल्यार्पण कर किया गया।  स्वागत भाषण और सेमिनार का संचालन समाजसेवी और पत्रकार चन्द्रशेखर प्रसाद ने किया।  उन्होंने कहा कि बहन फूलनदेवी का संघर्षकाल कभी खत्म नहीं हुआ। जन्म से लेकर बलिदान तक उन्होंने पहले परिवार फिर स्वयं के हूए अत्याचार और समाज के लिए अपने-आपको बलिदान दिया। निषाद समाज को उनके बलिदान और संघर्षों से महेशा यादा रहेगा और गर्व है। वरिष्ठ समाजसेवी और समाज के हितैषी श्री जीआर निषाद, डीआर निषाद और छत्तीसगढ मछुआ महासंघ के प्रदेश प्रवक्ता सुजान बिंद ने सेमिनार की अध्यक्षता की।

SD Bind highlights the vision of Kewat society

जीआर निषाद ने निषादराज और फूलनदेवी के बारे में समाज के लोगों को बवगत कराया। वहीं डीआर निषादजी ने कहा कि फूलनदेवी का व्यक्तित्व निराला था। संषर्घ और बलिदान को यादकर सीना गर्व से फुल जाता है।  उन्होंने कहा कि लंबे समय से समाज के सेवा कर रहा हूं और करता रहूंगा। वहीं अंबिकापुर से आये श्री सुजान बिंद ने कहा कि बहन फूलनदेवी को समाज हमेशा याद रखेगा। वरिष्ठ समाजसेवी और बीएसएनएल में कम्यूनिकेशन डायरेक्टर एसडी बिंद ने फूलनदेवी और निषादराज पर विचार प्रकट  किया। फिर उन्होंने केवट समाज का विजन पर प्रकाश डाला।  उन्होंने कहा कि बिना विजन के समाज का विकास संभव नहीं है।  हम सभी भाइयों को इस विषय पर सोचना चाहिए और एक ऐसे संगठन का निमार्ण हो जिसके माध्यम से समाज के हर वर्ग को जरूरत के अनुसार मदद कर सके। समाज के एक भवन होना चाहिए।  समाज के बच्चों को बेहतर शिक्षा कैसे दे उस पर विचार रखा।

SD Bind highlights the vision of Kewat society
आज देश ही नहीं विदेशों में भी फूलनदेवी की जयंती मनाई जा रही है।  समाज के हर युवा वर्ग को अपने समाज और इतिहास के बारे में जानना जरूरी है।  पं रविशंकर विवि से रिसर्च स्कॉलर लोकेश पारकर ने केवटों के इतिहास पर प्रकाश डाला।  उन्होंने कहा कि राजेन्द्र चोल, चोल वंश के सबसे प्रतापी राजा थे जिन्होंने केवटो की सहायता से समुद्री मार्ग का उपयोग कर पूरे दक्षिण पूर्व के देशों जिनमें आज के मलेशिया, इंडोनेशिया, थाईलैंड, कंबोडिया, लाओस, वियतनाम और अनेक द्वीप समूह में अपना सत्ता स्थापित किया।  इसके अलावा महाराणा प्रताप ने भी अकबर मुगलों से लडने के लिए जिस सेना का  निर्माण किया था जंगल में ओ ज्यादातर भील अथवा केव टो का कबिलाई समूह था ।

SD Bind highlights the vision of Kewat society

बहुत सारे राजवंशों में किसी कारण कूल के नाश अथवा संतान उत्पत्ति नहीं होने पर केवट कन्याओ से नियोग संबंध स्थापित कर राजवंश वंशो को प्राप्त करते थे। इसलिए कोई भी कूलिन वर्ग या राजवंश ये नहीं कह सकता कि वह पूरी तरह से ब्राह्मण या क्षत्रिय है उनके रक्त में कहीं न कहीं केवट का रक्त सम्मिलित है। वहीं अशोक निषाद ने निषाद समाज के सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक और राजनीति पर प्रकाश डाला।

SD Bind highlights the vision of Kewat society

सीए रोहित निषाद ने कार्यक्रम का लेखाजोखा प्रस्तुत किया। राजेश निषाद ने कांकेर के स्वतंत्रता सेनानी इंदु्र केवट और परिवार किन परिस्थितियों से गुजर रहा है उस पर विचार व्यक्त किया। अंत में इंजीनियर रेलवे प्रवीन निषाद ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

SD Bind highlights the vision of Kewat society
इस मौके पर मस्त राम निषाद, सितला प्रसाद, जीएसटी विभाग में कार्यरत जीतेंद्र निषाद, सीए रोहित निषाद, मकसुदन निषाद, अशोक निषाद, बाबूराम निषाद, गणेश केवट, रवि प्रसाद साहनी, राजेश निषाद, हिमांशू निषाद, अनीता साहनी, कविता साहनी आदि समाज के लोग मौजूद थे।  अंत में पुरस्कार वितरण किया गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *