बीमार बच्ची की टीकाकरण के बाद बिगड़ी तबियत, लापरवाही का आरोप
1 min readटिका लगाने के 1 दिन बाद बिगड़ी तबियत
परिजनों ने स्वास्थ्य कार्यकर्ता पर लगाया लापरवाही का आरोप
पुलिस ने मामले में आज दर्ज की प्रारंभिक एफआईआर
पिथौरा थाना क्षेत्र के लाखागढ़ की घटना
पिथौरा ( महासमुन्द) SHIKHA Das। 29/5 /2018 को ऐसी ही एक ददॆनाक हादसा इसी टीकाकरण से हुआ स्तब्ध करने वाली यह घटना 9 माह की अबोध बच्ची के साथ हुई थी जिसमें नसॆ ने अशिक्षित सहयोगी से टीका लगाव दी उस बच्ची का हाथ भी लगने लगा वह भी कोमा में चली गई । पुलिस ने 7 फरवरी को FIRकी । हाथ में सँक्रमण फैला था । गैर जिम्मेदारना हरकत की इँतहा हो गयी । इस मामले में भी निजी चिकित्सक से इलाज के बाद पता चला था । हाल ही में 4 October का मामला है। पिथौरा के स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में टीकाकरण के बाद पुनः एक और बालिका की तबियत बिगड़ जाने से अब उसे महासमुंद के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवा कर उपचार करवाया जा रहा है।
ज्ञात हो कि 2018 मे ही स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बगैर परीक्षण के ही टीका लगाने के बाद हाथ गलने जैसी विभत्स घटना सामने आयी थी व इस मामले में HOSPITAL को सचेत होना अत्यावश्यक था। यह तो विभाग के लिये सवॆविदित हैकी बच्चो को लगाए जाने वाले टीको को बगैर परीक्षण के ही लगाने से कभी भी कोई अनहोनी घटित हो सकती है। स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इस वर्ष टीकाकरण के बाद बच्चों को इससे होने वाले साइड इफेक्ट की दूसरी घटना सामने आई।इस घटना में ग्राम लाखागढ़ की एक आंगनबाड़ी केंद्र में पिथौरा स्वास्थ्य केंद्र अंतर्गत ग्राम टेका की ए एन एम मंजुलता तांडी ने विगत 5 अकटुबर को लाखागढ़ की एक आंगनबाड़ी में बगैर परीक्षण किए ही डी पी टी का टीका बच्चो को लगाया।टीकाकरण के तुरंत बाद आंगनबाड़ी की एक बालिका सौम्या खान की तबियत बिगड़ने लगी। इसके बाद इनके परिजन पहले तो सौम्या को समीप के साहू हॉस्पिटल ले गए और उपचार कराया। परन्तु वहां बच्चे का शरीर अकड़ने लगा था। तब उसे लाखागढ़ में ही मौजूद ए एन एम तांडी ने उसे स्थानीय अस्पताल लायाजहाँ की शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ बी एस बढ़ाई ने उसका उपचार किया।वहाँ भी बच्ची की हालत सुधरने की बजाय और बिगड़ने लगीतब श्री बढ़ाई ने उसे अन्यंत्र उपचार के लिए भेज दिया।
इस पर सौम्या के परिजन उसे महासमुंद के एक निजी अस्पताल में ले गए। जहां डॉक्टरो की सलाह पर उसे एम आर आयी करने रायपुर ले जाना पड़ा।इसके बाद पुनः उसे महासमुंद के एक निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया है। जहां वह जीवन और मौत से संघर्ष करती दिख रही है।सौम्या की मौसी अनीशा परवीन ने टीकाकरण बगैर परीक्षण के ही किये जाने पर आक्रोश व्यक्त करते हुए दोषीयो पर सख्त कार्यवाही की मांग की है। ज्ञात हो कि इस वर्ष के प्रारम्भ में भी सवैया ग्राम निवासी रवि पाढ़ी की 3 वर्षीय पुत्री की भी टीकाकरण के बाद तबियत बिगड़ गयी थी। उसका एक हाथ सुन्न हो गया था और टिका लगाए स्थान पर पस बनने लगी थी। जिसे लम्बे उपचार के बाद बचाया जा सका था।
- सुरक्षित टीकाकरण पर प्रश्न चिन्ह
शासकीय अस्पतालों में नियमानुसार परीक्षण के बाद ही टीकाकरण किया जाता थापरंतु अब शॉर्टकट के युग मे जल्दबाजी के कारण अधिकांश सरकारी अस्पतालों में बगैर टेस्ट के ही बच्चों को लगने वाले विभिन्न टीके लगाए जा रहे हैजिससे इस तरह की दुर्घटनाये अब आम हो गयी है।
- घटना की जांच की जा रही: बीएमओ
घटना के सम्बंध में स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र की बी एम ओ डॉ अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने घटना की जानकारी उच्चाधिकारियों को दे दी है।जिला चिकित्सा अधिकारी एवम जिला टीकाकरण अधिकारी ने महासमुंद स्थित निजी पींचा नर्सिंग होम जाकर पूरी घटना की जानकारी लेकर बच्ची के उपचार की पर्याप्त व्यवस्था कर रहे है।वर्तमान में सौम्या आजहोश में है और बातचीत भी कर रही है।बहरहाल घटना की जांच भी की जा रही है।
- मामला पंजीबद्ध : थाना प्रभारी
इधर घटना की सौम्य की खाला(मौसी) अनिशा परवीन की लिखित शिकायत के बाद ए एन एम मंजुलता तांडी के विरुद्ध मामला दर्ज कर घटना की जांच की जा रही है।
महिला बाल विकास विभाग की पयॆवेक्षक श्रीमती लाल ने बताया कि उसी आँगनबाड़ी में अन्य कुछ बच्चों को टीका लगाया गया उन्हें कुछ नही हुआ पर
Soumya की माँ ने जानकारी नही दी कि 1हफ्ते से बच्ची को बुखार था।
- नर्स के खिलाफ जुर्म दर्ज
धारा 337/34 स्थानीय निजी चिकित्सक पर भी जाँच के बाद हो सकती हैं कार्रवाई।