क्षेत्र के किसान प्रतिदिन धान बेचने के सरकारी नियम से तंग
1 min readपिथौरा/महासमुँद NEW DUNIA .COM :शिखा दास
क्षेत्र के किसान प्रतिदिन धान बेचने के सरकारी नियम से तंग आ गए है।किसानों का कहना है कि उनकी मेहनत से उपजी फ़सल को प्रशासन एवम पुलिस किसी मादक पदार्थ जैसे अपराध समझ कर परेशान कर रहै है।अब किसान कहाँ जाएँ और अपनी शिकायत कहाँ करेंगे यह भी किसान समझ नही पा रहे है।ज्ञात हो कि नगर पहुँच के सभी मार्गो पर प्रशासन द्वारा एक बेरियर लगाये गए है,जहां बकायदा पुलिस की ड्यूटी लगी है। ये किसानों के धान से लदे ट्रेक्टर की जांच कर धान के कागजात मांग रहे है,जबकि प्रशासन का कहना है कि उक्त बेरियर नगर पंचायत चुनाव हेतु लगाए गए है। इस वर्ष खरीफ में धान की बम्पर पैदावार ने किसानों को खासी मुसीबत में डाल दिया है।किसानों का धान किसी अवैध मादक पदार्थ जैसे चेक किया जा रहा है।उसके कागजात मांगे जा रहे है,जिससे किसान अपनी मेहनत से उपजाए धान को बेच भी नही पा रहे है जिसके कारण छोटे किसानों के सामने भुखमरी के हालात निर्मित होने लगे है।
मंडी में प्रतिदिन नीलमी
दूसरी ओर स्थानीय कृषि उपज मंडी से मिली जानकारी के अनुसार मंडी में प्रतिदिन नीलामी हो रही है।सोमवार को मौसम खराब होने की वजह से नीलामी नही हो पाई।आज भी नीलामी हो रही है प्रतिदिन कोई 3 से 4 हजार कट्टा धान तक नीलामी हो रही है।स्थानाभाव के कारण धान धिरे धीरे लाने कहा जा रहा है।मंडी में धान लेकर आये एक कृषक रामसजीवन साहू ने बताया कि उनकी 7 एकड़ जमीन में कोई 100 क्विंटल धान उन्होंने अपनी गड़बेड़ा सोसाइटी में बेचा है।इस वर्ष की अच्छी पैदावार के कारण अब शेष 20 क्विंटल धान मंडी में बेचने लाने की अनुमति लेने आये है।
किसान आक्रोशित
शासन के प्रतिदिन बदलते नियमो के कारण किसान भारी आक्रोशित है।किसानों के आक्रोश का मुख्य कारण सरकार द्वारा दिये जा रहे बयानों एवम प्रशासन द्वारा अपनाये जा रहे तरीके में असमानताएं है।मंत्री बयान देते है कि खरीदी केंद्रों पर प्रतिदिन खरीदी की कोई लिमिट नही है।वही सहकारी समिति मंत्रियों के बयान को सीधे झुठलाते हुए आधी खरीदी भी नही कर रहे।पिथौरा सहकारी समिति में प्रतिदिन मात्र 1500 से 2000 क्विंटल तक कि ही खरीदी हो रही है।जिससे सरकारी समय सीमा तक अनेक किसान अपना धान बेचने से वंचित रह सकते है।
भाजपा का प्रदर्शन
दूसरी ओर किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए भाजपा ने किसानों के साथ कौहकूड़ा के पास चक्का जाम कर पिथौरा सहकारी समिति में प्रदर्शन कर प्रतिदिन धान खरीदी की लिमिट बढ़ाने के लिए प्रदर्शन कर टोकन कटवाने का विरोध किया।इस आंदोलन के बाद भाजपा समर्थित किसानों ने अपना धान बेचने सरकारी धान खरीदी केंद्र में टोकन नही लिए।जिसके कारण कांग्रेस समर्थित किसानों ने टोकन लेकर फायदा उठाया।
परिवहन के कारण कम खरीदी
दूसरी ओर स्थानीय सहकारी धान खरीदी केंद्र में लगातार धान खरीदी के कारण पूरी जगह धान से भर गई है।धान का उठाव भी बहुत कम हो रहा है इसलिए धान रखने की जगह नही होने के कारण कम मात्रा में धान की खरीदी की जा रही है।ज्ञात हो कि पिथौरा केंद्र में प्रतिदिन मात्र 1500 क्विंटल ही धान खरीदा जा रहा है।प्रति किसान मात्र 50 क्विंटल के ही टोकन काटे जा रहे है।पूरी अव्यवस्था एवम किसानों की परेशानी के सम्बंध में स्थानीय एस डी एम से चर्चा का प्रयास किया गया परन्तु मोबाइल नही अटेंड होने के कारण चर्चा नही हो पाई।