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October 16, 2024

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विश्व पर्यावरण दिवस पर विशेष… गरियाबंद, धमतरी और बस्तर के जंगलों में कीमती वृक्ष और वन्य जीव अब नहीं रहे महफूज

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  • पट्टे के लालच में उजाड़ रहे हैं जंगल, संरक्षित वन क्षेत्रों में अवैध कब्जों की बाढ़
  • रामकृष्ण ध्रुव

मैनपुर – हर साल 5 जून को पूरे विश्व में पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन जगह -जगह जन जागरूकता रैली के साथ वृक्षा रोपण कार्यक्रम भी किये जाते है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित यह दिवस पर्यावरण के प्रति अंतराष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक और सामाजिक जागृति लाने के लिए मनाया जाता है, लेकिन यह बड़ी विडंबना है कि यह दिवस महज खानापूर्ति बनकर रह गया है, तेजी से जंगल क्षेत्र सिमटते जा रहे हैं। लगातार अवैध कटाई, अवैध अतिक्रमण के चलते पेड़ पौधे नष्ट होते जा रहे हैं। इसीलिए पशु पक्षियों की कई प्रजातियां लुप्त हो गई है। जंगलों से शेर, चीते, बाघ आदि गायब हो चले है,वन्यप्राणी प्राकृतिक संतुलन स्थापित करने में सहायक होते है उनकी घटती संख्या पर्यावरण के घातक है। जैसे गिद्ध जीव की प्रजाति वन जीवन के लिए वरदान है पर अब 90प्रतिशत गिद्ध मर चुके हैं इसलिए कई स्थानों में सड़े मरे हुए जानवर दिख जाते है जबकि अवसतन 20 मिनट में ही गिद्धो का झुण्ड एक बड़े मरे जानवर को खा जाता था। पर्यावरण की दृष्टि से वन्य प्राणियों की रक्षा अनिवार्य है। इसके लिए सरकार और विभाग को वनो के विस्तार की योजना पर गंभीरता से कार्य करना होगा।

ज्ञात हो कि कुछ वर्ष पहले गरियाबंद वन मण्डल एवं उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व क्षेत्र को घनघोर जंगल के नाम से पूरे प्रदेश में प्रसिद्ध था। यही स्थिति बस्तर की हैं। यहां घने जंगल के साथ वन्यप्राणी आसानी से राहगीरों व आने जाने वाले लोगो को दिखाई दे जाता था लेकिन अब धीरे -धीरे जंगल क्षेत्र सीमटता जा रहा है, जिसका मुख्य कारण जंगलो के भीतर हो रहे अवैध कटाई और अवैध अतिक्रमण को भी माना जा सकता है, जिसके कारण जहां वन्यप्राणियो की संख्या भी कम होती जा रही है तो जंगल में वन्यप्राणियों के अनुकुल उन्हे वातावरण नहीं मिलने के कारण वे मानव आबादी के तरफ आ रहे है और अवैध शिकार भी हो जाते है।

खासकर गर्मी के दिनो मे जंगलो के भीतर नदी नाले पोखर सुख जाने से रिहाईशी इलाको में वन्यप्राणियों के आवागमन लगातार बड़ते जा रहा है जो वन्यप्राणी और इंसान दोनो के लिए खतरे से कम नहीं है। वहीं दूसरी ओर जंगलो की सुरक्षा करना सिर्फ वन विभाग का कार्य लोगों ने समझ लिया है जबकि जंगल व वन्यप्राणियो की सुरक्षा प्रत्येक नागरिको को सजगता के साथ करना चाहिए, पर्यावरण सृष्टि का अमूल्य उपहार है और इसे हमे सहेज कर रखना होगा। आज पृथ्वी में लगातार बड़ते हुए पर्यावरण प्रदुषण की समस्या से ग्लोबल वार्मिंग बाढ़ और सूखे जैसे प्राकृतिक आपदाओं की संख्या बढ़ रही है। पर्यावरण की सुरक्षा के लिए हम सभी को एकजूट होकर हर संभव प्रयास करना होगा।

पट्टे के लालच में उजाड़ रहे हैं जंगल, संरक्षित वन क्षेत्रों में अवैध कब्जो की बाढ़

शासन द्वारा गरियाबंद जिला के उदंती अभ्यारण्य और धमतरी जिला के सीतानदी अभ्यारण्य को मिलाकर 20 फरवरी 2009 को उदंती सीतानदी नेशनल टाईगर रिजर्व क्षेत्र बनाया गया है लेकिन इस संरक्षित जंगल टाईगर रिजर्व क्षेत्र में भी वन्य जीवों के साथ जंगल महफूज नजर नहीं आ रहे है। पिछले तीन चार वर्षो के भीतर टाईगर रिजर्व क्षेत्र से जंहा वन्य प्राणी तेन्दुआ, पेंगोलियन, दर्जनों खाल, वन विभाग और पुलिस विभाग ने पकडने में सफलता प्राप्त की है। वही इस जंगल क्षेत्र में जिंदा वन्य प्राणी तेन्दुआ के बच्चे के साथ पेंगोलियन की तस्करी करते तस्करों को पकड़ा गया है और तो और उदंती अभ्यारण्य के भीतर आज से दो वर्ष पहले बडे पैमाने पर अवैध कटाई के मामले सामने आये है।

अक्टुबर 2019 में उदंती अभ्यारण्य क्षेत्र के पीपलखुंटा, हल्दीकछार, गोडेनाफाल, कक्ष क्रमांक 1204 में हजाराें हरे भरे वृक्षों की जमकर अवैध कटाई किया गया है, जिसका आज तक जांच जारी है। टाईगर रिजर्व क्षेत्र के जंगल में लगातार जंगलो के भीतर कीमती वृक्षों की अवैध कटाई के साथ वन्य्र प्राणियों के खाल और जिंदा वन्य प्राणियों की तस्करी के मामले सामने आने के बाद अब क्षेत्र के लोग आसानी से यह सवाल उठाते है कि संरक्षित वन क्षेत्र न तो जंगल सुरक्षित है और न ही वन्य प्राणी और तो और हिरण, कोटरी,सांभर, चीतल, अवैध शिकार के मामले भी लगातार सामने आये है।

एक तरफ सरकार द्वारा संरक्षित वन क्षेत्रो में जंगल और वन्य प्राणियों की सुरक्षा के लिए बडी संख्या में अमला तैनात किया गया है और करोडो रूपये राशि खर्च किया जा रहा है। बावजूद इसके न तो जंगल सुरक्षित है और न ही वन्य प्राणी लगातार ओडिसा क्षेत्र के लोगो के द्वारा टाईगर रिजर्व क्षेत्र के जंगलो में जमकर अवैध कटाई कर अवैध कब्जेे की मामले बढे़ है। जंगल के भीतर घने जंगलो को काटकर नया गांव बसा लिया है। लगातार पेड़ों की अवैध कटाई से जंगल का अस्त्तिव खतरे में आ गया है।

क्या कहते है अधिकारी

इस संबंध में उंदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व क्षेत्र के उपनिदेशक आयुष जैन ने चर्चा में बताया वन विभाग का अमला लगातार जंगल क्षेत्रोे की सुरक्षा में लगे हुए हैं और ओडिसा के रास्ते से कई पेंगोलियन तस्करों तथा वन्य जीवों की खाल की तस्करी करने वालो को पकड़ने में वन विभाग ने सफलता प्राप्त की है। वन विभाग का पुरा अमला जंगल एंव वन्य प्राणियों की सुरक्षा में लगे हैं।

आयुष जैन उपनिदेशक उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व

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