किसानों और गांवों की समृिद्ध से प्रदेश और देश होंगे मजबूत: डॉ. डहरिया
1 min read
देवरी समिति के 2650 किसानों के आठ करोड़ से अधिक का कर्ज माफ
रायपुर । नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया आज आरंग विकासखण्ड के ग्राम बाना में आयोजित ऋण माफी तिहार कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने देवरी सहकारी कृषि साख समिति के अंतर्गत दो हजार 650 किसानों के 8 करोड़ दो लाख 20 हजार 496 रूपए की ऋण माफी के स्वीकृति पत्र किसानों को प्रदान किए।
डॉ. डहरिया ने किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि किसान और गांव मजबूत होंगे, तो प्रदेश और देश मजबूत होगा। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार छत्तीसगढ़ की संस्कृति और परम्परा को सहेजने के साथ-साथ किसानों और ग्रामीणों के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में प्रमुखता से कार्य कर रही है। नरवा, गरूवा, घुरवा और बाड़ी योजना के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को और मजबूत करने तथा यहां की महिलाओं, युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। इस योजना से एक ओर जल संवर्धन के लिए लोगांे को जागरूक किया जा रहा है वहीं स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है।
डॉ. डहरिया ने कहा कि प्रदेश के ऐसे किसानों जिन्होंने सोसायटियों, ग्रामीण बैंकों और राष्ट्रीकृत बैंकों से अल्पकालीन कृषि ऋण लिया है, उसे राज्य सरकार किसानों के हित में निर्णय लेते हुए उनका ऋण माफ कर दिया गया है। इसी तरह श्री भूपेश बघेल की सरकार ने 400 यूनिट तक बिजली बिल हाफ करने, प्रत्येक बीपीएल परिवारों को 35 किलो चावल की पात्रता प्रदान करते हुए पांच से अधिक सदस्य होने की स्थिति में प्रति सदस्य सात किलो की दर से अतिरिक्त चावल देने का निर्णय लिया है। एपीएल परिवारों को भी बहुत ही कम कीमत मात्र 10 रूपए किलो की दर से चावल प्रदान करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि ऐसे किसान जिन्होंने कृषि ऋण लिया है, लेकिन लंबे समय से ऋण भुगतान नहीं कर पाये हैं, उनका वन टाइम्स सेटलमेंट के तहत कर्ज माफी किया जा रहा है। इसके तहत ऋण की आधी राशि राज्य शासन द्वारा दी जाएगी। कार्यक्रम में जनपद पंचायत आरंग के अध्यक्ष श्री दिनेश ठाकुर सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण और किसान उपस्थित थे।