स्टील सेक्टर को लेकर केंद्रीय इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने दिए दस मंत्र
1 min readस्टील सेक्टर के एक प्रतिनधियों के साथ मंत्री संग किया चिंतन
इकोनॉमी को दिशा देंगे धर्मेंद्र प्रधान के 10 मंत्र
राउरकेला। देश की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन की इकोनॉमी बनाने में स्टील सेक्टर की अहम भूमिका होगी। इस्पात क्षेत्र के अर्थव्यस्था के अन्य क्षेत्रों में भूमिका बढ़ाने के लिए नई दिल्ली में चिंतन शिविर का आयोजन किया गया। दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर में आयोजित इस शिविर में अलग अलग सत्रों में 1000 से अधिक प्रतिनिधियों ने स्टील सेक्टर से जुड़े अपने अनुभव और सुझाव साझा किए। इस मौके पर केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस तथा इस्पात मंत्री खुद लगभग चार घण्टे तक इस्पात क्षेत्र के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की। इस मौके पर उन्होंने स्टील सेक्टर को 10 मन्त्र दिए। पहला मंत्र खनिज और कच्चे माल के ‘जीरो एक्सपोर्ट’ की राह पर बढ़ें: चिंतन शिविर में केंद्रीय इस्पात मंत्री ने कहा कि हमारा प्रयास होना चाहिए कि देश से खनिज और कच्चे माल का निर्यात न हो। उन्होंने जापान का उदाहरण देकर बताया कि कैसे वह दूसरे देश के कच्चे माल से अन्य देशों को उत्पाद निर्यात कर रहा है।
दूसरा मंत्र ‘इस्पाती इरादों’ से हासिल होंगे वैश्विक लक्ष्य: इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज दुनिया का हर देश भारत के साथ कारोबार करना चाहता है।उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि रूस जैसे देश को हम आर्थिक सहयोग कर रहे हैं जबकि मंगोलिया जैसे देश में हम रेल लाइन बिछाने जा रहे हैं। दुनिया का हर देश हमारे साथ कारोबार का इच्छुक है। तीसरा मंत्र चीन से ‘भारत’ आएंगी कंपनियां:भारत-चीन के बीच ट्रेड वॉर जारी है, इसका फायदा हमें उठाना चाहिए। वहां से जो कंपनियां बाहर जा रही हैं, उनको हम अपने यहां आमंत्रित करें। निवेश आकर्षित करने का यह सबसे अनुकूल समय है।चौथा मंत्र जिससे तेल खरीदेंगे उसे ‘स्टील’ भी बेचेंगे:केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री का कहना है कि ग्लोबलाइजेशन में एक देश से सिर्फ आयात या निर्यात नहीं होता। हम यदि किसी देश से तेल खरीद रहे हैं तो उसे हमारा स्टील भी खरीदना होगा। उल्लेखनीय है कि हालही में खाड़ी के कई देशों की यात्रा के दौरान धर्मेंद्र प्रधान ने वहां की इकोनॉमी में स्टील की खपत (अनुपात) बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। इससे भारतीय स्टील का निर्यात बढ़ेगा।पांचवां मंत्र-घरेलू मांग से मिलेगा बूस्टर:स्टील मंत्री ने कहा कि वैश्विक मांग की आपूर्ति और अवसर को प्राथमिकता में लेने के साथ घरेलू बाजार को भी मजबूत करना होगा। उन्होंने कहा कि प्रधामंत्री आवास योजना से बने घर हों, एलपीजी के दिए जा रहे नए कनेक्शन या सड़कों का निर्माण। हर जगह स्टील सेक्टर के लिए कारोबार विस्तार की राहें खुली हैं। जरूरत इस पर चलने की है।छठा-नई तकनीक से कम होगी लागत:केंद्रीय इस्पात मंत्री ने कहा कि तकनीकी नवाचार से उत्पादन (प्रोडकशन) को कॉस्ट एफेक्टिव बनाएं।सातवां-पूर्वी भारत है ग्रोथ का इंजन:अपने उद्बोधन में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार पूर्वी भारत को आर्थिक तरक्की का इंजन बनाने की नीति पर काम कर रही है, इस क्षेत्र की भौगोलिक, खनिज और मानव संसाधन क्षमता का उपयोग इस्पात क्षेत्र के अनुकूल है। इसे अवसर में बदलना होगा। पूर्वी भारत को देश का स्टील हब बनाना है। आठवां-आर्थिक विकास में सरकारी दखल मंजूर नहीं:इस अवसर पर धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि मैं पीएम मोदी के मिनिमम गवनर्मेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस नीति का सबसे बड़ा पैरोकार हूँ। मैं भरोसा दिलाता हूं कि स्टील सेक्टर को आगे ले जाने में जटिल सरकारी नीतियां और लालफीताशाही जैसी अड़चने नहीं आएंगी।नौंवा मंत्र- जीवन स्तर में गुणात्मक बदलाव लाएं:प्रधान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने लोगों के जीवन स्तर को ऊंचा करने के लिए जिस तरह के प्रयास किए हैं, उसके परिणाम हर क्षेत्र में दिख रहे हैं। अब लोग आर्थिक वृद्धि के आंशिक आंकड़ों से खुश नहीं होंगे। अब आपको लोगों के जीवन स्तर में व्यापक बदलाव लाना होगा।दसवां मंत्र-इंडस्ट्री के सुझावों पर अमल होगा:धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि उन्होंने जब से इस्पात मंत्रालय का जिम्मा संभाला है। इस इंडस्ट्री के सभी शेयरधारकों से मिल रहे हैं। यह आयोजन भी उसी क्रम का हिस्सा है।छोटे और मझोले कारोबारियों के साथ श्रमिकों के हित मे जो भी सुझाव आएंगे। हम उन्हें अमलीजामा पहनाएंगे।