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November 19, 2024

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ताऊ ते तूफान से भारी तबाही, 620 लोगों को बचाई जान, 150 से अधिक लापता

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  • तूफान के कारण 28,702 कच्चे और 1327 पक्के मकानों को नुकसान हुआ है
  • वहीं Tauk tae तूफान से प्रभावित 2.38 लाख लोगों को शेल्टर होम में रखा गया, जिससे उनकी जान बची

गुजरात, दिल्ली। इधर कुछ दिनों में चक्रवाती तूफान ताऊ ते ने समुंद्र के तटीय इलाकों में भारी तबाही मचाई है। अब ताऊ ते गुजरात के बाद अब राजस्थान की ओर रूख कर लिया है। राजस्थान में भयंकर आंधी से पेड़ उखड़ गए हैं, वहीं जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। तूफान के दौरान चार जहाज भी लापता हो गए थे, जिसमें कुल 707 लोग सवार थे, जिनमें से 620 लोगों को बचा लिया गया है। आपको बता दें कि तूफान ने अपने पीछे तबाही के कई निशान छोड़ दिए है। इस चक्रवाती तूफान के कारण गुजरात के तटीय इलाके बूरी तरह से तबाह हो गए हैं। सबसे ज्यादा नुकसान अमरेली, गिर-सोमनाथ, जूनागढ़, पोरबंदर, राजकोट, भावनगर, बोटाद जिलों में हुआ है। वहीं चार जिलों में 1100 करोड़ की फसल बरबाद हो गईं है।

नौसेना से जज्बे से बचीं 620 जिंदगियां

बता दें कि Tauk tae तूफान के दौरान चार जहाज भी लापता हो गए थे, जिसमें कुल 707 लोग सवार थे, जिनमें से 620 लोगों को बचा लिया गया है। रेस्क्यू को लेकर आईएनएस कोच्चि के कैप्टन सचिन सिक्वेरी ने बताया कि हवाएं 100 किमी/घंटे की रफ्तार से चल रही थीं। 10-10 मीटर तक ऊंची लहरें उठ रही थीं। इन स्थितियों में भी हमारी टीम लगातार लोगों की तलाश करती रही, लेकिन फिर भी 188 लोगों को बचाने में सफल रही।

दहशत का मंजर, 25 घंटे तक मौत से जूझती रहीं करीब 100 से अधिक जिंदगियां

शिप में फंसे ओएनजीसी के 29 वर्षीय डेटा इंजीनियर आकाश भटनागर ने बताया कि मैं कंपनी के 101 साथियों के साथ 9 मई को भूषण शिप पर सवार हुआ था। एक दिन बाद ही तूफान की खबरें आने लगी थीं. 16 मई, रात 11 बजे समुद्र में तेज लहरें उठने लगीं। जब तक हम कुछ समझ पाते, तब तक शिप नियंत्रण से बाहर होकर लहरों के साथ चलने लगा, जिसके बाद शिप पर अफरा-तफरी मच गई. आंखों के सामने मौत का मंजर तैरने लगा।

उम्मीद थी कि सुबह राहत मिलेगी. लेकिन, सुबह होते ही तूफान के भयावह दृश्य को देखकर लगा कि अब बचना मुश्किल है. 25 घंटे तक अनियंत्रित शिप तूफान के साथ बहता रहा. 17 मई, रात 12 बजे एक जगह शिप खुद रुका. हम गुजरात सीमा में थे. कुछ घंटों बाद नौसेना का दल पहुंचा, जो हमारे शिप को खींचकर मुंबई ले गया और हम बच गए.

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