राजीव गांधी किसान न्याय योजना फसल परिवर्तन में सबसे ज्यादा रूची मैनपुर विकासखण्ड क्षेत्र के किसानों ने दिखाई
- शेख हसन खान, गरियाबंद
- मैनपुर विकासखण्ड क्षेत्र में दलहन, तिलहन की फसलों को लगाने के लिए किसानों को किया जा रहा है लगातार प्रेरित
- 1132 किसानों ने 502.09 हेक्टेयर के लिए सहमति पत्र भरकर दिया
- गरियाबंद कलेक्टर के निर्देश पर ग्राम पंचायत स्तर पर कृषक संगोष्ठी और शिविर का आयोजन
मैनपुर – कृषि विभाग मैनपुर द्वारा इन दिनों ग्राम पंचायत स्तर पर कृषक संगोष्ठी व शिविर का आयोजन कर राजीव गांधी किसान न्याय योजना अंतर्गत फसल परिवर्तन के लिए विशेष मुहिम चलाई जा रही है। गरियाबंद कलेक्टर श्रीमती नम्रता गांधी के निर्देश के बाद कृषि विभाग का अमला लगातार राजीव गांधी किसान न्याय योजना अंतर्गत फसल परिवर्तन के लिए विशेष मेहनत करते नजर आ रहे हैं और पुरे गरियाबंद जिले में सबसे ज्यादा मैनपुर विकासखण्ड में 1132 किसानों ने 502.09 हेक्टेयर में फसल परिवर्तन के लिए सहमति पत्र भरकर दिया है जिसमें जिला पंचायत सभापति लोकेश्वरी नेताम ने भी सहमति पत्र भरा है और किसानों को फसल परिवर्तन के लिए अपील किया है।
राजीव गांधी किसान न्याय योजनांर्तगत फसल परिवर्तन मुहिम विकासखंड मैनपुर के 1132 किसानों ने 502.09 हेक्टेयर के लिये सहमति पत्र दिया मुख्यमंत्री भुपेश बघेल के महत्वाकांक्षी योजना राजीव गांधी किसान न्याय योजनांतर्गत विकास खण्ड के किसानों व जनप्रतिनिधियों द्वारा विशेष रूची दिखाई दे रही है व सहमति पत्र दिया जा रहा। गरियाबंद कलेक्टर के निर्देशानुसार उपसंचालक कृषि संदीप भोई व अनुविभागीय अधिकारी राजस्व मैनपुर सूरज साहू के द्वारा गठित टीम मैदानी स्तर के कर्मचारी व अधिकारीयों की संयुक्त टीम जिसमें कृषि विस्तार अधिकारी पटवारी सहकारी समिति के कर्मचारी सचिव आदि के द्वारा ग्राम पंचायत स्तर पर कृषक संगोष्ठी व शिविर का आयोजन कर किसान क्रेडिट कार्ड प्राधानमंत्री सम्मान निधि अंर्तगत ईकेवाएसी , राजीव गांधी किसान न्याय योजनांर्तगत फसल परिवर्तन हेतु विशेष मुहीम चलाई जा रही है। शिविर में किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड ईकेवाएसी फसल परिवर्तन हेतु सहमति पत्र लिया जा रहा है। विगत एक माह से चल रहे शिविरों में विकास खण्ड के कुल 1132 किसानों द्वारा 502.09 हेक्टेयर में फसल परिवर्तन हेतु सहमति पत्र दिया गया है ।
- क्या है राजीव गांधी किसान न्याय योजना में फसल परिवर्तन
इस योजना में किसानो द्वारा पिछले वर्ष जिस रकबे में धान बेचे हैं । उसके स्थान पर सुगंधित धान , फोर्टिफाइट धान , मक्का , कोदो , कुटकी , रागी , उडद , मूंग , अरहर , गन्ना , तिल , कुल्थी , साग सब्जी व अन्य फसल लेता है तो उसे शासन द्वारा 10000.00 रू . प्रति एकड प्रोत्साहन राशि मिलेगा, और यदि उस रकबे पर वृक्षारोपण करता है तो उसे 10000.00 रू . प्रति एकड तीन वर्षों तक प्रोत्साहन राशि मिलेगा, फसल परिवर्तन में जनप्रतिनिधियों द्वारा विशेष रूचि दिखाई जा रही है, जिला कृषि स्थाई समिति अध्यक्ष श्रीमति लोकेश्वरी नेताम द्वारा भी फसल परिवर्तन हेतु सहमति भरा गया व किसानों से फसल परिवर्तन करने हेतु अपील की गई है ।
- क्या कहते है कृषि विभाग गरियाबंद के उपसंचालक
कृषि विभाग गरियाबंद के उपसंचालक संदीप भोई ने बताया कि टिकरे जमीन वाली खेत जिसमें गत वर्ष किसानों द्वारा धान बेचा गया है जहां जलभराव की क्षमता कम होती है। धान का उत्पादन कम होता है उस स्थान पर दलहन , तिलहन , व मक्का की फसल किसान ले सकते है तथा गहरी जमीन पर सुगंधित धान व फोटिफाइट धान लेकर फसल परिवर्तन कर के इस योजना का लाभ उठायें ।
- क्या कहते है एसडीएम
मैनपुर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सूरज कुमार साहू ने कहा कि मैनपुर विकासखण्ड में किसानों द्वारा फसल परिवर्तन में अच्छी रूची दिखाई जा रही है। ग्राम स्तर पर कृषक संगोष्ठी 30 अप्रैल तक जारी रहेगी किसान अधिक से अधिक संख्या में फसल परिवर्तन का लाभ उठा सकते है ।