रतनपुर स्थित लखनी देवी मंदिर में आंवला नवमी का पर्व मनाया गया
1 min readरतनपुर:हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी महामाया मंदिर ट्रस्ट द्वारा लखनी देवी मंदिर में आंवला नवमी का आयोजन किया गया, जिसमें शामिल होने आसपास के क्षेत्र एवम दूर दूर से हजारों लोग पहुंचे। यहां मौजूद आंवला पेड़ का सुहागिन और महिलाओं ने पारंपरिक ढंग से पूजा-अर्चना कर कन्या पूजन के साथ आंवला भोज का भी आयोजन किया गया। आंवला पेड़ की छांव में बैठकर लोगों ने प्रसाद भोजन का आनंद उठाया। आंवला नवमी पर पारंपरिक रूप से आंवला पेड़ की पूजा अर्चना की परंपरा है। कार्तिक शुक्ल पक्ष नवमी तिथि पर आंवला वृक्ष के आसपास पित्तर विचरण करते हैं, जो इस पूजा से प्रसन्न होते हैं।
इस दिन गोमुख धारा अर्पण विधि से आंवला वृक्ष की पूजा की गयी। सुहाग सामग्री और बिशेष प्रसाद अर्पित कर कर्पूर आरती की गयी। मान्यता है कि इस दिन आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर भोजन करने से अक्षय सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा से आरोग्य फल की भी प्राप्ति होती है, जिसका लाभ आम लोगों को मिल सके इसीलिए यह पर्व मनाया गया। आंवला नवमी पर दान पुण्य के साथ आंवला पेड़ की पूजा करने और उसकी छांव में भोजन करने का विशेष महत्व है ।
क्योंकि शास्त्र अनुसार नवमी से लेकर पूर्णिमा तक भगवान विष्णु का वास आंवले के पेड़ पर रहता है और इस दौरान नवमी तिथि पर आंवले के पेड़ की पूजा करने से सभी मनोकामना पूरे होते हैं। संतान प्राप्ति के साथ जन आरोग्य का भी वरदान प्राप्त होता है। । मान्यता यह भी अक्षय नवमी पर विधि विधान के साथ पूजा अर्चना करने से सभी इच्छाएं पूर्ण होती है, इसलिए इसे इच्छा नवमी भी कहते हैं।। विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी सिद्ध शक्तिपीठ श्री महामाया देवी मंदिर ट्रस्ट द्वारा लखनी देवी मंदिर रतनपुर में आंवला पूजन एवं आंवला भोज कार्यक्रम का आयोजन किया गया , जिसमें ट्रस्ट के पदाधिकारियों के साथ अन्य गणमान्य अतिथि भी मौजूद रहे। यहां आयोजित भोज में सभी वर्गों के लोग ने शामिल होकर प्रसाद ग्रहण किया।