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October 17, 2024

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गांव तक नहीं है पक्की सड़क, दलदल कीचड के कारण मरीज को खाट में लीटाकर अस्पताल ले जाने हो रहे हैं ग्रामीण मजबूर

  • न्यूज रिपोर्टर, रामकृष्ण ध्रुव
  • आदिवासी ग्रामीणाें ने कहा सरकार से कई बार सड़क निर्माण की मांगकर थक चुके है पर हमारी समस्याओं को सुनने वाला कोई नहीं

मैनपुर – दाबरीभांठा में रहने वाले 40 आदिवासी परिवारों ने छत्तीसगढ के सरकार से पक्की सड़क निर्माण गुहार लगाई है. ग्रामीणों का कहना है कि पक्की ही न सही मजबूत (मुरम की) कच्ची सड़क बना दो. आखिर कब तक मरीजों की जान दांव पर लगाए. बरसात में मरीजों को खाट पर लाद कर ले जाना पड़ता है। कच्ची सड़क के कारण दुपहिया चलाना मुश्किल हो गया है. एंबुलेंस पहुंचना तो दूर की बात है, दरअसल, देवभोग ब्लॉक के नवीन सूकलीभांठा पंचायत में लगभग 1700 की आबादी निवासरत है. इस पंचायत के आश्रित ग्राम दाबरीभांठा में 40 आदिवासी परिवार निवास करते हैं, जिन्हें पंचायत मुख्यालय तक जाना हो या देवभोग जाने वाली साहसखोल की पक्की सड़क तक पहुंचना हो तो बारिश के दिनों में पैदल ही जाना पड़ता है।

ग्रामीण भुनेश्वर नागेश, तपी नेताम, मदन मांझी ने बताया की गांव के बसने के बाद लगातार बजे जनप्रतिनिधि व सरपंच केवल आश्वसन देते हैं। सड़क कोई नहीं बनाता जिसके कारण बारिश के दिनो में यह सडक बेहद दलदल और कीचड युक्त हो जाता है। गंभीर बीमार की स्थिति में मरीज को खाट में लादकर आधा किलोमीटर ले जाना पड़ता है। खराब सडक होने के कारण रविवार को बुखार से तप रहे 15 वर्षीय जगबंधु नेताम को अस्पताल तक लाने के लिए परिवार वालों को भारी परेशानियों का सामना करना पडा।

जगबंधु नेताम के दादा जयसिंह नेताम ने बताया कि उनके पोते को शुक्रवार से बुखार था स्थानीय ईलाज से ठीक नही हुआ, गांव में दुपहिया व चारपहिया बारिश में होने वाले दलदल सडक के कारण जा नही सकता था। देवभोग अस्पताल लाने के लिए साहसखोल पक्की सड़क को जोड़ने वाला रास्ता 2 किमी है, जिसमें आधा किमी का ही पेंच दलदल है इसलिए इस रास्ता को चुना। इस दलदल वाले पेंच से मरीज को पार करने खटिया में लादकर पार करना पड़ा, क्योंकि बुखार से तप रहा पोता पैदल नहीं चल सकता था. जयसिंह ने कहा कि पिछले कई वर्षों से ऐसी मुसीबत का सामना ग्रामीण करते आ रहे हैं। गर्भवती माताओं को भी ऐसे ही पार कराना पड़ता है।
सरपंच दया राम बीसी ने कहा कि गांव तक पक्की सड़क निर्माण के लिए ग्राम पंचायत से कई बार प्रस्ताव बनाकर भेजा जा चुका है।
क्या कहते है सीईओ
जनपद सीईओ एमएल मंडावी ने कहा कि वे स्वंय इस मार्ग का जायजा लेने जायेंगे। पंचायत के अवाला किसी अन्य योजना के तहत हर संभव प्रयास कर इस सड़क का निर्माण करवाया जायेगा ।

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