उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में से 27 जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष के पद पर कोई आरक्षण नहीं है, बलिया अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित
उत्तर प्रदेश में जिला पंचायत के चुनाव की तैयारी के बीच शुक्रवार को आरक्षण की सूची जारी की गई है। उत्तर प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनाव 2021 के लिए आरक्षण अधिसूचना जारी कर दी गई है। प्रदेश के अपर मुख्य सचिव पंचायती राज मनोज कुमार सिंह ने जिला पंचायत अध्यक्ष व ब्लाक प्रमुखों की आरक्षण व्यवस्था का ब्यौरा दिया।
जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए 27 सीट अनारक्षित: जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए अलीगढ़, हाथरस, आगरा, मथुरा, प्रयागराज, फतेहपुर, कानपुर देहात, गोरखपुर, देवरिया, महराजगंज, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, अयोध्या, सुलतानपुर, शाहजहांपुर, सिद्धार्थनगर, मुरादाबाद, बिजनौर, रामपुर, अमरोहा, मेरठ, बुलंदशहर, गाजियाबाद, उन्नाव, भदोही तथा गौतमबुद्धनगर में जिला की सीट अनारक्षित है।
25 महिलाएं बनेंगी जिला पंचायत अध्यक्ष : उत्तर प्रदेश की 75 जिला पंचायतों में से 25 में महिला अध्यक्ष चुनी जाएंगी। इनमें सामान्य वर्ग की महिलाओं के लिए कासगंज, फीरोजाबाद, मैनपुरी, मऊ, प्रतापगढ़, कन्नौज, हमीरपुर, बहराइच, अमेठी, गाजीपुर, जौनपुर, सोनभद्र जिले घोषित किए गए हैं। अनुसूचित जाति वर्ग की महिलाओं के लिए शामली, बागपत, लखनऊ, कौशांबी, सीतापुर, हरदोई। ओबीसी वर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षित जिले संभल, हापुड़, एटा, बरेली, कुशीनगर, वाराणसी और बदायूं हैं।
इस अधिसूचना के अनुसार पंचायत अध्यक्ष के 27 पद अनारक्षित हैं, जबकि महिलाओं के लिए 12, ओबीसी के लिए 27 और एससी के लिए 16 पद आरक्षित किये गए हैं। वहीं ब्लॉक प्रमुखों के 826 पदों में से 314 अनारक्षित हैं। महिलाओं के लिए 113, ओबीसी के लिए 223 और एससी के लिए 171 पद आरक्षित किये गए हैं। पहली बार एसटी के लिए पांच पद आरक्षित हैं। ग्राम प्रधानों के लिए 20268 पद अनारक्षित हैं। महिला के लिए 9739, ओबीसी के लिए 15712, एससी के लिए 12045 तथा एसटी के लिए 330 सीट रिजर्व हैं। ग्राम प्रधानों के लिए 20268 पद अनारक्षित रखे गए हैं जबकि महिलाओं के लिए 9739, ओबीसी के लिए 15712, एससी के लिए 12045 और एसटी के लिए 330 पद रिजर्व हैं। लखनऊ जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट एससी महिला के लिए तथा वाराणसी की टीम ओबीसी के लिए आरक्षित है। गोरखपुर जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर कोई आरक्षण नहीं है। यह सामान्य सीट है।
पद अनारक्षित हैं, जबकि महिलाओं के लिए 12, ओबीसी के लिए 27 और एससी के लिए 16 पद आरक्षित किये गए हैं। वहीं ब्लॉक प्रमुखों के 826 पदों में से 314 अनारक्षित हैं। महिलाओं के लिए 113, ओबीसी के लिए 223 और एससी के लिए 171 पद आरक्षित किये गए हैं। पहली बार एसटी के लिए पांच पद आरक्षित हैं। ग्राम प्रधानों के लिए 20268 पद अनारक्षित हैं। महिला के लिए 9739, ओबीसी के लिए 15712, एससी के लिए 12045 तथा एसटी के लिए 330 सीट रिजर्व हैं। ग्राम प्रधानों के लिए 20268 पद अनारक्षित रखे गए हैं जबकि महिलाओं के लिए 9739, ओबीसी के लिए 15712, एससी के लिए 12045 और एसटी के लिए 330 पद रिजर्व हैं। लखनऊ जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट एससी महिला के लिए तथा वाराणसी की टीम ओबीसी के लिए आरक्षित है। गोरखपुर जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर कोई आरक्षण नहीं है। यह सामान्य सीट है।
प्रदेश के 75 जिलों में से 27 जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष के पद पर कोई आरक्षण नहीं है।
मनोज कुमार सिंह ने कहा कि कल सरकार ने जो त्रिस्तरीय सामान्य निर्वाचन नियमावली को जारी किया था उस पॉलिसी के अधीन जो रिजर्वेशन बने हैं 75 जिला पंचायतों के उनका आदेश आज जारी किया जा रहा है।
जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए 27 सीट अनारक्षित: जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए अलीगढ़, हाथरस, आगरा, मथुरा, प्रयागराज, फतेहपुर, कानपुर देहात, गोरखपुर, देवरिया, महराजगंज, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, अयोध्या, सुलतानपुर, शाहजहांपुर, सिद्धार्थनगर, मुरादाबाद, बिजनौर, रामपुर, अमरोहा, मेरठ, बुलंदशहर, गाजियाबाद, उन्नाव, भदोही तथा गौतमबुद्धनगर में जिला की सीट अनारक्षित है।
25 महिलाएं बनेंगी जिला पंचायत अध्यक्ष : उत्तर प्रदेश की 75 जिला पंचायतों में से 25 में महिला अध्यक्ष चुनी जाएंगी। इनमें सामान्य वर्ग की महिलाओं के लिए कासगंज, फीरोजाबाद, मैनपुरी, मऊ, प्रतापगढ़, कन्नौज, हमीरपुर, बहराइच, अमेठी, गाजीपुर, जौनपुर, सोनभद्र जिले घोषित किए गए हैं। अनुसूचित जाति वर्ग की महिलाओं के लिए शामली, बागपत, लखनऊ, कौशांबी, सीतापुर, हरदोई। ओबीसी वर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षित जिले संभल, हापुड़, एटा, बरेली, कुशीनगर, वाराणसी और बदायूं हैं।
मनोज कुमार सिंह ने कहा कि कल सरकार ने जो त्रिस्तरीय सामान्य निर्वाचन नियमावली को जारी किया था उस पॉलिसी के अधीन जो रिजर्वेशन बने हैं 75 जिला पंचायतों के उनका आदेश आज जारी किया जा रहा है। इसके तहत 16 जिले अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। महिलाओं के लिए छह सीट आरक्षित हैं। शामली, बागपत, कौशांबी, सीतापुर व हरदोई महिला के लिए आरक्षित हैं। पिछड़ी जाति में महिलाओं के लिए सात आरक्षित सीटें एवं पिछड़ा वर्ग के लिए 13 सीटें आरक्षित गई है। इसके साथ ही गांव में कोई 60 लाख की आबादी कम हुई है दो लाख 15 के निर्वाचन के समय 15 करोड़ 80 लाख थी 2021 में जो अब चुनाव कराने जा रहे हैं तो यह संख्या 60 करोड़ 20 लाख है।