किसान महापंचायत को सफल बनाने मैनपुर के गांव गांव इन दिनाें चल रही है बैठक
1 min read- न्यूज रिपोर्टर, रामकृष्ण ध्रुव
- मोदी सरकार के तानाशाही रवैये से देश के किसान परेशान – भोजलाल नेताम
मैनपुर – भारत महासभा किसान अध्यक्ष भोजलाल नेताम के नेतृत्व में इन दिनाें मैनपुर विकासखण्ड के गांव गांव बैठक आयोजित कर 28 सितम्बर राजिम में आयोजित होने वाले किसान पंचायत को सफल बनाने बैठक किया जा रहा है। आज ग्राम जिडार में आदिवासी भारत महासभा का बैठक आयोजित किया गया। बैठक में केन्द्र की मोदी सरकार के द्वारा थोपी जा रही तीन कृषि कानूनों की वापसी, सभी फसलों का समर्थन मूल्य पर खरीदी, एनएसपी पर कानून बनाने की मांग को लेकर चर्चा किया गया, साथ ही दिल्ली के सीमाओं पर किसान का विगत 09 माह से आंदोलन जारी है लेकिन केन्द्र की मोदी सरकार अडानी ,अम्बानी और बड़े उद्योग पतियों को फायदा पहुंचाने के लिए और किसानों को कॉरपोरेटों का गुलाम बनाने के लिए इन तीन कृषि कानून लाया है। आदिवासी भारत महासभा एवं आखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान संगठन ने मोदी सरकार से मांग किया है कि तत्काल तीनो कृषि कानूनों को वापस लिया जाए।
पहला कानून -कृषि उपज व्यापार एवं वाणिज्य देश में इस कानून के लागू होने से कृषि उपज मंडी खत्म हो जाएंगे। दूसरा कानून – मूल्य आश्वासन एवं कृषि सेवाओं संबंधित सशक्तिकरण एवं संरक्षण कराये यह कानून लागू होने से ठेका खेती का रास्ता साफ हो जाएगा । तीसरा कानून-आवश्यक वस्तु संशोधित अधिनियम इस कानून के बाद आवश्यक वस्तुओं की जमाखोरी बढ़ जाएगी। इस तरह देश की खाद्य सुरक्षा, राशन प्रणाली खत्म हो जाएगी, महंगाई, भुखमरी और कुपोषण बढ़ेगा।
बीजेपी की तानाशाही मोदी सरकार द्वारा कृषि के कॉरपोरेटीकरण के लिए तीन कृषि कानूनों को पास किया गया है। ये कानून कृषि को बड़े कारपोरेट घरानों और बहुराष्ट्रीय कंपनियों के हवाले करने जमाखोरी को बढ़ावा देने, अनाज मण्डी और न्यूनतम समर्थन मूल्य व्यवस्था को खत्म करने और ठेका खेती को बढ़ाना देने के लिए है। इस पर बिजली विधेयक 2020 को जबरन थोपा जा रहा है जिससे खेती के लिए बिजली पर सब्सिडी खत्म हो जाएगी और बिजली के बिल बहुत बढ़ जाएंगे , हमारा दिल्ली के सँघर्षरत किसानों की मांगों का पूर्ण समर्थन करती है और सरकार से हम मांग करते है कि तीनों किसान विरोधी काले कानूनो को रद्द किया जाए और न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी का कानून बनाया जाए।
हमारी पांच मांग
1राज्य में सभी क्षेत्रों मे चुनी हुई कृषि उपज मंडीयो का निर्माण किया जाए। 2 सभी कृषि उपजो के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुसार न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान किया जाए। 3 – केंद्र एंव राज्य सरकार द्वारा कृषि उपजों की खरीदी की गारंटी तय किया जाय। 4- कृषि क्षेत्रों से कार्पोरेट घरानों को बाहर किया जाए 5 कृषि लागतो पर राजकीय अनुदान प्रदान किया जाए।
आज की बैठक में प्रमुख रूप से आदिवासी भारत महासभा किसान अध्यक्ष भोजलाल नेताम सौरा यादव, भीमसेन मरकाम, युवराज नेताम, गौखरण नागेश, परमेश्वर मरकाम पदमलाल नेताम, प्रतापसिंह मरकाम, चैनसिंह सांडे, हुमनसिंह मरकाम, विजय मरकाम, मुखियार सिंह, हरिराम मरकाम, गोपीराम यादव, खेमसिंह कोमर्रा जीवन लाल एंव अन्य ग्रामीण उपस्थित थे।