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November 19, 2024

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गर्भवती को आदिवासियों ने उफनती नदी पार कर पहुंचाया अस्पताल

Tribal people cross pregnant women crossing the river

आज भी मौलिक सुविधाओ से वंचित है आदिवासी
नुआपाड़ा/खरियार रोड। ओडिशा प्रदेश सरकार द्वारा गर्भवति महिलाओं के लिए अनेक योजनाओ को किये जाने के बावजूद सारी योजनाए जमीनी हकीकत से परे है। आज भी कई गांव ऐसे जहाँ के निवासी ऐसी योजनाओ से कोसो दूर है। प्रदेश सरकार की गर्भवति महिलाओं के लिए लागू सभी योजना शुक्रवार को शर्मशार हो गई जब एक गर्भवती महिला को अस्पताल तक पहुचाने के लिए उफनती हुई नदी में लगभग छाती तक पानी में से पार कर अस्पताल पहुचाया गया।

Tribal people cross pregnant women crossing the river

घटना नुआपाड़ा जिले के सिनापाली ब्लाक की है। सूचना के अनुसार घाटमाल पंचायत के चितारमा गाँव के बिजेश्वर चिन्दा की पत्नि नीरू चिन्दा को शुक्रवार की शाम को प्रसव पीड़ा आरम्भ हुई। नीरू की बिगड़ती हुई हालत देख आशा दीदी ने उसे सिनापाली अस्पताल पहुचाने की सलाह दी। छत्तीसगढ़ सिमा पर घने जंगल के बीच बसे उक्त गाँव से सिनापाली आने के लिए उदंती नदी को पार करना होता है।

Tribal people cross pregnant women crossing the river

नीरू के रिश्तेदार , आशा दीदी एवं गाँव वालों ने छाती तक पानी के तेज बहाव वाली उदन्ति नदी को पार कर सिन्दूरशील गाँव पहुचे। संयोग उक्त गाँव मे स्वास्थ विभाग द्वारा मलेरिया एवं डेंगू का सचेतना शिविर चल रहा था। स्वास्थ अधिकारियों ने नीरू को सिनापाली अस्पताल पहुचाया। वर्तमान में नीरू का इलाज जारी है। सोचने वाली बात यह है कि आदिवासी बहुल नुआपाड़ा की बहुत सी आबादी आज भी इन जंगलो के बीच अपना जीवन यापन कर रही है। देश जहाँ चांद पर दूसरी बार चंद्रयान भेज चुका है ये आदिवासी लोग आज भी चांद की रौशनी में रात गुजारने को मजबूर है। इस तरह की समस्या से हर साल आदिवासी गुजरते है।

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