विकास की राह ताकते वनांचलवासी, खल्लारी क्षेत्र के आदिवासी स्वयं बना रहे रास्ते
- धमतरी से राजू पटेल की रिपोर्ट
धमतरी से लगे खल्लारी क्षेत्र के आदिवासी ग्रामीण अब शासन की विकास कार्यो की उम्मीद छोड़ दिये ग्रामीणों की आज मुख्य मूलभूत सुविधाओ का दरकार है जिसके चलते अब ग्रामीण खुद श्रमदान कर सडक पूल मरम्मत कार्य कर रहे हैं| ग्रामीणों में पंचायत प्रतिनिधियो से लेकर जनप्रतिनिधि व शासन की कार्यशैली को लेकर रोष पनपने लगा है|
जिला मुख्यालय धमतरी से लगभग एक सौ दस किमी की दूरी पर बसा ग्राम पंचायत खल्लारी समेत आसपास की पंचायत समेत करीब दर्जनभर से अधिक आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के ग्रामीण आज मुख्य मूल भूत विकास कार्यों से वंचित हैं| ग्रामीण मीनाबाई मरकाम, सोहद्रा बाई ,कौशिल्या बाई का कहना है की हमारा क्षेत्र पूरा आदिवासी बाहुल्य है और यहा जितने भी जनप्रतिनिधि है वो भी आदिवासी उसके बाद भी हमारे यहा विकास नहीं हो रहा| हमें बस यहाँ वोट बैक के रूप मे इस्तमाल करते हैं| जब चुनाव आता है तो यहा सभी लोग आ जाते हैं|
वोट मागने और चुनाव जितने के बाद कोई मुड़कर नहीं देखता जब हम विकास की माग लेकर जाते हैं तो रिजर्व फॉरेस्ट का पल्ला झाड कर मुह फेर लेते है| आज वन विभाग द्वारा भीरागाव से खल्लारी तक सड़क मुरूम मिट्टी निर्माण कार्य किया गया, जहा जंगल का मिट्टी व लाल मिट्टी को मुरूम के रूप मे डाल दिया गया जिसके चलते स्थिति और भयानक हो गई अब तो सडक चलने योग्य भी नहीं है|वन विभाग भी अपना काम कर छोड़ दिया व पंचायत प्रतिनिधि भी मूलभूत की राशि से सडक मरम्मत पर ध्यान नही दे रहे| यही कारण है की अब हम ग्रामवासी खुद होकर सड़क की खड्डों को मरम्मत कर रहे ताकी सड़क में दूपहिया वाहन भी चल रहे हैं
पूल का किया श्रमदान से मरम्मत
खल्लारी ग्राम पंचायत का आश्रित ग्राम चमेदा जो की पंचायत मुख्यालय से महज पांच की मी की दूरी पर बसा हुआ है, जहाँ मुख्य मार्ग पर ग्रामीणों द्वारा लकड़ का पूल आज कई वर्षो से तैयार किया हुआ है, जहाँ हमेशा नये पूल निर्माण की माग की जाती है| मगर आज तक पूल नही बना हर वर्ष बारिश मे यह पूल छतिग्रस्त हो जाता है जिसे ग्रामीणो द्वारा हर वर्ष मरम्मत किया जाता है|यहा भी पंचायत प्रतिनिधियो द्वारा गली मरम्मत रेनकट नाली निर्माण कार्य व अन्य मूलभूत सुविधाएं पर ध्यान नही दिया जाता|