सिस्टम का मार कहे या फिर ग्रामीणों का भाग्य पेयजल के लिए फरसरा में मचा हाहाकार
- सुख चुके कुंए में टैंकर से पानी लाकर भरा जा रहा है
- पीएचई विभाग के अफसर नही दे रहे हैं ध्यान, सिर्फ देते आ रहे आश्वासन
- शेख हसन खान, गरियाबंद
गरियाबंद । भीषण गर्मी मे पेयजल समस्या से निपटनें का पीएचई विभाग द्वारा लाख दावा कर ले लेकिन जमीन हकीकत कुछ और ही है। अभी भी मैनपुर क्षेत्र के फरसरा जैसे कई गांवो मे पानी के लिए हाहाकार मचा है और प्रशासनिक अमला जरूरतमंदों तक पानी पहुंचाने नाकाम है। बूंद बूंद पानी की कीमत क्या होती है इसे ग्राम फरसरा के ही आदिवासी कमार ग्रामीण जानते हैं। ग्राम फरसरा के एक मात्र सरकारी कुंआ पुरी तरह सुख चुका है। मजबूरन ग्रामीणों को दुसरे गांव के ट्यूबवेल से टैंकर में पानी भरकर ग्राम फरसरा लाकर सुख चुके कुआं को पानी से भरा जा रहा है। तहसील मुख्यालय मैनपुर से महज 15 किलोमीटर दुर ग्राम पंचायत दबनई के आश्रित ग्राम फरसरा में इन दिनों पीने के पानी को लेकर लोगों को काफी जद्दोजहद करनी पड़ रही है। ऐसा नहीं की मामले की जानकारी संबधित विभाग व जिले के आधा अधिकारियो को न हो सभी को ग्रामीण पेयजल समस्या से अवगत करा चुके है लेकिन क्यो यहा ग्रामीणों को शुध्द पेयजल उपलब्ध कराने शासन प्रशासन ध्यान नहीं दे रही समझ से परे हैं।
ग्रामीणों में अपने किमती वोटो से चुने हूए जनप्रतिनिधियों के प्रति काफी आक्रोश दिखाई दे रहा है क्योकि समस्या से कई बार सांसद विधायक व अन्य जनप्रतिनिधियो को भी अवगत करा चुके है लेकिन समस्या का अब तक समाधान नही हो पाया । ग्राम फरसरा की जनसंख्या लगभग 430 के आसपास है और यहा विशेष पिछडी कमार जनजाति के साथ सभी समाज के लोग भी निवास करते हैं। गांव में कहने को तो 14 से ज्यादा हैडपम्प है, लेकिन अधिकाश हैडपम्पों से आयरन युक्त लाल पानी निकलने के कारण इसे पीना तो दुर खाना बनाना भी मुश्किल हो गया है। ग्रामीणों ने इस समस्या से कई बार पीएचई विभाग के अधिकारियों को अवगत करा चुके हैं। हर बार सौर सुजला योजना से पेयजल सप्लाई करने की बात कही जाती है लेकिन अब तक ठोस पहल नहीं किया गया है।
- ग्राम पंचायत कर रही है पेयजल उपलब्ध कराने का प्रयास पर बजट का अभाव
ग्राम पंचायत के सरपंच घनश्याम मरकाम, युवा पंच रोशन राठौर एवं ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम फरसरा में वर्षो से पेयजल की गंभीर समस्या है क्योंकि अधिकांश हैडपम्पों से लाल पानी आयरन युक्त पानी निकलता है जिसके कारण इस पानी का उपयोग ग्रामीण नहीं कर रहे हैं। एक हैडपम्प में मोटर डालकर लगातार पानी निकाला जा रहा है जिसका उपयोग ग्रामीण कर रहे है लेकिन गांव बहुत बडा होने के कारण गांव में सुख चुके कुआ में टैंकर से पानी लाकर डाला जा रहा है। ग्राम पंचायत के पास इतना मद नही रहता है कि वह पेयजल की व्यवस्था दुरूस्थ कर सके इसलिए स्थाई समाधान तो पीएचई विभाग को करना चाहिए।
- क्या कहते है अफसर
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के गरियाबंद सब इंजीनियर बी एस यादव ने बताया ग्राम फरसरा मे हैडपम्पों मे आयरन युक्त लाल पानी आने की शिकायत है और सौर उर्जा से पेयजल सप्लाई के लिए विभाग द्वारा स्टीमेट बनाकर भेजा जा चुका है स्वीकृत होते ही कार्य प्रारभ किया जाएगा ।
बी एस .यादव सब इंजीनियर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग गरियाबंद
- क्या कहते हैं गाव वाले
ग्राम पंचायत दबनई के पंच एंव युवा कांग्रेस नेता रोशन राठौर ने बताया कई बार पेयजल समस्या से अवगत करा चुके है। क्यों अधिकारी और नेता हमारे गांव के तरफ ध्यान नहीं देते समझ से परे है। उन्होंने बताया लगभग 10 से 12 बार उन्होने खुद इस मामले की जानकारी आला अधिकारियो को दिया है।
रौशन राठौर पंच एवं युवा नेता फरसरा