मैनपुर के गरीबा के छात्र हाईस्कूल की पढ़ाई करने 15 किमी साइकिल से करते हैं सफर
मैनपुर। शिक्षा के क्षेत्र में तमाम बड़े बड़े विकास के दावों की पोल मैनपुर क्षेत्र के दुरस्थ वनांचल क्षेत्र में खुल कर रह जाती है, जहां आदिवासी बच्चों को शिक्षा हासिल करने साइकिल के माध्यम से 15.20 किमी दुरी तय कर रोज आना पड़ता है तब कही जाकर उन्हे हाईस्कूल की शिक्षा प्राप्त हो पाती है। कई छात्र छात्राएं स्कूल की दुरी अधिक होने के कारण आठवीं के बाद पढ़ाई छोड़ने तक मजबूर हो जाते हैं। गरियाबंद जिले के आदिवासी विकासखंड मैनपुर क्षेत्र के भूतबेड़ा गरीबा क्षेत्र में हाई स्क्ूल की मांग पिछले 20 वर्षो से किया जा रहा है और इस क्षेत्र मे हाई स्कूल नहीं होने के कारण यहां के आदिवासी बच्चो को शिक्षा हासिल करने प्रतिदिन 15 से 20 किमी साइकिल के माध्यम से शोभा तक आना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा परेशानी उन्हे वापिस घर लौटने के समय होती है। शाम को 4 बजे स्कूल से छुट्टी होने के बाद घने जंगल को पार कर उन्हे देर शाम रात तक सायकल के माध्यम से घर पहुंचना पड़ रहा है।
इस क्षेत्र के लोग लंबे समय से यहां हाई स्कूल खोलने की मांग को लेकर कई बार लोक सुराज, ग्राम सुराज, जिला स्तरीय जनसमस्या निवारण शिविर और तो और दो वर्ष पूर्व संबंधित मंत्री, मुख्यमंत्री तक को मांग पत्र ज्ञापन दे चुके है, लेकिन अबतक हाई स्कूल भूतबेड़ा गरीबा क्षेत्र में नहीं खुल पाई है, यहां मानो शिक्षा विभाग के तमाम दावे खोखले साबित होते दिख रहा है। एक तरफ सरकार प्रत्येक बच्चों को शिक्षा देने के लिये तमाम कवायद कर रही है और शिक्षा के अधिकार कानून भी बनाया गया है जिसके तहत कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न हो, लेकिन क्या आदिवासी क्षेत्र के बच्चों को पर्याप्त शिक्षा मिल पा रही है। इसे देखने वाला कोई नहीं है यहां के बच्चे पढ़ लिखकर सुनहरे भविष्य तो गढ़ना चाहते है, लेकिन उनके लिये शासन स्कूल व शिक्षको की पर्याप्त व्यवस्था नही कर पा रही है। तहसील मुख्यालय मैनपुर से लगभग 35 किमी दूर गरीबा, भूतबेड़ा व उसके आसपास लगभग दो दर्जन से ज्यादा ग्राम बसा हुआ है जो उड़ीसा सीमा से लगा हुआ है और यह आदिवासी बहुल्य क्षेत्र है, लेकिन इस भूतबेड़ा गरीबा क्षेत्र मे एक भी हाई स्क्ूल अबतक नहीं खोला जा सका है जिसके कारण यहां के बच्चो को कक्षा आठवीं के बाद हाई स्कूल पढ़ने के लिये वहां से 15 से 20 किमी दूर शोभा आना पड़ता है। शोभा मे भी हाई स्कूल तक ही व्यवस्था है और यहां भी हाई स्कूल के बच्चों के लिये छात्रावास नहीं है जिसके कारण गरीबा, भूतबेड़ा, कुचेंगा क्षेत्र के 50 से ज्यादा छात्र छात्राओं को हाई स्कूल की पढाई करने के लिये प्रतिदिन 15 से 20 किमी दूर घने जंगल बिहड रास्तों को पारकर शोभा तक आना पड़ रहा है और शाम 4 बच्चे छुटटी होने के बाद सायकल के माध्यम से ही अपने घरों तक वापिस लौटना पड़ता है लेकिन घर पहुंचने तक कई बार अंधेरा छा जाता है जिसके चलते यहां पढ़ाई करने वाले बच्चों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। दुसरी ओर शोभा मे हाई स्कूल है यहां भी हायर सेकेण्डरी स्कूल की मांग किया जा रहा है, लेकिन इस ओर भी गंभीरता से अबतक ध्यान नहीं दिया गया। इस क्षेत्र में शिक्षा की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने के कारण अधिकांश बच्चों को मिडिल स्कूल के बाद अपनी पढ़ाई अधूरी छोड़ देनी पड़ती है और ले देकर वे हाई स्कूल की पढ़ाई कर ले तो उन्हे हायर सेकेण्डरी स्कूल नहीं होने के कारण न चाहते हुए भी उच्च शिक्षा से वंचित होना पड़ रहा है। शासन को चाहिए कि गरीबा भूतबेड़ा क्षेत्र में हाई स्कूल खोला जाये साथ ही इस क्षेत्र के बच्चों की समस्या को देखते हुए शोभा में हायर सेकेण्डरी स्कूल के साथ छात्रावास की व्यवस्था किया जाये।
- क्या कहते हैं जनप्रतिनिधि
वरिष्ठ कांगे्रस नेता व जनपद सदस्य संजय नेताम ने बताया कि शोभा में हायर सेकेण्डरी स्कूल खोलने के लिए शिक्षा मंत्री को मांग पत्र सौंपा गया है और भूतबेडा, गरीबा क्षेत्र में हाईस्कूल नहीं होने के कारण स्कूली छात्र छात्राओं को शोभा तक आना पड़ता है इस समस्यो को लेकर जिले के आलाधिकारियों को अवगत करा चुके है। जल्द ही स्कूल खोलने फिर प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात करेंगे।
संजय नेताम, वरिष्ठ कांगे्रस नेता बिन्द्रानवागढ़ विधानसभा क्षेत्र