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December 24, 2024

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गरियाबंद में धूमधाम से मनाया गया गुरुनानक देव का 554 वां प्रकाश पर्व

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  • कीर्तन-लंगर का किया गया भव्य आयोजन
  • शेख हसन खान, गरियाबंद

गरियाबन्द। जिला मुख्यालय गरियाबंद में आज सोमवार को सिखों के प्रथम गुरु गुरुनानक देव जी का 554वा प्रकाश पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। सभी समाजों द्वारा गुरुनानक देव जी का यह संदेश, एक पिता एकस के हम बारक और अव्वल अल्लेह नूर उपाया कुदरत के सब बन्दे, एक नूर ते सब जग उपजया कौन भले को मंदे अक्सर सुनने को मिल जाते हैं। ऐसे गुरु के प्रकाश पर्व को बड़ी धूम-धाम से मनाया जा रहा है … आज सुबह 5:30 बजे नगर में प्रभात फेरी निकाली गई। वहीं इस अवसर पर गुरुद्वारे में शबद-कीर्तन बजते हैं। और गुणवाणी का पाठ किया जाता है। कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि पर हर साल पूरी दुनिया में गुरु पर्व धूमधाम से मनाया जाता है. गुरु नानक देव ने एकता, भाईचारा और जातिवाद को मिटाने के कई उपदेश दिये हैं। सुबह से ही गुरुद्वारे में भक्तों का आना शुरू हो गया। पूरे दिन गुरुद्वारे में लंगर चला जिसमें पहुंचे श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।

  • दो नन्हे भाई अमृत सिंग राठौर और गुरुविन्द्र सिंग राठौर ने गाया कीर्तन, सभी का मन मोह लिया

गुरुद्वारा के ज्ञानी करमजीत सिंग राठौर के दोनों बच्चों ने हारमोनियम पर जब कीर्तन किया दर्शन करने आये श्रद्धालुओं में देखते ही माहौल बन गया। दोनों बच्चों के गीत और भजन ने सबका मन मोह लिया। नगर स्थित गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा परिसर में सुबह से ही महिलाओं ने कीर्तन-भजन के साथ से विश्व में शांति और खुशहाली की प्रार्थना की गई। दिनभर गुरु का लंगर का दौर चलता रहा। गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष सूरजीत सिंह कुकरेजा ने कहा कि प्रकाश पर्व गुरुनानक जी के जन्म की खुशी में मनाया जाता हैं। सिक्खों के प्रथम गुरु नानक देव जी का जन्म 15 अप्रैल 1469 को राय भोई की तलवंडी (राय भोई दी तलवंडी) नाम की जगह पर हुआ था,जो अब पाकिस्तान के पंजाब प्रांत स्थित ननकाना साहिब में है। इस जगह का नाम ही गुरुनानक देव जी के नाम पर पड़ा। श्री राम माखीजा ने कहा कि गुरु नानक जी ने अपना पूरा जीवन मानवता की सेवा में लगा दिया। उन्होंने सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि अफगानिस्तान, ईरान और अरब देशों में भी जाकर उपदेश दिए। गुरुनानक जी सिख समुदाय के संस्थापक और पहले गुरु थे। इन्होंने ही सिख समाज की नींव रखी।
इनके अनुयायी इन्हें नानक देव, बाबा नानक और नानकशाह कहकर पुकारते हैं। तेजपाल कुकरेजा ने कहा कि हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी गुरुनानक देव की जयंती पर गुरुद्वारा प्रबंधन की ओर से लंगर का कार्यक्रम रखा गया है जिसमें हजारों लोग इस कार्यक्रम में शामिल होंगे इस साथ ही कीर्तन किया जाएगा।
इस कार्यक्रम दौरान गुरुद्वारा के मुखीया राम माखिजा बलदेव सिंह हूँदल, गरियाबद नगर पालिका अध्यक्ष गफ़्फू मेमन, अध्यक्ष सूरजीत सिंह कूकरेजा, तेजपाल कुकरेजा, प्रकाश चंद रोहरा, वीरभानदास रोहरा, विनय दासवानी ,अजय दासवानी, अमन कुकरेजा ,रमन कुकरेजा, राकी रोहरा सुनील रोहरा, विकास रोहरा, अजय रोहरा, रवी रोहरा ,सौरभ देवाँगन,श्रीमती परमजीत कौर कुकरेजा, नरेंद्र कौर कुकरेजा, इंद्रप्रीत कौर कुकरेजा, इसप्रीत सरबजीत कौर कुकरेजा दलविंदर कौर कुकरेजा गुरुनूर कुकरेजा, आशा रोहरा ,आरती रोहरा, रानी हूँदल, दलवींदर कौर, रेणु राठौर, महक दासवानी, सपना रोहरा, भूमिका रोहरा, शोभा रोहरा, पूनम रोहरा, ग्रीषा रोहरा, काजल रोहरा, सपना रोहरा, गीता रोहरा, गुरुनूर कुकरेजा, जैसलीन कूकेरजा आदि उपस्थित थे।