आदिवासी बालक आश्रम गोबरा के 8 छात्रों ने खाया रतनजोत, दो की हालत गंभीर
1 min read- शेख हसन खान, गरियाबंद
- एम्बुलेंस नहीं पहुंचने पर मोटर सायकल से परिजन 18 किलोमीटर दुर घने जंगल को पार कर मैनपुर अस्पताल लाये, ईलाज जारी
गरियाबंद। गरियाबंद जिले के तहसील मुख्यालय मैनपुर से 18 किलोमीटर दुर दुरस्थ वनांचल बडेगोबरा आदिवासी बालक आश्रम सबसे बड़ी खबर निकलकर सामने आ रही है। आदिवासी बालक आश्रम में पढ़ाई करने वाले विशेष पिछड़ी जनजाति के छात्रों ने धोखे से रतनजोत के जहरीले फल को खा लिये जिससे बच्चों की तबीयत बिगड गई और उल्टी करने लगे। इसकी जानकारी लगते ही पुरे गांव में हडकम्प मच गया। ग्रामीणों ने संजीवनी एक्सप्रेस 108 को फोन लगाया पर एम्बुलेंस दुसरे मरीज को जिला मुख्यालय ले जाने के कारण एम्बुलेंस नही पहुच पाई और ग्रामीणों ने कड़ाके के ठंड में बच्चों को मोटर सायकल में बिठाकर घने जंगलों को पार करते हुए अभी रात 9 बजे मैनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र लाया गया है। जहां डाॅक्टरों के द्वारा बच्चों का उपचार किया जा रहा है। रतनजोत जहरीले फल खाने के कारण दो छात्रों का हालत गंभीर बताई जा रही है और सभी 08 छात्रों का ईलाज मैनपुर अस्पताल में किया जा रहा है।
- ब्लॉक कांग्रेस महामंत्री गेंदु यादव तत्काल पहुंचे अस्पताल
ब्लॉक कांग्रेस महामंत्री गेंदु यादव को जैसे ही पता चला आदिवासी बालक आश्रम के बच्चे रतनजोत खाकर बीमार पड़ गए हैं। तत्काल अस्पताल पहुंचे और बच्चों का हाल-चाल जाना।
- क्या कहते हैं अधीक्षक
आदिवासी बालक आश्रम बडेगोबरा के प्रभारी अधीक्षक सुरेश सागर ने बताया कि बच्चे शाम को खाना खाने के बाद धोखे से रतनजोत के फल खा गये जिसके कारण उनकी तबीयत बिगड गई। तबीयत खराब होने के कारण बच्चों को मैनपुर अस्पताल लाया गया है ।
- क्या कहते हैं बीएमओ
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मैनपुर के बी एम ओ डाॅ गजेन्द्र धु्व , वरिष्ठ डाॅक्टर के.डी.जोगी ने बताया कि बच्चे रतनजोत खाने की बात बता रहे हैं। अभी अस्पताल लाये हैं। उपचार किया जा रहा है,गंभीर स्थिति को देखते हुए जरूरत पड़ी तो जिला अस्पताल रिफर किया जायेगा।