नियमित ध्यान में जीवन की हर समस्याओं के समाधान की झमता: पीवी रामराजू
राजस्थान परिषद व मारवाड़ा युवा मंच की मेजबानी में अमर भवन में ध्यान पर लगी कार्यशाला
राउरकेला। आधे घंटे की हर दिन के नियमित ध्यान से जीवन की हर समस्याओं का समाधान है और इससे मनचाही सफलता पायी जा सकती है। इतना ही नहीं ध्यान में गंभीर से गंभीर बीमारियों के निदान की झमता है।
विश्व विख्यात ध्यान गुरु ध्यान रत्न से सम्मानित ध्यान प्रचारक पीवी रामराजू राउरकेला के प्रवास के क्रम में राजस्थान परिषद व मारवाड़ा युवा मंच राउरकेला की मेजबानी में अमर भवन में आयोजित डेढ घंटे की ध्यान कार्यशाला को संबोधित करते हुए उक्त बातें कही। कार्यशाला के सफल आयोजन में राजस्थान परिषद के पदाधिकारी राजू पारिक, प्रेम मोदी, विनोद नरेडी व मारवाड़ी युवा मंच के अध्यक्ष प्रतीक कयाल व पूर्व अध्यक्ष विक्की शर्मा समेत दोनों संस्थाओं के अधिकारियों अहम योगदान दिया। बड़ी संख्या में समाज की महिलाओं व पुरुषों ने कार्यशाला में शामिल होकर ध्यान की विधि सीखने के साथ ध्यान गुरु ने उन्हें ध्यान के लाभ बताते हुए इसे नित्य जीवन में अपनाने को कहा। अमर भवन में मारवाड़ी युवा मंच की राउरकेला शाखा की मेजबानी में ध्यान पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। ध्यान रत्न पीवी राम राजु के सानिध्य में आयोजित ध्यान कार्यशाला में दजर्नों महिला व पुरूष शामिल हुए। चंडीगढ़ में 20 ध्यान सेंटर से ध्यान के प्रचार प्रसार का काम किया शुरू करने की जानकारी देते हुए ध्यान गुरु पीवी राम राजू बताया कि इसके लिए तीन साल पहले एयर फोर्स की नौकरी छोड़ दी और आज 15 राज्यों के पांच लाख लोगों को ध्यान सूत्र से जोड़ा। उन्होंने कहा कि आत्म ज्ञान से ही जीवन सफल हो सकता है। अपना जीवन खाना, पीना सोने में अधिकांश लोगों का जीवन व्यतीत हो है, ज्ञान मिलने से जीवन में शांति मिलती है। ध्यान को लेकर भरम को दूर करना होना चाहिए। जीवन को समझना है तो अंतर्यात्रा करनी होगी। ध्यान इसमें सहायक है, तम, रज,सत गुण को समझना जरूरी है, महात्मा बुद्ध व श्री कृष्ण निर्गुण के प्रतीक हैं,सबों के पास एक ही शक्ति है, लेकिन अज्ञानता के अभाव में हम अपनी क्षमता के कुछ ही अंश का उपयोग करते हैं। हम जीवन में जो चाहते हैं वे आसानी से पा सकते हैं। इसके लिए ध्यान करना होगा,जीवन के हर सवाल का जवाब ध्यान है। ध्यान से ही हम सच्चा ज्ञान हासिल कर सकते हैं। चार बार पूजा पाठ के बदले एक बार ध्यान प्रभाव शाली है। डेढ घंटे की कार्यशाला में अंत का आधा घंटे में सभी को ध्यान कराते हुए सभी से इसे नित्य जीवन में अपनाने का आह्वान किया।