शंकराचार्य इंजीनियरिंग कॉलेज के आईपी मिश्रा के इकलौते पुत्र अभिषेक मिश्रा हत्याकाण्ड में आया फैसला, आरोपी विकास जैन और उसके चाचा अजीत सिंह को आजीवन कारावास की सजा
- जिला सत्र न्यायाधीश राजेश श्रीवास्तव ने भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच फैसला सुनाते हुए आरोपी किम्सी जैन को बरी कर दिया
भिलाई शहर ही नहीं छत्तीसगढ़ के लिए कुछ महीना पहले एक दिल दहला देने वाली खबर आई जो आज तक सुर्खियों में बनी हुई है। कोरोना कॉल के कारण यह तय किया गया कि इस मामले को आगे ना डालते हुए ऑनलाइन फैसला सुनाया जाए और भारी भीड़ के साथ फैसला सुनाया गया। आपको बता दें कि शहर के बहुचर्चित अभिषेक मिश्रा हत्याकांड का आज जिला सत्र न्यायाधीश राजेश श्रीवास्तव ने भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच फैसला सुनाते हुए आरोपी किम्सी जैन को बरी कर दिया है। वहीं आरोपी विकास जैन व उसके चाचा अजीत सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
शंकराचार्य इंजीनियरिंग कॉलेज के आई पी मिश्रा के इकलौते पुत्र अभिषेक मिश्रा का अपहरण के बाद हत्या कर दी गई थी। इसके बाद आरोपी अजीत सिंह ने स्मृतिनगर स्थित मकान में लाश दफना कर उसके ऊपर सब्जी उगा दी थी। नाक हादसा के पीछे प्रदेश के पुलिस विभाग और क्राइम ब्रांच लंबे समय तक जांच करती रहे और अंत में आज कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए आरोपी को बरी कर दिया।
बहुचर्चित अभिषेक मिश्रा हत्याकांड मामले में आज जिला न्यायालय दुर्ग में ऑनलाइन सुनवाई की। ऑनलाइन सुनवाई में किम्सी जैन को बाइज्जत बरी कर दिया गया है। वहीं किम्सी जैन के पति विकास जैन और उनके चाचा अजीत सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।
साथ ही 15 हजार रुपए जुर्माना लगाया है। जिला सत्र न्यायाधीश राजेश श्रीवास्तव ने ये फैसला सुनाया है। मामले को लेकर लंबे समय से फैसला चलता रहा कभी राजनीतिक दबाव तक अभी करो ना कह कारण लेकिन आज भारी फोर्स के बीच इस फैसले को सुनाया गया। कोरोना काल के चलते आज ऑनलाइन सुनवाई की गई। फैसला करना कॉल को लेकर सुनाया जाए या नहीं जाए तमाम तरह के गतिविधियां सामने आ रहे थे लेकिन जहां करो ना काल में सारी चीजें ऑनलाइन हो रही है। उसी तरह से फैसले को भी ऑनलाइन सुनाया जाए यह निर्णय लिया गया और फैसला सुनाया गया।