गलत निर्णय से ओरिएंट एरिया का 20 वर्ष कम – प्रमोद
1 min readAnil Agrwal
कोयले में लगी आग,संदेह के घेरे में
ब्रजराजनगर
एमसीएल ओरिएंट एरिया इन दिनों जबरदस्त चर्चे में है कभी निजी सुरक्षागार्ड भर्ती मामले में तो कभी बरसात में कोयले में आग लगने पर यह छेत्र पिछले कुछ माह से अपने निर्णय ओर कार्यो से लोगो की जबान पर है।प्राप्त जानकारी के अनुसार गत काफी दिनों से ओरिएंट एरिया के रामपुर बुंदिया गुफा खदान के कोयला के स्टॉक में आग लगी हुई है इस कोयले के ढेर में दिनरात जबरदस्त धुएं का बादल हमेशा आप देख सकते हो खासकर तो रात के वक्त इस ढेर का नजारा ओर भी विकराल दिखता है।
वेसे आमतौर पर कोयले में आग लगनी कोई नई बात नही है प्रायः गर्मियों में कोयले के ढेर में आग लग जाती है मगर भारी बरसात में ढेर में आग लगना संदेह को जन्म देता है।पानी से आग बुझते हुए तो सुना और देखा गया है मगर यहां बरसात में ही कोयले में आग लगना आश्चर्यचकित करता है।साथ ही पूरे छेत्र में पर्यावरण को तो नुकसान पहुंचता ही है फिजाओं में ओर गर्मी पैदा करती है इन्ही सब बातों को लेकर जब नवभारत ने रामपुर सब एरिया मैनेजर पी एस सिन्हा से पूछा तो उन्होंने फोन पर कुछ भी कहने से मना कर दिया और कहा कि मेरे कार्यालय में आकर बात करिए फोन पर कुछ नही बताऊंगा अब छोटी सी जानकारी को फोन पर नही बताकर कार्यालय में क्या कहना चाहते है. यह तो श्रीमान सिन्हा जी ही जाने नवभारत ने इसी संदर्भ में ओरिएंट एरिया के महाप्रबंधक श्री बिष्णु चरण त्रिपाठी से जब पूछा तो उन्होंने कहा कि उत्पादन ज्यादा ओर परिवहन कम होने के कारण ही कोयले में आग लगी है हम उसे बुझाने की पूरी कोसिस कर रहे है जल्द ही यह आग बुझ जाएगी आग लगना एक सामान्य प्रक्रिया है।
जब उनसे पूछा गया कि बरसात में कैसे आग लगेगा साथ ही कोयले के ऊपर मिट्टी क्यो डाली जा रही है तो उन्होंने कहा कि मिट्टी डालकर कोयले की आग बुझाई जाती है और बरसात हो या नही कोयले में आग लग सकता है पूछने पर की कई लोगो का आरोप है कि कोयले की स्टॉक में कमी के कारण जानबूझकर आग लगाया गया है ताकि कमी को पूरा दिखाया जाए तो उन्होंने कहा कि स्टॉक में कोई कमी नही है इसी विसय में नवभारत ने मजदूर नेता ओसिएमएस ओरिएंट एरिया के पूर्व अध्यक्ष तथा पूर्व टाउन कांग्रेस अध्यक्ष प्रमोद पंडा से इस विसय में पूछा तो प्रमोद ने ओरिएंट एरिया अधिकारियों पर कई गम्भीर आरोप लगाए प्रमोद पंडा के अनुसार रामपुर सब एरिया में सदा ही अक्षम लोगो को भेजा जाता है जिसके कारण यहां सदा असुविधाओं का अंबार रहता है बुंदिया गुफा खदान का इनके गलत निर्णय ने लगभग 20 वर्ष जीवन कम कर दिया है जबकि महाप्रबंधक श्री त्रिपाठी को उत्पादन से कोई मतलब नही है।प्रमोद पंडा ने आरोप लगाते हुए कहा कि बरसात में कोयले में आग लगना तथा उसके ऊपर मिट्टी डालना संदेह पैदा करता है कि इनके पास स्टॉक कोयले में कागज में ओर प्रत्यक्ष में कम बेसी होने के कारण ही आग लगाने तथा मिट्टी डालने में इनकी मनसा दिखती है कि दाल में कुछ काला है।श्री पंडा ने एमसीएल मुख्यालय के उच्च अधिकारियों से तुरन्त इसपर तटस्थ एजेंसी से जांच करवाने सहित दोसी अधिकारियों पर उचित कार्यवाही की मांग की है।
इसी विसय में जब thenewdunia.com ने झारसुगुड़ा जिला के जिला पर्यावरण अधिकारी हेमेंद्र नाथ नायक से पूछा तो उनका कहना था कि मुझे इस संदर्भ में अभी कोई जानकारी नही है मैं सोमवार को एक टीम रामपुर सब एरिया भेजूंगा तथा जांच करने पर अगर कोई दोसी मिला अथवा सरकारी मापदंड पर कार्य नही किया गया हो तो ऐसे ब्यक्ति के ऊपर कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
महाप्रबंधक श्री विष्णु चरण त्रिपाठी के अनुसार अभी करीब 90 हजार टन से ज्यादा कोयला का ढेर मौजूद है जहां आग लगने की खबर है।
यहां बतादे की गत दिन ही ओरिएंट एरिया जो कि गत काफी वर्षो से नुकसान पर चल रहा है। में निर्धारित निजी सुरक्षा गार्ड से कही ज्यादा को पैसे लेकर नोकरी प्रदान किया जा रहा है जबकि केंद्र और कोयला मंत्रालय के एक रिपोर्ट के अनुसार सभी एरिया को निजी सुरक्षा गार्ड में जो भी संख्या है उसमें कमी करने को कहा गया है मगर ओरिएंट एरिया ऐसा एक अपवाद एरिया है जिसमे नए लोगो को रखा जा रहा है इसमें किस अधिकारी को कितना फायदा हो रहा है यह चर्चा पूरे सहर में जोरो पर है।वही अब कोयले में लगी आग ने फिर से उस एरिया पर उंगली उठाने पर मजबूर कर दिया है।लोगो ने इन सबकी एक उच्च स्तरीय जांच की मांग की है कि इन दोनों ही कार्यो में किस किस को निजी फायदा पहुंच रहा है।अब यह तो उचित जांच पर ही पता चल पाएगा।