जरईकेला में दो दशक से चल रहा अवैध पत्थर खादान के खिलाफ हुई कार्रवाई
करोड़ों के अवैध कारोबार करने वाले ठेकेदार के खिलाफ विभागीय जांच पड़ताल
बिसरा।बिसरा तहसील अंतर्गत जरइकेला के मुचिकुदा में एक नहीं दो नहीं विगत बीस वर्षो से गैरकानूनी ढंग से सरंक्षित जंगल की जमीन से पत्थर खनन कर चोरी से तक़रीबन 40 से 50 करोडो रूपए की गिट्टी व चिप्स एक प्रभावशाली ठेकेदार प्रताप प्रसाद एवं कुछ भ्रष्ट सरकारी अधिकारियों की मिली भगत से झारखण्ड व ओडिशा में अवैध तरीके से धडल्ले से सप्लाई कर दी गयी हैं ,पत्थर चोरी करते करते पूरा जंगल ही साफ कर दिया गया ,अब जा कर इस चोरी का पर्दाफास हुआ हैं।
बार बार स्थानीय लोगो के बिरोध करने पर भी सरकारी अधिकारीयों द्वारा कोई करवाई नहीं की गयी ,प्रताप द्वारा मोचिकुचा गाँव में एक एकड़ दस डिसमिल जमीन में लीज लिया था ,केवल एक ही क्रेसर मशीन द्वारा पत्थर क्रस करने जी अनुमति मिली थी पर पर प्रसाद द्वारा सरकारी नियम का खुला उलंघन करते हुए सुरु से ही तीन एकड़ जमीन पर जबर दखल कर उससे सटे और भी जमीन पर कब्जा कर एक की जगह तीन मशीन लगा पत्थर क्रस कर सरकार को करोडो रूपए के राजस्व का चुना लगा चुके हैं ,गत मार्च महीने में खदान की लीज समाप्त हो चुकी थी पर प्रताप द्वारा खोदाई जारी रही,खदान की पुन: नीलामी प्रक्रिया सुरु होने पर बिसरा तहसीलदार दिलीप पटनाइक समेत अन्य बिभागीय अधिकारी के वहां पहुंचने पर व्यापक रूप से सरकारी नियमो का उलंघन पाया गया ,अधिकारियों द्वारा सम्पृक्त विभाग,स्थानीय डी।डी।ऐम। जिलापाल को चिठ्ठी लिख इस गोरख धंदे की जानकारी दी गयी ,पर कुछ अदृस्य कारण की वजह से अधिकारी इस पर ध्यान नहीं दे पाए ,लेकिन फिर एक स्थानीय वासिंदा द्वारा क्राइमब्रांच को सीधे शिकायत की गयी,शिकायत को गंभीरता से लेते हुए क्राइमब्रांच डी।एस।पि।के नेतृत्व में 4 सदस्य की टीम खदान पहुँच दो दिनों से इसकी जांच सुरु कर दी हैं,प्रथम जांच में बहुत नियमो का उलंघन पाया गया हैं ,अब सरकारी राजस्व हानि का आंकड़ा कितने करोड़ पहुँचता व इसके ठेकेदार व पुराने सरकारी अधिकारी इस गैर क़ानूनी खनन में कितने दोसी हैं ये तो पूरी जांच के बाद ही पता चल पायेगा।