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November 19, 2024

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महाविद्यालयों मे वैक्सिनेशन के बाद हो छात्र छात्राओं का दाखिला : हरमेश

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  • न्यूज रिपोर्टर, रामकृष्ण ध्रुव

गरियाबंद। कोरोना को लेकर विशेषज्ञ स्पष्ट कर चुके है कि टीकाकरण से ही कोरोना को खत्म किया जा सकता है। सरकार 18 वर्ष आयु के सभी लोगों को निशुल्क टीकाकरण की सुविधा उपलब्ध करवा रही है फिर भी बहुत से लोग वैक्सिनेशन में रुचि नही ले रहे है। युवा भी बड़ी संख्या में इसमें शामिल है। गरियाबंद के अग्रणी महाविद्यालय वीर सुरेन्द्र साय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के जनभागीदारी अध्यक्ष हरमेश चावड़ा ने महाविद्यालयों में प्रवेश लेने वालों सभी छात्रों को वैक्सिनेशन के बाद ही दाखिला देने की मांग कलेक्टर निलेशकुमार क्षीरसागर से की है।

कलेक्टर को सौंपे ज्ञापन में हरमेश ने मांग करते हुए कहा है कि युवाओं को वैक्सिनेशन के प्रति जागरूक करने और महाविद्यालयों में कोरोना फैलने से रोकने के लिए शत-प्रतिशत छात्र-छात्राओं का वैक्सिनेशन बहुत जरूरी है। इसके लिए उन्होंने कॉलेज कैम्पस में ही वैक्सिनेशन सेंटर बनाने का सुझाव दिया है। उन्होंने कलेक्टर से वैक्सिनेशन के बाद ही छात्र-छात्राओं को नए सत्र में एडमिशन देने की मांग की है।

हरमेश ने बताया कि जिले में 7 शासकीय 7 अशासकीय एवं एक निजी विश्वविद्यालय संचालित है जिसमे 8 हजार से अधिक युवा पढ़ाई कर रहे है। उन्होंने कहा कि यदि इन सभी युवाओं का वैक्सिनेशन हो जाये तो अन्य युवा भी उनसे प्रभावित होकर टीकाकरण में हिस्सा लेंगे। वही महाविद्यालय भी कोरोना मुक्त हो जाएंगे।

जनभागीदारी अध्यक्ष ने बताया कि कलेक्टर निलेशकुमार क्षीरसागर ने उनके सुझाव को गंभीरता से लिया है। उन्होंने सभी छात्र-छात्राओं का वैक्सिनेशन करवाने का आश्वासन दिया है। जरूरत पड़ने पर उन्होंने कॉलेज कैम्पस में ही वैक्सिनेशन सेंटर खोलने का भी आश्वासन दिया है। कलेक्टर ने हरमेश के सुझाव पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है।

  • वीर सुरेन्द्र साय महाविद्यालय की प्रिंसिपल श्रीमती जेम्स ने भी हरमेश के सुझाव की सराहना की है। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से एक तो हम अपने महाविद्यालयों को कोरोना मुक्त करने में सफल होंगे दूसरा कोरोना से लड़ाई में युवाओ को अपनी भागीदारी निभाने का मौका मिलेगा। उन्होंने अपने महाविद्यालय में जनभागीदारी अध्यक्ष हरमेश चावड़ा के सुझाव पर अमल करने का भरोसा दिलाया है।

युवाओं को किसी भी देश की रीढ़ की हड्डी माना जाता है। देश के प्रति युवा जितने समर्पित होंगे उस देश का भविष्य उतना ही उज्ज्वल और विकासमय होगा। कोरोना संकट काल मे यदि देश के युवा इसे पछाड़े का संकल्प ले और वैक्सिनेशन में बढ़कर हिस्सा लेने के साथ दुसरो को भी प्रेरित करे तो वह दिन दूर नही जब कोरोना भारत देश मे बीते जमाने की बात होगी। ऐसे में वैक्सिनेशन को लेकर युवाओ के कंधे पर बड़ी जिम्मेदारी है जिसे निभाने के लिए उन्हें आगे आना चाहिए और दूसरों को भी प्रेरित करना चाहिए।

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