किसानों की पीठ पर लाठी मारकर कांग्रेस सरकार गढ़ रही नवा छत्तीसगढ़ -बृजमोहन
1 min readमनीष शर्मा
रायपुर/केशकाल में किसानों पर पुलिस द्वारा किए गए बर्बर लाठीचार्ज पर पूर्व मंत्री एवं विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने बेहद कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि जिन किसानों के दम पर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी है उन्ही किसानों पर अब लाठियां बरसाई जा रही है। यहा लोकतंत्र तार-तार हो गया है। सरकार की कुनीति के खिलाफ उठने वाली किसानों की आवाज़ को ताकत के दम पर दबाया जा रहा है। उन्होंने सवाल किया कि क्या यही कांग्रेस के नारे “गढ़बों नवा छत्तीसगढ़” की सार्थकता है?
बृजमोहन ने कहा है किसानों से 25 सौं रुपये प्रति क्विंटल में किसानों का धान खरीदने की कसम कांग्रेसियों ने गंगाजल हाथ मे लेकर खायी थी। आज उनके ये सारे वादे और कसमें झूठे साबित हो गए है। धान खरीदी के पहले दिन से ही किसान परेशान-हलाकान हैं। रोज-रोज नए नियम-कानून, बारदाने की कमी,टोकन व्यवस्था,धान की राशि का भुगतान नही होने जैसी समस्याओं से किसान पहले से परेशान है। ऐसे में अपनी जायज मांगों पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने वाले अन्नदाता किसानों पर लाठीचार्ज घोर निंदनीय है।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की यह कांग्रेस सरकार गूंगी, बहरी और अंधी हो गई है।उन्हें न तो किसानों की कराह सुनाई दे रही है और न ही उनकी तकलीफ को वे देखना चाह रहे है। आज पूरे प्रदेश में अराजकता का माहौल बना हुआ है। शासन व्यवस्था पूरी तरह चौपट हो गई है। उन्होंने कहा कि किसानों को न्याय दिलाने के लिए सड़क से सदन तक हम लड़ाई लड़ेंगे।
धान खरीदी की तारीख 29 फरवरी तक बढ़ाने बृजमोहन ने रखी मांग
पूर्व मंत्री एवं विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने धान खरीदी की तारीख 29 फरवरी तक बढ़ाने की मांग सरकार से की है। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में धान खरीदी को लेकर अव्यवस्था का आलम है। बीते माह बारिश की वजह से भी प्रदेश भर में धान खरीदी रुकी रही। इसके अलावा कही बारदाने की कमी व अन्य कारणों से भी धान खरीदी में रुकावट निरंतर रही। जिसके चलते किसान धान बेचने से वंचित रह गया।
साथ ही उन्होंने कहा कि 15 क्विंटल धान प्रति एकड़ खरीदने की घोषणा की गई है। सरकार को यहां सुनिश्चित करना चाहिए की जितनी पंजीकृत कृषि जमीन किसानों की है उसके अनुसार धान खरीदा जाए। ज्यादातर जगहों से इस संबंध में किसानों की शिकायतें सामने आ रही है।
उन्होंने कहा कि धान खरीदी में अव्यवस्थाओं के चलते प्रदेश का किसान सड़क पर उतरकर अपना विरोध दर्ज करा रहा है। यह बात सरकार के लिए बेहद शर्मनाक है। सरकार को चाहिए कि तत्काल प्रभाव से निर्णय लेते हुए धान खरीदी की तारीख 29 फरवरी तक बढ़ाये।