कटघोरा वन मण्डल की नाक तले हाथियों का आतंक, ग्रामीण जान बचाने 15 दिनों से लगातार कर रहे हैं संघर्ष…
मनीष शर्मा,8085657778
कोरबा,कटघोरा वन मण्डल के अधीनस्थ वन परीक्षेत्र एतमानगर में इन दिनों हाथियों के आतंक से पूरा गांव डर के आगोश में समा गया है।यहाँ 40 से 45 हाथियों का झुंड विचरण कर रहा है। परन्तु वन अमला 15 दिनों से केवल खानापूर्ति कर रहा जो हाथियों का दल अभी तक ग्राम सलिहा भाठा में डटा हुआ है।शाम होते ही हाथियों का झुंड गाव पहुँच जाता है और ग्रामीण भीषण ठंड में अपनी जान बचाने घरों की छतों पर खुले में रात गुजारने को विवश हैं।
जहाँ एक ओर पूरा देश गणतंत्र दिवस मना रहा है वंही एतमानगर वन परिक्षेत्र के अंतर्गत ग्राम सलिहा भाठा,बरबसपुर के ग्रामीण हाथियों से जान बचाते फिर रहे हैं।यहाँ लगातार 15 दिनों से हाथियों का आतंक छाया हुआ है।रोजाना शाम ढलते ही हाथियों का दल गाव पहुच जाता है और कई घरों को क्षतिग्रस्त करने के साथ फसलों को भी भारी नुकसान पहुँचा रहे हैं।
26 जनवरी को लगभग 4 बजे ही हाथियों का दल गाव की ओर कुच किया तब ग्रामीण अपनी जान की परवाह किये बगैर बड़ी बहादुरी दिखाते हुए हाथियों के दल को गाव आने से रोका और जंगल की तरफ खदेड़ा गया।ग्रामीणों ने यह भी बताया कि वन विभाग से कोई मदद नही मिल रही है हम सभी गाव वाले 15 दिनों से रोजाना ऐसे मंजरों से रूबरू हो रहे हैं वन अमले की नाकामी से कभी भी हमे जान माल का नुकसान हो सकता है।शाम होते ही महिलाएं,बच्चे बुजुर्ग सुरक्षा की दृष्टि से सरकारी भवनों की छतों पर शरण लेने को मजबूर हैं रातभर भीषण ठंड में रतजगा और हाथियों की चिंघाड़ के बीच ग्रामीणों संकट भरा जीवन किसी अग्निपरीक्षा से कम नही है।
वन विभाग की लापवाही इसी में उजागर हो रही है जो 15 दिनों से वन अमला अभी तक हाथियों को सुरक्षित स्थान पर पहुचाने में नाकाम दिखाई दे रहा है।वन अमला अपने कर्तव्यों को दरकिनार कर गैर जिम्मेदाराना ढंग से ग्रामीणों को किस कदर मौत के मुंह मे धकेल रहा यह किसी से छुपा नही है जो लगातार ग्रामीण 15 दिनों से हाथियों का सामना कर रहे हैं।
विभाग में पर्याप्त संसाधन होने बावजूद वन अमला महज खानापूर्ति कर अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ सयाना बना बैठा है।पूर्व में भी विभाग की बड़ी लापरवाही उजागर हो चुकी है जिसमे मादा हाथी की दर्दनाक मौत पर कटघोरा वन मण्डलाधिकारी डी डी सन्त निलंबित हो चुके हैं।