प्यास में भटकते नेशनल हाईवे पर पहुंचे हिरण को अज्ञात वाहन ने मारी टक्कर, मौके पर ही हिरण की मौत
- ममला मैनपुर वन परिक्षेत्र का, पोस्टमार्डम के बाद शुक्रवार दोपहर को किया गया दाहसंस्कार
मैनपुर – क्षेत्र के जंगलो में नदी नाले पोखर सुख जाने के कारण इन दिनों लगातार वन्य प्राणी जंगलो के भीतर से निकलकर मुख्य मार्ग गांव के नजदीक तालाब किनारे सुबह और शाम के समय आसानी से मंडराते देखा जा सकता है। मैनपुर गरियाबंद नेशनल हाईवे मार्ग में दबनई नाला के पास आज शुक्रवार अल सुबह किसी अज्ञात वाहन की ठोकर से एक हिरण की मौत हो गई। अज्ञात वाहन ने हिरण को ठोकर मारकर भाग गया, जिसकी जानकारी ग्रामीणाें के माध्यम से वन प्रशासन को दिया गया। वन विभाग द्वारा धवलपुर वन डिपो में हिरण का विधिवत पोस्टमार्डम करवाकर दोपहर दहसंस्कार किया गया है। मिली जानकारी के अनुसार आज शुक्रवार सुबह अज्ञात वाहन की ठोकर से तहसील मुख्यालय मैनपुर से महज 08 किलोमीटर दुर दबनई नाला आमामोरा ओड जाने वाले मार्ग के पास नेशनल हाईवे 130 सी में घायल अवस्था में एक तीन वर्षीय मादा हिरण को आने जाने वाले राहगिरों ने देखा और इसकी सूचना वन विभाग को दिया वन विभाग के एसडीओ राजेन्द्र प्रसाद सोरी, वन परिक्षेत्र अधिकारी मैनपुर संजीत मरकाम तत्काल वन अमला के साथ मौके पर पहुंचे तब तक हिरण की मौत हो चुकी थी इसकी सूचना उच्च अधिकारियाें को देने के बाद पशु चिकित्सालय गरियाबंद के डाॅक्टर जोशी के द्वारा हिरण की पोस्टमार्डम किया गया। वन अफसरों की उपस्थित में विधिवत दाहसंस्कार दोपहर 01 बजे किया गया।
लगातार सड़क दुर्घटनाओं और शिकार के चलते वन्य प्राणियों के सुरक्षा पर उठ रहे हैैं सवाल
उल्लेखनीय है कि मैनपुर गरियाबंद नेशनल हाईवे मार्ग में लगातार कई वन्य प्राणियों की मौत इसके पूर्व भी सड़क दुर्घटना में हो चुकी है। एक नजर पिछले पांच वर्षो के रिकार्ड पर डाले तो दर्जनों लकडबघ्घा, हिरण, चीतल, सांभर, भालू, कोटरी की मौत नेशनल हाईवे मार्ग में वाहनों की ठोकर व सडक दुर्घटना से हुई है, लेकिन अब तक एक भी वाहन पकड में नही आया, जिनके द्वारा वन्य प्राणियों की मौत हुई है जो कई सवालों को जन्म देता है जबकि यह क्षेत्र घने जंगल क्षेत्र है साथ ही इस क्षेत्र में टाईगर रिजर्व उदंती सीतानदी भी है। बडे़ पैमाने पर समय समय पर जंगलो के भीतर से मुख्य मार्ग होते कीमती लकड़ियों की तस्करी के साथ जिंदा वन्यप्राणियों के भी तस्करी किये जाने की मामला सामने आते रहा है। क्षेत्र के पर्यावरण वन प्रेमियों द्वारा इस मार्ग में नेशनल हाईवे पर वन विभाग के द्वारा हाईटैक बैरियर नाका लगाने की मांग लंबे समय से किया जा रहा है, जिससे इस मार्ग से गुजरने वाले हर वाहनाें पर नजर रखा जा सके और इस तरह के घटना होने पर या वन अपराध होने पर अपराधियों तक पहुचने में विभाग के साथ पुलिस को आसानी होगी, लेकिन वन एंव वन्य प्राणियों के सुरक्षा के नाम पर लाखों करोडों रूप्ये खर्च करने वाले वन विभाग द्वारा एक हाईटेक बैरियर नाका का निर्माण अब तक नहीं किया जाना समझ से परे हैं।
इस वर्ष भीषण गर्मी के चलते जंगलो के भीतर नदी नाले पोखर अप्रैल मई में ही सुख गये थे जिसके कारण लगातार वन्य प्राणी चीतल, सांभर कोटरी, नीलगाय, गौर, भालू, गांव के नजदीक या नेशनल हाईवे के किनारे आसानी से दिखाई दे रहे हैं जिसकी जानकारी ग्रामीणों द्वारा समय समय पर वन विभाग को दिया जा रहा है। कुछ दिन पहले मैनपुर क्षेत्र में ऐसे ही प्यास बुझाने डुमरघाट ग्राम पहुचे दो चीतल को ग्रामीणाें ने शिकार किया था, यह मामला भी सामने आ चुका है। वन विभाग के चाहिए की इस तरह के मामले और वन्य प्राणियों के सुरक्षा के लिए कोई ठोस प्रयास किया जाए।
क्या कहते है वन अफसर
वन विभाग के एसडीओ राजेन्द्र सोरी ने बताया कि मैनपुर गरियाबंद नेशनल हाईवे में दनबई नाला के पास आज सुबह किसी अज्ञात वाहन के द्वारा एक तीन वर्षीय हिरण को ठोकर मार देने से हिरण के सामने हिस्सा मे जबरदस्त चोट लगने से हिरण की मौत हो गई, जिसका पोस्टमार्डम कर कर दह संस्कार किया गया है और मामले की जांच किया जा रहा है।