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November 23, 2024

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पिता का इलाज कराने अपोलो हॉस्पिटल आए युवक के गुमे 85 हज़ार रुपये से भरे बैग को किया जमा

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अंजान महिला द्रोपती सोनीने पेश की ईमानदारी की अद्भुत मिसाल

मनीष शर्मा,8085657778

बिलासपुर,अपने स्वाभिमान से जीने वाले लोग अचानक ही समान्य रूप से कही देखने को मिल ही जाते हैं
बेईमानी के इस दौर में आज भी ईमानदारी जिंदा है । ऐसे लोग अभी भी इस दुनिया में है, दौलत जिनका ईमान डिगा नहीं पाती ।ऐसी ही अपोलो अस्पताल बिलासपुर में बैकुंठपुर की महिला द्रौपती सोनी ने अपनी ईमानदारी का परिचय देकर सबको चौंका दिया है।

बता दें मरवाही के पास के गांव परासी में रहने वाले सत्यम चतुर्वेदी अपने बीमार पिता देवकीनंदन चतुर्वेदी का इलाज कराने बिलासपुर अपोलो अस्पताल आए थे। उन्होंने इलाज के लिए 85 हजार रुपए को अपने बैग में रखा हुआ था । दोपहर में जब सत्यम खाना खाने होटल गया हुआ था तभी रास्ते में उसका बैग कहीं गिर गया।85 हजार रुपए से भरे बैग के खो जाने से परेशान सत्यम चतुर्वेदी ने इधर-उधर बैग को बहुत तलाशा लेकिन उसे बैग नहीं मिला ।परेशान होकर उन्होंने सरकंडा थाना प्रभारी शानिप रात्रे को फोन कर घटना की जानकारी दी ।सरकंडा थाना प्रभारी ने मामले में गंभीरता दिखाते हुए तुरंत अपोलो अस्पताल पहुंचकर सीसीटीवी फुटेज की जांच की। सीसीटीवी फुटेज में नजर आया कि एक महिला सत्यम चतुर्वेदी के खोये हुए बैग को लेकर परिसर में इधर-उधर घूम रही है। पता करने पर मालूम हुआ कि वह महिला बैकुंठपुर की द्रोपती सोनी है जो अपने पति शिव प्रसाद सोनी के किडनी की बीमारी का इलाज कराने अपोलो अस्पताल आई थी। पता चलने पर जब द्रौपती से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि जब वह मित्र मिलन होटल से खाना खाकर लौट रही थी तो सड़क किनारे उसे यह बैग मिला उसने पहले मालिक की तलाश की लेकिन जब कोई नहीं मिला तो उसने अपोलो अस्पताल के काउंटर में उसे जमा करा दिया ।सत्यम को जब बैग दिखाया गया तो उसने अपने बैग को पहचान लिया और जांच करने पर बैग के अंदर पूरी रकम सही सलामत मिल गई । इस मामले में द्रोपति सोनी ने बेहद ईमानदारी का परिचय दिया। 85 हज़ार रुपये से भरे बैग को देखकर किसी की भी नियत डोल सकती थी, लेकिन ईमानदार द्रोपति सोनी ने इसे काउंटर में जमा कर इमानदारी की अद्भुत मिसाल पेश की है, जिसकी सराहना हर तरफ हो रही है। ऐसे विसम समय मे सत्यम अपने पिता के इलाज में खोए पैसे महिला की मदद से वापस मिलने पर धन्यवाद किया।

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