शातिर शिकारियो के हौसले बुलन्द हैं बारनयापारा में ?
1 min readShikha Das, महासमुँद (पिथौरा)
दुलॆभ वन्य प्राणी पैँगुलिन होने की जानकारी भी थी शिकारियो को?जबकि परिक्षेत्रवासी भी नही जानते थे कि पैँगुलिन जैसा वन्य प्राणी भी हैं यहाँ? हरियाली के वन्य प्राणियों के शिकारियो के हौसले बुलन्द है परिक्षेत्र में?
समीप के बार अभ्यारण्य में अब शिकारियों की धर पकड़ लगभग बन्द हो चुकी है।यहां पदस्थ अफसर शिकारियों को पकड़ने की बजाय अपने बंगलो में मात्र नई योजना एवम जंगल मे किस कार्य के लिए राशि स्वीकृत कराई जा सकती है।इसमें ही लगे रहते है।दूसरी ओर उच्च पदस्थ अफसर मंत्री सचिव स्तर पर शिकार नही पकड़े जाने से सब कुशल मंगल ही समझ रहे है।
बारनयापारा अभ्यारण्य में वर्तमान अफसरों की पदस्थापना के पूर्व के अफसरों ने अभ्यारण्य में शिकार के अनेक मामले पकड़ कर आरोपियों को सींखचों के पीछे पहुचाया था।जिससे यह समझा जाता था कि जंगल मे शिकार हो रहे है और शिकारी सक्रिय है परन्तु अब समय के साथ नए अफसरों ने कार्य का तरीका ही बदल दिया।अब अफसर ना तो जंगल का दौरा करते है और ना ही शिकार या अवैध कटाई के मामले पकड़ने में कोई दिलचस्पी ही रखते है।सूत्र बताते है कि ऐसा नही है कि इन्हें शिकार के या अवैध कटाई के सम्बन्ध में कोई जानकारी नही है।इन्हें सब जानकारी होते हुए भी मात्र इसलिए मामला नही बनाते की इससे उन पर ये आरोप लगने लगेगा कि उनके क्षेत्र में शिकार हो रहे है।इसलिए अब ये सब अवैध कार्य छिपाने के लिए बार,देवपुर एवम कोठारी सहित लवन परिक्षेत्र में शिकार के प्रकरण बनने ही बन्द हो गए और सब कथित खैरियत के हालात बन गए है।
पूर्व के अफसरों पर हमले भी हुए
शिकार एवम अवैध कटाई के आरोपियों को पकड़ने के मामले में पूर्व के अधिकारी खासी मेहनत करते थे लिहाजा एक रेंजर से रामपुर में अवैध कटाई को लेकर मारपीट तक कि नौबत आयी जबकि इसके पूर्व बार मे पदस्थ अधीक्षक हमेशा अवैध कटाई,अतिक्रमण एवम शिकारियों के निशाने पर रहते थे।जबकि वर्तमान अफसरो को जंगल कटाई एवम शिकार के मामलों से कोई लेना देना नही है।इन अफसरों को मात्र सड़क एवम तालाब के कार्य करने में ही ज्यादा दिलचस्पी है।लिहाजा उक्त सभी परिक्षेत्र में शिकार अवैध कब्जा एवम कटाई अनवरत जारी है।
दुर्लभ पेंगुलिन मामले में भी कोई कार्यवाही नही
बारनयापारा के शिकारियो को साँकरा पुलिस ने पकड़ा था. सवाल यह कि दुलॆभ वन्य प्राणी पेँगुलिन के शिकारी !आखिर वन विभाग की निगाह क्यो नही पड़ी ? विगत दिनों वन विभाग की अनुपस्थिति में सांकरा पुलिस ने एक शिकारी को दुर्लभ वन्य प्राणी पेंगुलिन के साथ धर दबोचा था।इस मामले में पकड़े गए शिकारियों ने अपने बयान में बकायदा यह स्वीकार भी किया था की उन्होंने दुर्लभ प्राणी को बार के जंगल से पकड़ा है।इसके बाद भी बार एवम जिले के उच्च अफसरों ने उक्त मामले को वही बन्द कर दिया।
जबकि विभागीय जानकार बताते है कि आरोपी को रिमांड पर लेकर मामले की सूक्ष्म जांच के साथ अन्य शिकारियों के बारे में भी विभागीय अफसरों को पता लगाया जाना चाहिए था।पैँगुलिन के शिकारियो ने स्वीकारा था पुलिस के सामने कि बारनयापारा से शिकार कि ये हैं ?अगर बार वनविभाग कार्रवाई इन पर करता है तो अवश्य ही अन्य वन तस्करो शिकारियो में खौफ पैदा होगा !
अवैध कारनामो में रोकथाम लगेगी ।