प्रदेश में बृजमोहन अग्रवाल के शिक्षा मंत्री बनते ही भ्रष्टाचारियों की उडी नीद, भ्रष्टाचार को छिपाने ब्लैक बोर्ड को रातों रात किया गायब
- शेख हसन खान, गरियाबंद
- भ्रष्टाचार को छिपाने लगातार ग्रीन बोर्ड को अलग अलग स्थानों पर रखा जा रहा है जो कई संदेह को देता है जन्म
- भाजपा के पूर्व सांसद चन्दुलाल साहू ने कहा कि कांग्रेस कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार की होगी जांच
गरियाबंद। कोरोना संक्रमण काल के दौरान शिक्षा विभाग गरियाबंद द्वारा लाखों करोड़ों रुपए से खरीदा गया ग्रीन ब्लैक बोर्ड आज तीन वर्षों बाद भी नहीं वितरण किया गया और ना ही इसका किसी प्रकार से उपयोग किया जा रहा है। कलेक्टर एवं उच्च अधिकारियों की नजर से बचाने के लिए पहले से ही मैनपुर में लगातार ग्रीन ब्लैक बोर्ड को छिपाकर रखने जगह बदली जा रही थी और तो और छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनते ही अब भ्रष्टाचार करने वालों की नींद उड़ गई है। इस ब्लैक बोर्ड खरीदी में किए गए भ्रष्टाचार के पूरा सबूत मिटाने के लिए ग्रीन ब्लैक बोर्ड को रातों रात गायब कर दिया गया है जिसके बारे में किसी को कोई पता नहीं है, जो पिछले एक पखवाड़े से मैनपुर में चर्चा का विषय बना हुआ है। इस मामले में जिम्मेदार स्थानीय अधिकारी इस कुछ भी कहने से बच रहे हैं। लाखों करोड़ों रूपये की लागत से खरीदे गये।
ग्रीन ब्लैक बोर्ड चुनाव के ठीक पहले तक सामुदायिक भवन शिक्षक कालोनी मैनपुर में रखा गया था और छत्तीसगढ में सत्ता परिवर्तन के बाद तथा तेज तर्रार नेता बृजमोहन अग्रवाल के शिक्षा मंत्री बनने के बाद शिक्षा विभाग में विभिन्न सामग्रियों में खरीदी करने वाले भ्रष्टाचार करने वालों के होश उड़े हुए हैं।
भ्रष्टाचार को छिपाने रातों रात ब्लैक बोर्ड सामुदायिक भवन से गायब हो गया है तथा कहा रखा गया है कोई बताने वाला नहीं है, जबकि पिछले तीन वर्षो से जब इस ग्रीन ब्लैक बोर्ड की खरीदी हुई तो इसे जनपद पंचायत मैनपुर में रखा गया था। जब इस ब्लैक बोर्ड मामले में भ्रष्टाचार के उजागर हुआ तो इसे उच्च अधिकारियों के नजर से छिपाने के लिए सबसे पहले बी.आर.सी.सी भवन के पीछे कमरे में छिपाकर रखा गया था। वहां भी कुछ दिनों रखने के बाद इसे सामुदायिक भवन शिक्षक कोलोनी के एक कमरे में ताला बंद कर रख दिया गया और छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन के बाद भाजपा की सरकार बनने तथा छत्तीसगढ़ में शिक्षा मंत्री के जिम्मेदारी भाजपा के कदवार नेता बृजमोहन अग्रवाल को मिलने के बाद भ्रष्टाचारियों की नीद उंडी हुई है। रातों रात ब्लैक बोर्ड को गायब किये जाने का सनसनी खेज मामला सामने आया है साथ ही दो – तीन वर्षों सामुदायिक भवन मैनपुर में रखे ब्लैक बोर्ड को आखिर किसके आदेश पर कहां ले जाकर रखा गया है। बताने वाला कोई नहीं है जो अनेक संदेह को जन्म देता है साथ ही इस भ्रष्टाचार को दबाने में स्थानीय कुछ जिम्मेदारों का भी संलप्ति होने की संदेह जाहिर किया जा रहा है, जो जांच का विषय है।
- मैनपुर पहुंचे पूर्व सांसद चन्दुलाल साहू ने कहा कि भ्रष्टाचार की जांच होगी
मैनपुर पहुंचे महासमुंन्द लोकसभा क्षेत्र के पूर्व सांसद चन्दुलाल साहू को ग्रीन ब्लैक बोर्ड अचानक गायब किये जाने की शिकायत स्थानीय लोगों ने किया। शिक्षा विभाग में कई सामग्री खरीदी में भ्रष्टाचार तथा अनेक अनिमिताओ की शिकायत किया जिस पर सांसद चन्दुलाल साहू ने कहा कि कांग्रेस शासनकाल में शिक्षा विभाग में चाहे ब्लैक बोर्ड खरीदी हो या अन्य फर्नीचर सामग्री खरीदी हो जिसमें भ्रष्टाचार के लगातार आरोप लगते रहे हैं । खेलगढिया मामला हो सभी की जांच होगी और जो भी जिम्मेदार होगा उन पर कार्यवाही करवाई जायेगी।