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October 20, 2024

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स्मार्ट सिटी में विश्व का सबसे लंबा तिरंगा फहराने की कोशिश अव्यवस्था का शिकार

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Attempt to hoist the longest tricolor

राउरकेला। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में दस अगस्त को निकला देश का अबसे बड़ा तिरंगा यात्रा से प्रेरित हो कर सेवाभावी लोगों को लेकर गठित स्माइल फॉर एवर फाउंडेशन की ओर से 15 अगस्त को रायपुर का रिकार्ड तोड़ कर 15  किलोमीटर से अधिक की तिरंगा फहराने व निकालने की कोशिश ना केवल नाकाम हुई बल्कि पूरा कार्यक्रम बिना योजना के अव्यवस्था का शिकार हो गया, जिससे आयोजकों की खूब किरकिरी हो रही है और इनका गिनीज बुक आॅफ रिकार्ड में नाम दर्ज कराने का सपना भी नाकाम हो गया। प्रस्तावित कार्यक्रम के तहत  हनुमान वाटिका चौक से 15 अगस्त की सुबह सवा 9 बजे विशाल तिरंगा यात्रा निकाली गई। इसका उद्घाटन पूर्व विधायक दिलीप राय ने किया। लगभग राउरकेला के सभी स्कूल, कालेज के बच्चे, शिक्षक,एवं राउरकेला के सभी अनुष्ठान, क्लब, संस्था के लोगों को आमंत्रित किया गया। इस मौके रघुनाथपाली विधायक सुब्रत तरई, राउरकेला विधायक शारदा नायक आदि भी उपस्थित थे।

Attempt to hoist the longest tricolor

इस पहल की प्रशंसा की। फाउंडेशन के नेता संतोष विश्वाल व उनकी टीम ने यह कोशिश की जो अव्यवस्था का भेंट चढ़ गयी। इस कार्यक्रम में बेनी सिंह, निमू जैन, आशेष महान्ती, अफरोज अहमद, मिन्ती देवता, जोया त्रिपाठी, ओपी सिंह समेत शहर के दर्जनों प्रमुख व प्रबुद्ध लोगों ने हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम को लेकर लोगों में काफी उत्साह देखा गया और विभिन्न प्रांतों की झांकियों को प्रस्तुत किया गया। उडीसी नित्य, आदीवासी लोक नित्य आकर्षण का केन्द्र बना हुआ था। शहीद अजीत कुमार साहु के माता-पिता के द्वारा झंडा फहराया गया। सबसे लंबा तिरंगा को देखने रिंग रोड के किनारे 20 हजार से अधिक लोग जुटे। जालियावाला बाग नरसंहार के नाटक नृत्य नाटिका के लिए पूरी तरह से समर्पित झांकी में से एक थी। स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि और सम्मान के निशान के रूप कई झांकियां थी, जो जलियांवाला बाग नरसंहार के 100 वें वर्ष को चिह्नित कर रहा था। विलंब से यात्रा शुरू हुई और शाम पांच बजे तक तिरंगा ले लेकर लोग चले, लेकिन अव्यवस्था व तिरंगा की चक्री के बार बार टूट जाने तथा झंडा के फट जाने से पांच किलोमीटर से अधिकतिंरंगा अधिक एक बार नहीं होने से स्माइलव फोर एवर के सपना अधूरा रहा गया। वहीं तिरंगा के अपमान होने से लोगों में रोष देखा गया।

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