अयोध्या को प्राचीन संस्मारक तथा पुरातत्वीय स्थल के रूप में संरक्षित व रख-रखाव की सुलतानपुर से भी उठी मांग
1 min readअयोध्या को प्राचीन संस्मारक तथा पुरातत्वीय स्थल के रूप में संरक्षित व रख-रखाव की सुलतानपुर से भी उठी मांग
सुलतानपुर। आज दिनांक 08-06-2020 को मोस्ट कल्याण संस्थान उ.प्र. के तत्वाधान में “बौद्धाचार्य” राजकुमार गौतम के नेतृत्व में जिलाधिकारी महोदया, सुलतानपुर के माध्यम से 23 मई 2020 को लखनऊ में बौद्ध विद्वानों व इतिहासकारों की भिक्षु सुमित रत्न थेरा जी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में अयोध्या बौद्ध स्थल से सम्बन्धित सर्वसम्मति से प्रस्ताव :—
- उक्त प्राथमिक व ऐतिहासिक महत्व के स्थल की सामान्य खुदाई तत्काल प्रभाव से रोक दी जाए।
- उस स्थल को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की निगरानी में विधिवत उत्खनन कार्य कराया जाए।
- उत्खनन स्थल को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के अधिकार क्षेत्र में देकर राष्ट्रीय स्मारक के रूप में संरक्षित कर दिया जाए।
4, भारतीय इतिहास वेत्ताओं व पुरातत्व वेत्ताओं एवं बौद्ध विद्वानों का एक संयुक्त प्रतिनिधिमंडल उत्खनन स्थल का निरीक्षण करे और अपनी रिपोर्ट संसद को प्रस्तुत करें।
5, मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम का भव्य मंदिर अयोध्या में ही किसी अन्य स्थल पर निर्मित कराया जाए।
महामहिम राष्ट्रपति से उक्त प्रस्ताव को स्वीकार कर तत्काल प्रभावी आदेश जारी कर संवैधानिक उपबन्धों की रक्षा की माँग की।
बौद्धाचार्य राजकुमार गौतम के साथ ज्ञापन देने वालों में पूर्व जिला पंचायत सदस्य छोटेलाल निषाद, एडबोकेट विनोद गौतम, मोस्ट जिला संयोजक जीशान अहमद, जिला सह संयोजक नरेन्द्र निषाद, जिला कोशाध्यक्ष गोविंद कोरी, इरफान अहमद सिद्दकी सामिल रहे।