आरक्षित वर्गों के कोटा पूर्ति के लिए बैकलॉग भर्ती जरूरी
1 min readओबीसी,एससी, एसटी का आरक्षण कोटा अभी भी नहीं हुआ पूरा-लौटनराम निषाद
लू lucknow / आरटीआई द्वारा प्राप्त सूचनानुसार अभी भी अन्य पिछड़ावर्ग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग का निर्धारित आरक्षण कोटा पूरा नहीं हो पाया है।राष्ट्रीय निषाद संघ के राष्ट्रीय सचिव चौ.लौटनराम निषाद ने बताया कि एससी व एसटी को 1950 से ही क्रमशः15% व 7.5% आरक्षण की व्यवस्था की गई।ओबीसी को 13 अगस्त,1990 को जनता दल की सरकार द्वारा मण्डल कमीशन की सिफारिश के अनुसार केंद्रीय सेवाओं में 27% आरक्षण दिए जाने की अधिसूचना के बाद मा. उच्चतम न्यायालय के इंदिरा साहनी व अन्य वनाम भारत सरकार के मामले के 16 नवम्बर,1992 के बाद सिर्फ नौकरियों में आरक्षण दिया गया।लेकिन अभी तक इन वर्गों का आरक्षण कोटा पूरा नहीं हुआ है,फिर भी सामाजिक न्याय व मण्डल विरोधियों के पेट में दर्द उठ रहा है।उन्होंने केंद्र सरकार से कोटा पूर्ति के लिए बैकलॉग भर्ती शुरू करने की मांग किया है।
निषाद ने आरटीआई की सूचना के आधार पर बताया कि ग्रुप-ए के लिए निर्धारित 46,768 पदों में से ओबीसी को 5077 यानी 10.46%,एससी को 5732 यानी 12.25% व एसटी को 2268 यानी 4.85% व सामान्य वर्ग को 33,691 यानी 72.04%,ग्रुप-बी के 1,09,780 पदों में से ओबीसी को 11,319 यानी 10.31%,एससी को 17,502 यानी 15.94% एसटी को 6,814 यानी 6.21% व सामान्य वर्ग को 74,145 यानी 67.54% प्रतिनिधित्व मिला है।
केंद्रीय सेवाओं के ग्रुप-सी के 17,72,550 पदों में से ओबीसी को 3,63,219 यानी 20.49%,एससी को 3,00,660 यानी 16.96%,एसटी को 1,36,312 यानी 7.69% व सामान्य वर्ग को 9,72,314 यानी 54.86% तथा ग्रुप-डी के 42,297 पदों में से ओबीसी को 5,468 यानी 12.93%,एससी को 17,335 यानी 40.98%,एसटी को 2,596 यानी 6.14% व सामान्य वर्ग को 16,898 यानी 39.95% स्थान मिला है।कुल केन्द्राधीन सेवाओं के लिए 19,71,350 पदों में से ओबीसी को 3,85,083 यानी 19.53%,एससी को 3,41,229 यानी17.31%,एसटी को 1,47,990 यानी 7.51% व सामान्य वर्ग को 10,97,048 यानी 55.65% प्रतिनिधित्व मिला है।
निषाद ने आगे बताया कि देश में आईआईटी के 5,270 प्रोफेसर पदों में से ओबीसी को 277 यानी 5.26%,एससी को 65 यानी 1.23%,एसटी को 19 यानी ओ.36% तथा सामान्य वर्ग को 4909 यानी 93.15% प्रतिनिधित्व मिला है।ओबीसी,एससी, एसटी को 49.5% आरक्षण कोटा के सापेक्ष आईआईटी प्रोफेसर के पद पर मात्र 381यानी 6.85% ही प्रतिनिधित्व मिल पाया है।जो नैसर्गिक व संवैधानिक न्याय के प्रतिकूल है।जब से देश के ओबीसी प्रधानमंत्री बने हैं,इनके कार्यकाल में अभी तक केंद्रीय सेवाओं में मात्र 15,877 सेवायोजकों की भर्ती हो पाई है।