भूपेश सरकार ने छत्तीसगढ़ की संस्कृति और परम्पराओं को सहेजने का काम किया – श्रीमती स्मृति ठाकुर
- शेख हसन खान, गरियाबंद
- ग्राम पंचायत साल्हेभाठा, कुरलापारा एंव बनवापारा में सी.सी.रोड तथा देवगुडी निर्माण का भूमिपुजन किया जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती ठाकुर ने
मैनपुर । भूपेश बघेल सरकार ने छत्तीसगढ की संस्कृति और परम्पराओं को सहजने का काम किया है। उक्त बातें जिला पंचायत गरियाबंद के अध्यक्ष श्रीमती स्मृति ठाकुर ने आज रविवार को ग्राम पंचायत साल्हेभाठा, कुरलापारा, बनवापारा में सी.सी रोड एंव देवगुडी निर्माण कार्य का भूमिपूजन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। इन ग्रामों में पहुंचने पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती स्मृति ठाकुर का ग्रामीणों ने जोरदार फुलमाला के साथ स्वागत किया गांवो में लंबे समय से सी.सी रोड निर्माण की मांग किया जा रहा था और आज जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती ठाकुर ने विधिवत पुजा अर्चना कर सी.सी रोड निर्माण तथा देवगुडी निर्माण का भूमिपूजन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ के भूपेश बघेल सरकार प्रदेश का तेजी से विकास कर रहे हैं । सरकार द्वारा अनेक जनकल्याणकारी योजनाएं संचालित किया जा रहा है। राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना, भूमिहीन परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करने में काफी महत्वपूर्ण साबित हुआ है।
छत्तीसगढ की सरकार 65 प्रकार के लघु वनोपज की खरीदी समर्थन मूल्य पर कर रही है। किसानों के खुशहाली के लिए कर्जा माफी से लेकर अनेक प्रकार की योजनाए संचालित किया जा रहा है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, छत्तीसगढ के लोगो के लिए वरदान साबित हुआ श्रीमती ठाकुर ने कहा कि सबसे कमजोर तबको को सबसे पहले ज्यादा तबज्जों देकर न्याय दिलाना हमारी सरकार ने अपना प्रथम कर्तव्य माना है।
- गांव में चौपाल लगाकर सुनी ग्रामीणों की समस्या
जिला पंचायत अध्यक्ष स्मृति ठाकुर ने गांव में चौपाल लगाकर जहां ग्रामीणो से भेंट मुलाकात किया। वहीं ग्रामीणों की समस्याओं को सुना कई समस्याओं का तत्काल समाधान किया गया इस दौरान वृध्दा पेंशन, राशन कार्ड, रंगमच निर्माण, सामुदायिक भवन जैसे कई मांग ग्रामीणों ने किया। इस मौके पर प्रमुख रूप से घनश्याम ध्रुव, नेपाल ध्रुव, निजाम पाथर, खिरसिंह मांझी, कुर्तीराम यादव, हेमनाथ यादव, प्रेमसिंह ओंटी, प्रतीमा, घनश्याम पटेल, लखीधर ध्रुव, गुलाब पाथर, शेषमल नागेश, टेकराम मांझी, टीकम मांझी, कुलेश्वर मांझी, पुरन मांझी, सुमिला बाई मांझी, नुरमती बाई ध्रुव, कमला बाई ध्रुव, यशोदा बाई, नमती, जीरा बाई मांझी, हेमनाथ यादव, जीवन यादव, भुनेश्वर यादव, तुलसी, गायत्री बाई, पुष्पा बाई , सावत्री बाई सहित सैकडो की संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे ।