बिलासपुर नगर निगम:कालोनियों में ई डब्लू एस की जमीन की सुरक्षा भगवान भरोसे
1 min readमनीष तिवारी की कलम से….✍️
बिलासपुर,सकरी/आर्थिक रूप से कमजोर तबके के लिए शासन द्वारा कालोनाईजरो से ई.डब्लू.एस. के तहत जमीन सुरक्षित रखवायी जाती है ताकि बाद में पात्र हितग्राहियो को इसका आबंटन किया जा सके शासन ने ई.डब्लू.एस. की जमीन संबंधित निकाय के पक्ष में रजिस्ट्री करने का आदेश भी जारी किया था लेकिन अभी तक निगम क्षेत्र अंन्तर्गत सकरी में विभिन्न बड़े कालोनाईजर्स द्वारा ई.डब्लू.एस. के लिए छोड़ी गई अधिकतर बेशकिमती करोड़ो की जमीन कि रजिस्ट्री निगम प्रशासन नही करा सका है वही निगम के अधिकारी रजिस्ट्री प्रक्रिया एसडीएम कार्यालय कोटा में बाधित होने की बात कह रहे है।
शासन ने आर्थिक रूप से कमजोर तबके के लोगो के लिए योजनाए चला रखी है इसी के अंन्तर्गत जब भी कोई बिल्डर्स या कालोनाईजर कोई प्रोजेक्ट बनाता है तो शासन द्वारा निर्धारित प्रतिशत के तहत उन्हे कार्यरत प्रोजेक्ट क्षेत्र में ई.डब्लू.एस. (इकोनामिकली विकर सेक्शन) के लिए जमीन छोड़नी होती है बाद में शासन इसके लिए पात्र हितग्राहियो का चयन कर उन्हे उक्त भू-खण्ड में मकान बनाकर आबंटित करती है। छत्तीसगढ़ शासन ने एक आदेश निकाला था जिसमें 2013 के बाद छोड़ी गई ई.डब्लू.एस. की जमीन को एक रूपये प्रति वर्ग फीट की दर से एवं 2013 के पूर्व छोड़े गये जमीन को शासकीय दर से संबंधित निकाय के पक्ष में रजिस्ट्री कराना है जिसके बाद नगर पंचायत कार्यकाल के दौरान सकरी स्थित ई.डब्लू.एस. के जमीन की रजिस्ट्री सकरी नगर पंचायत के पक्ष में हुआ था लेकिन अभी भी ई.डब्लू.एस. के तहत छोड़ी गई बड़े रकबे की जमीन को निगम प्रशासन अपने पक्ष में रजिस्ट्री नही करा पायी हालाकि निगम के अधिकारी रजिस्ट्री प्रक्रिया एसडीएम कार्यालय कोटा में प्रक्रियाधिन होने की बात कह रहे है ।
बता दें निगम प्रशासन फण्ड के आभाव में ई.डब्लू.एस. के जमीनो की रजिस्ट्री नही करा पा रही है अब सोंचने वाली बात यह है कि करोड़ो की बेशकिमती जमीन संरक्षण के आभाव में असुरक्षित रूप से पड़ा है वही रजिस्ट्री नही होने के कारण इस जमीन के पात्र हितग्राहियो के चयन कि प्रक्रिया भी लटकी हुई है कुल मिलाकर इससे आर्थिक रूप से कमजोर तबके को इसका नुकसान उठाना पड़ रहा है। इन रकबो की नही हो पायी है रजिस्ट्रीः- निगम क्षेत्र अंन्तर्गत सकरी में 2013 के पूर्व अनुमति प्राप्त रामा लाईफ सिटी द्वारा छोड़ी गई ई.डब्लू.एस. खसरा क्रमांक 44/3,47,56/2 का भाग 54, 221 का भाग,224/2 का भाग,225/1 कुल ई.डब्लू.एस. जमीन का रकबा 31322 वर्ग मी.आसमा बिल्डर्स का 42/17,42/18,42/16,42/3 कुल ई.डब्लू.एस.का रकबा 16937 वर्ग मीटर.नेचरसिटी सागर होम्स का 215,216/2,217/2,261/3 कुल ई.एस.डब्लू.जमीन का रकबा 2.37 एकड़ जमीन को अभी तक निगम अपने पक्ष में रजिस्ट्री नही करा पायी है।
क्या है नियम
कालोनाईजर द्वारा प्रोजेक्ट निर्माण के पूर्व नगर एवं ग्राम निवेश विभाग में आवेदन लगाया जाता है जहॉ एक एकड़ से कम जमीन होने पर संबंधित निकाय के पक्ष में आश्रय निधि जमा कराया जाता है और यदि प्रोजेक्ट एक एकड़ से उपर रहता है तो निर्माण के कुल रकबे का पन्द्रह प्रतिशत भूमि ई.डब्लू.एस. के लिए छोड़ा जाता है जिसे संबंधित निकाय को अपने पक्ष में रजिस्ट्री कराना होता है।
फण्ड का टोंटा
सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार फण्ड के आभाव के चलते ई.डब्लू.एस. के तहत छोड़ी गई जमीनो कि रजिस्ट्री नही हो पा रही है।2013 के पूर्व अनुमति प्राप्त प्रोजेक्ट में छोड़े गए ई.डब्लू.एस. की जमीन को शासकीय दर से रजिस्ट्री करानी है वही 2013 के बाद प्राप्त अनुमति पर एक रूपये के हिसाब से संबंधित निकाय कालोनाईजर्स को भुगतान कर अपने पक्ष में रजिस्ट्री कराता है।सकरी नगर पंचायत कार्यकाल के दौरान 2013 के पूर्व की ई.डब्लू.एस. की जमीन को अपने पक्ष में रजिस्ट्री कराने के लिए शासन से डेढ़ करोड़ रूपये की मॉग का प्रस्ताव भेजा गया था लेकिन उक्त राशि का आबंटन स्थानीय निकाय को आज तक प्राप्त नही हुवा है जिसके चलते ई.डब्लू.एस. कोटे के लाभार्थियो को इंतजार भी करना पड़ रहा है।
फण्ड आभाव जैसी कोई बात नही है उक्त प्रक्रिया एसडीएम कार्यालय में लंबित है।
प्रभाकर पाण्डेय आयुक्त नगर निगम बिलासपुर
ई.डब्लू.एस. जमीन रजिस्ट्री कि प्रक्रिया अगर मेंरे कार्यालय में प्रक्रियाधिन है तो कल ही दिखवाता हूॅ।
आनंद रूप तिवारी एसडीएम कोटा