बिलासपुर का बड़ा सूदखोर पुलिस की गिरफ्त में,रेल कर्मचारियों से करोड़ों रुपए वसूला
1 min readदस्तावेजों में हेरफेर कर अदालत को भी किया गुमराह
मनीष शर्मा,8085657778
बिलासपुर,मजबूरी एवं पैसे के लिए बेबस लोगो से अनाप शनाप ब्याज में रकम देकर बदले में कई गुना रकम उगाही करने वाले सूदखोरों पर एक बार फिर से नकेल कसी गई। बिलासपुर में ही लगातार ऐसे मामले आते रहे हैं जहां सूदखोरों की प्रताड़ना से तंग आकर लोगों ने खुदकुशी कर ली हो । ऐसे ही एक मामले में पुलिस के हाथ एक बड़ी मछली लगी है।
टिकरापारा दयालबंद मैं रहने वाला सचिन गोरख उर्फ बबलू रेलवे कर्मचारियों और अन्य लोगों को इसी तरह ऊंची ब्याज दर पर रकम उधार में दिया करता है। इसके एवज में वह सुरक्षा के लिए कर्जदारो के हस्ताक्षर कोरे कागज और वकालतनामा में करा लिया करता था।
ऐसे सैकड़ों लोग हैं जिनसे मूल राशि और ब्याज के अलावा भी कई गुना रंगदारी रकम वसूल करने के बाद भी कर्ज खत्म ही नहीं हो रहा । बताया जा रहा है कि 400 से अधिक रेलकर्मी उसकी चंगुल में फंसे हुए हैं। रेलवे के कार्मिक विभाग में कार्यरत तारक्लेन टोपनो के अलावा 30 और व्यक्तियों की शिकायत मिलने के बाद सक्रिय हुई पुलिस ने सूदखोर को धर दबोचा। दरअसल रकम उधार देते समय सचिन गोरख ने जिन कागजों में दस्तखत करवाए थे उसके आधार पर वह न्यायालय से एक पक्षीय आदेश हांसिल करने में कामयाब रहा और न्यायालय के आदेश का डर दिखाकर रेल कर्मियों से भयादोहन करता रहा । सचिन गोरख ने रेल कर्मियों को डर दिखाया कि अगर वे कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करेंगे तो उनकी नौकरी चली जाएगी ।नौकरी जाने के डर से रेलकर्मी खामोश बैठे रहे। वहीं इसी आधार पर रेल कर्मियों के वेतन से ही रकम की कटौती होने लगी। लंबे समय तक सब खामोश रहे जिसके बाद उन्हें भी पूरी प्रक्रिया संदेहास्पद महसूस हुआ। पता चला कि करीब 300 से 400 लोगों के इसी तरह कोरे कागज में लिए गए हस्ताक्षर को आधार बनाकर कोर्ट में मामला पेश किया गया और चालबाजी करते हुए एक पक्षीय कार्यवाही से आदेश हासिल किए गए। इस तरह सचिन गोरख ने करीब करीब 10 करोड़ के आसपास की रकम की उगाही कर ली । सीधे-साधे नौकरी पेशा लोग उसकी चालबाजी नहीं समझ पाए ।अवैध सूदखोर सचिन गोरख कर्जा देते समय तो कोरे कागजातों पर हस्ताक्षर करवा लेता था लेकिन वसूली के बाद वह किसी तरह की रसीद या पावती नहीं दिया करता था। इसी को आधार बनाकर उसने न्यायालय से अपने पक्ष में फैसला करा लिया था शिकायत के बाद जब सिटी कोतवाली पुलिस ने आरोपी सचिन गोरख को उसके घर से धर दबोचा तो उसके पास से बड़ी संख्या में कर्जदारो के हस्ताक्षर युक्त दस्तावेज, कोर्ट के सील, मोहर बरामद हुए । शुरुआती जांच में यह पता चला है कि करीब 31 रेल कर्मचारियों से सचिन गोरख ने 1 करोड़ रुपए सिर्फ ब्याज के रुपए रूप में वसूल किया है और ऐसे 350- 400 कर्मचारियों से वह वसूली करता रहा है। एक अनुमान के अनुसार यह रकम 10 करोड़ से भी अधिक हो सकती है। फिलहाल इस कुख्यात सूदखोर को गिरफ्तार कर पुलिस मामले की जांच कर रही है। उम्मीद है कि जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे जल्द ही होंगे। बिलासपुर में लगातार सूदखोरों पर नकेल कसने के दावे के बावजूद इस तरह की बड़ी मछलियां अब भी सक्रिय है। जिन पर नकेल कसने की आवश्यकता है। हैरानी इस बात की है कि रेलवे कर्मचारियों को अच्छा खास वेतन प्राप्त होता है। बावजूद इसके वे ऐसे सूदखोरों से रकम उधार लेने को मजबूर होकर उनके चंगुल में फंस रहे हैं ।दरअसल वे सूदखोरों से रकम उधार नहीं लेते बल्कि अपने गले में फांसी का फंदा अपने ही हाथों से कसते हैं, जिसका एक सिरा सूदखोरों के हाथ में रहता है।