बिन्द्रानवागढ़ MLA जनक ध्रुव विधानसभा में की मांग, फलों से तय हो पेड़ों का मुआवजा
1 min read
- शेख हसन खान, गरियाबंद
गरियाबंद। छत्तीसगढ़ विधानसभा में वर्तमान में चल रहे बजट सत्र के दौरान क्षेत्रीय MLA जनक ध्रुव ने क्षेत्र के मुख्य मुद्दा उठाते हुए फलों से तय हो पेड़ों की मुआवजा की मांग रखी। बिंद्रानवागढ़ विधानसभा में 30 प्रतिशत खेती जमीनें, जबकि 70 प्रतिशत जंगल है। यहां बड़ी आबादी वनोपजों पर निर्भर है। MLA जनक ध्रुव ने विधानसभा में पूछा कि क्या अलग-अलग पेड़ों के लिए मुआवजे की अलग दरें तय हैं। दरअसल, विभिन्न सरकारी परियोजनाओं में भू मालिकों राजस्व ग्राम वन विकास समितियों को जमीन अधिग्रहण और पेड़ कटने का ही मुआवजा मिल पाता है।
ग्रामीण की आजीविका इन पेड़ों से मिलने वाले वनोपजों पर निर्भर होती है, जो पेड़ कटने से प्रभावित होती है। कृषि एवं उद्यानिकी मंत्री रामविचार नेताम ने बताया कि 18 फरवरी को ही इस बारे में सर्कुलर जारी किया गया है। MLA जनक ध्रुव की मानें तो उन्होंने प्रश्न पहले लगाया था। जवाब तैयार करने के लिए अफसरों ने आनन-फानन में बैठक लेकर सर्कुलर निकाला है। इसमें वनोपजों की अलग दरें निर्धारित नहीं हैं। यह इसलिए जरूरी है क्योंकि चिरौंजी 4 हजार रुपए किलो बिकता है, तो हर्रा-बेहड़ा 700 से 800 रुपए प्रति किलो बिकते हैं। हर वनोपज की कीमत अलग है। पेड़ कटने के समय कितने उम्र का है और उसका जीवनकाल कितने का है इस हिसाब से मूल्यांकन कर मुआवजा दिया जाना चाहिए मंत्री ने इस पर आश्वासन दिया है।