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November 22, 2024

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आजादी के बाद से अब तक किसानों की स्थिति चिंताजनक थी, अब नहीं रहेगी: बीजेपी

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  • प्रदेश भाजपाध्यक्ष श्री विष्णुदेव साय जी के प्रेस वार्ता के बिंदु
  • रायपुर
  • 1. भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहां की जीडीपी में किसानों का भी महत्वपूर्ण योगदान रहता है। आजादी के बाद से अब तक किसानों की स्थिति चिंताजनक बनी रही। जिसके कारण केन्द्र की मोदी सरकार ने किसानों की आय दुगुनी करने के लक्ष्य से कार्य करना प्रारंभ किया। हमने एमएसपी को लागत मूल्य से डेढ़ गुणा करने के साथ किसानों की अन्य जरूरत पर भी ध्यान दिया है चाहे वह प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि हो, सॉयल हेल्थ कार्ड हो, नीम कोटेड यूरिया हो, या अन्य आवश्यक कार्य सब पर ध्यान देकर किसानों को सशक्त बनाने की दिशा में कार्य किया।
  • 2. केन्द्र की मोदी सरकार ने इस सत्र में दो बिल लाए हैं। जिसका मुख्य उद्देश्य किसानों को बिचैलियों से बचाना है। ए.पी.एम.सी. संशोधन और काॅन्ट्रैक्ट खेती, किसानों को 70 सालों से आ रही परेशानी का हल निकालने का प्रयास है। मोदी सरकार ने किसानों को इस बिल के माध्यम से मौजूदा विकल्प के अलावा अन्य विकल्प देने की कोशिश की है। किसान अब स्वयं निर्णय लेगा कि उसे अपनी फसल बेचने के लिए पुराना तरीका अपनाना है या फिर मोदी सरकार द्वारा लाए कानून के अनुसार अपनी फसल बेचना है।
  • 3. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के नाते मैं यह स्पष्ट कर दूं कि हम “मिनिमम सपोर्ट प्राइस” (MSP) को लागू कर रहे है और भविष्य में एम.एस.पी. और बढ़ाने का प्रयास भी जारी रहेगा।
  • 4. काॅन्ट्रेैक्ट फार्मिंग से अब किसान और खरीददार के बीच केवल फसल से संबंधित करार होगा। लेकिन उस करार में जमीन के विषय में कोई बात नहीं होगी। जमीन किसान की ही रहेगी। किसी भी परिस्थिति में। कांग्रेस पार्टी किसानों को भ्रमित कर अपना उल्लू सीधा करना चाह रही है। किसानों से अपील है कि वे  कांग्रेस पार्टी के झांसे में न आयें।
  • 5. कांग्रेस पार्टी ने किसानों को 60 वर्षों तक बुरे हाल में छोड़ दिया था। पूरा यू.पी.ए. कार्यकाल बीत गया लेकिन स्वामीनाथन कमेटी रिपोर्ट को खोलकर नहीं देखा। वह कांग्रेस अब किसानों को बरगलाने का काम कर रहे है। कांग्रेस पार्टी ने सी.ए.ए. को नागरिकता छीनने का कानून बताकर पहले देश की जनता को भड़काया, फिर राफेल विमान के मामले में अपना दोहरा रवैया अपनाया। आखिरकार सुप्रीम कोर्ट ने राफेल विमान मामले में डील को क्लीन चिट दी। कहने का मतलब है कि कांग्रेस पार्टी जवाबदार विपक्ष की भूमिका निभाने में असफल रही है। यहां (छत्तीसगढ़) एक संसदीय सचिव महोदय कहते है कि भाजपा सांसदों को जनता अपने क्षेत्र में घूसने न दे यह मांग वैसी है जैसे सोनिया गांधी ने सी.ए.ए. पर रामलीला मैदान से लोगों को घर से निकल कर सड़क पर आने के लिए उकसाया था। उसके बाद से देश में दंगे भड़के थे। प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बिल के विरोध में कोर्ट जाने की बात की है।  हम कोर्ट में उन्हें जवाब देंगे। जैसे राफेल मुद्दे में कांग्रेस पार्टी ने मुंह की खायी वैसा ही अनुभव उन्हें फिर मिलेंगा।
  • 6. कांग्रेस पार्टी ने अपनी राजनीति से स्पष्ट किया है कि वे किसानों के साथ नहीं हैं बल्कि बिचैलियों के लिए बिल का विरोध कर रहे है। कांग्रेस पार्टी जब यही बातें अपने  2019 के लोकसभा चुनाव के घोषणा पत्र में शामिल करती है तब उन्हें यह अच्छा लग रहा था। और अब, जब मोदी सरकार ने इसे पास कराया तो कांग्रेस पार्टी के पेट में दर्द हो रहा है। स्पष्ट है कि भाजपा किसानों के साथ है और कांग्रेस पार्टी बिचैलियों के पक्ष में है।
  • 7. यह बिल किसानों को एक नया विकल्प दे रहा है कि वे देश के किसी भी कोने में अपनी फसल बेच सकता है। साथ ही  फसलों के लिए एम.एस. पी.(MSP) मिलती रहेगी और हमारी सरकार साल दर साल एम.एस.पी. बढ़ाती भी रहेगी।
  • इस बिल के अनुसार काॅन्ट्रैक्ट फसलों के लिए होगा किसानों की जमीन से कोई समझौता का प्रवधान इस बिल में नहीं किया गया है।
  • 8. भूपेश बघेल कोर्ट बाद में जाने की सोचे उससे पहले किसानों को मिलने वाली यूरिया की काला बाजारी रोकने में लगे।भूपेश बघेल राष्ट्रीय नेता बनने के चक्कर में बड़बोलापन दिखा रहे हैं।

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