गरीबी में जन्मे देवभोग क्षेत्र के उभरते हुए रैपर सिंगर आकाश प्रधान को आर्थिक मदद की दरकार
1 min read- न्यूज रिपोर्टर, रामकृष्ण ध्रुव
- देश की प्रसिद्ध रैपर सिंगर रफ्तार को मानते हैं अपना आदर्श उन्हीं के पद चिन्हों पर चलने की ठानी आकाश प्रधान
- छत्तीसगढ़ की अंतिम सीमा पर बसे ग्राम मोटरापारा में दबी हुई हैं आकाश प्रधान की प्रतिभा
- शासन प्रशासन स्वयंसेवी संस्थाओं एवं नेक दिलों से आकाश प्रधान को है, सहयोग की अपेक्षा
गरियाबंद -कलाकारो के कला जन्मजात होती है उसे निखारने का मौका मिलनी चाहिए। अनगढ़ पत्थरो को गढ़ने वाले गढ़नकारो के वजह से ही पत्थरों में भी भगवान नजर आने लगते हैं। लेकिन बेहतरीन कलाकारी उभरते हुए कलाकारों के जीवन में गरीबी उनके कलाओं को उभारने में बहुत ज्यादा अड़चने आने लगती है।कलाकारों की कला को सम्मान करते हुए उन्हें आगे बढ़ने के लिए सहयोग मार्गदर्शन की जरूरत होती है। वही एक दिन ब्लॉक जिला राज्य देश का नाम रोशन करता है। ऐसा ही एक आर्थिक रूप से असक्षम रैपर सिंगर आकाश प्रधान गरियाबंद जिला के जनपद देवभोग, ग्राम मोटरापारा ( सेंदमुडा) के एक मजदूर परिवार में 14 जून 1999 को जन्म हुआ।
आकाश प्रधान के पिता श्री सुदान प्रधान भी एक गीतकार व ग्रामीण क्षेत्र के एक छोटे पौराणिक नाट्यकार है। लेकिन आकाश प्रधान गरीब परिवार के होने के कारण उनकी कला दब गई। पर सुदान प्रधान अपने बेटे आकाश प्रधान की तेज तर्रार दिमाग़ को देख कर समाज के लिए अच्छा लिखने और अच्छा करने की सलाह लगातार देते रहे।उनकी प्रारंभिक शिक्षा अपने ग्राम मोटरापारा से हुई,पहली से लेकर 8 वी तक की शिक्षा अपने ग्राम में ही पूरा किए वही अपने स्कूल मे राष्ट्रीय त्यौहार 26 जनवरी,15 अगस्त जैसे कार्यक्रमो पर स्वरचित कविता,भाषण लिखकर प्रस्तुति देते रहे। आकाश का कहना है कि उनके परिवार के सभी सदस्य संगीत से प्रेम करते है। इसलिए घर के सभी सदस्य से भी गाना लिखते वक्त सहयोग मिल जाता हैं। घर मे 7 परिवार उनके माता- पिता के साथ तीन बहन और उनका एक छोटा भाई रहता है। घर का पूरा भार भरोसा पिताजी के कमाई पर ही निर्भर है। घर में पुश्तैनी जमीन लगभग 1 एकड़ होगी। जिससे पूरे परिवार का पालन पोषण हो पाना मुश्किल है। इसलिए मेहनत मजदूरी करके पिताजी घर के पूरी व्यवस्था को चलाता है।
गरीबी के चलते कई बार आर्थिक मजबूरियों से भी जीवन निर्वहन करना पड़ता है। जिसके कारण अकेले पिताजी की कमाई से घर का चलना बहुत मुश्किल जाता हैं। शादी के लायक बहिन लोग हो गए हैं। जिसका भी भार घर में बड़े लड़का होने के कारण मैं और मेरे पिताजी के ऊपर है।
आकाश प्रधान अपने घर की माली हालत को देख कर भी गाना लिखने की शौक रैपर सॉन्ग को कभी नहीं छोड़ा और उसे उम्मीद है एक न एक दिन व देश का नाम रोशन करेंगे। जिसके कारण वह गाना लिखने का अभ्यास कभी नहीं छोड़ा। आकाश 9 वी से लेकर 10 वी तक की शिक्षा निष्टीगुड़ा हाई स्कूल में किये, वहाँ के शिक्षको से आत्मीय लगाव एवं बहुत सारा प्यार मिला।
निष्टीगुड़ा हाई स्कूल में द्वितीय स्थान हासिल कर पास हुए। आगे की पढ़ाई के लिए आर्थिक रूप से सक्षम नहीं होने के कारण बीच में ही पढ़ाई छोड़ कर के मेहनत मजदूरी करने कम उम्र में ही आह्मदाबाद चले गये वहाँ दो महीने तक मेहनत मजदूरी किए लेकिन काम के बोझ के कारण दो महीने बाद तबीयत खराब हो जासे घर वापस चले आये।
कुछ दिन घर पर रहने के बाद एक दोस्त ने आकाश को DDU-GKY की जानकारी दी ।
जहाँ प्रशिक्षण के लिए रायपुर ( हीरापुर) चले गये वहाँ 5 महीने प्रशिक्षण पूरा हो जाने के बाद आगे की पढ़ाई 11 वीं कक्षा में अपने ग्राम से 3 km दूर खोकसरा हाई स्कूल मे भर्ती हो गए।खोकसरा हाई स्कूल में भी आकाश प्रधान की प्रतिभा को बहुत सारा प्यार मिला। 12 वी में प्रथम स्थान लेकर उत्तीर्ण होने पर माता पिता सहित पूरे ग्राम में प्रधान को पढ़ाई में भी आर्थिक तंगी होने के प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण होने पर उभरते सितारे के रूप में जानने लगे। लेकिन आगे की पढ़ाई गरीबी के चलते मजबूरी में ही छोड़ना पड़ गया। और घर की माली हालत को देखते हुए मेहनत मजदूरी करने के लिए बाहर जाना पड़ गया। विशाखापट्टनम,विजयवाड़ा जैसे जगहो पर मजदूरी कार्य करते रहे। कुछ महिनो बाद पिता जी के तबियत खराब होने के कारण घर वापस आ चले आये।
और अपने अंदर छिपी प्रतिभा को ही सुधारने का संकल्प लेते हुए भारत के प्रसिद्ध रैपर रफ्तार का गाना सुनकर उन्हें अपना भगवान गुरु आदर्श मानते हुए स्वयं रैप गाना लिखना शुरू कर दिया।आकाश प्रधान गरीबी के कारण आगे मुकाम हासिल नही कर पा रहे है। आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण वह घर पर ही रहकर अपने मोबाइल से वीडियो रिकॉर्ड कर सोशल मिडिया पर शेयर करते है जो सामाजिक राजनैतिक वर्तमान परिदृश्य को लेकर बनाया गया रैप सॉन्ग बहुत प्रसिद्धि को है।
एक दिन फेसबुक के माध्यम से नरेंद्र डोंगरे ने बातचीत करने बहुत सारे युवाओ से मिलाया गया। युवाओ ने उनकी प्रतिभा को सम्मानित करते हुए प्रगति पथ पर बढ़ते कदम ना रुके ऐसा शुभाशीष आशीर्वाद देते हुए उज्ज्वल भविष्य की कामना की एक दिन देवभोग ऋषिझरण में गोलू मालू फोटो वाला ने आकाश प्रधान की एक वीडियो रिकार्ड करते हुए सोशल मिडिया पर शेयर किया जिसे बहुत सारा प्यार मिला और लोगो के बीच मे आकाश प्रधान की चर्चा होने लगी
आकाश प्रधान की वीडियो और आकाश की ग़रीबी लाचारी को लेकर प्रेम नागेश, महेश नागेश रीसी बीसी जैसे युवाओ ने गरियाबंद जिला पंचायत उपाध्यक्ष संजय नेताम को बताने पर आकाश की आर्थिक मजबूरी हुनर मे आ रही अड़चने को समझते हुए कुछ दिनों बाद देवभोग विश्राम गृह मे मिलने की बात कही।तब आकाश को मिलकर उन्हे 10000 रुपये की सहयोग राशि प्रदान किया गया, जिससे आकाश की आत्मविश्वास और बढ़ने लगा उसी दस हजार से आकाश प्रधान देवभोग से 50 km दूर खरियार जाकर (छत्तीसगढ़ का गुण) एक गाना रिकॉर्ड किया उस गाने को जनता का बहुत सारा प्यार मिला। उस गाने के बारे में अंग्रेजी अखबार सहित कई सारे अखबारों मे प्रकाशित हुआ, जिससे आकाश प्रधान की आत्मविश्वास और बड़ने लगी ।
आकाश प्रधान एक गरीब परिवार के होने के कारण उन्हे कोई मंच नही मिल पा रहा है।आर्थिक स्थिति से कमजोर होने के कारण आकाश प्रधान की कला गाँव में दबी हुई है। उन्हें आर्थिक मदद देते हुए उनकी कलाओं को बहुत दूर तक ले जाने की जरूरत है।
आकाश प्रधान को शासन प्रशासन स्वयंसेवी संस्थाओं एवं नेक दिलों से सहयोग की अपेक्षा
देवभोग क्षेत्र के उभरते रैपर सॉन्ग कलाकार को आगे बढ़ाने के लिए शासन-प्रशासन स्वयंसेवी संस्थाओं सहित नेक दिल इंसानों की जरूरत है। ताकि उनके कलाओं में और निखार आ सके। आर्थिक विपन्नता से मजबूर होने के बाद भी अपने मुकाम को पाने के लिए आकाश प्रदान दिन रात मेहनत कर रहा है। आप सब के आर्थिक सहयोग से उन्हें आगे बढ़ने के लिए कोई नहीं रोक सकता। आकाश प्रधान नए-नए गाने की रिकॉर्डिंग करवाने में असमर्थ है। उन्हें आप सभी सहयोग प्रदान करें।