जतमई धाम पहुंचे कैबिनेट मंत्री मोहम्मद अकबर, बोले यहां पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं
1 min read- न्यूज़ रिपोर्टर गोलू वर्मा, गरियाबंद
छत्तीसगढ़ शासन कैबिनेट मंत्री मोहम्मद अकबर अचानक जतमई धाम पहुंचे। हालांकि इसकी जानकारी वन विभाग को पहले से थी पर मंत्री जी का प्रोग्राम कैंसिल होने के बाद अचानक जतमई धाम के लिए बना। प्रोग्राम इस प्रकार स्वयं मंत्री खुद जतमई धाम पहुंचे और माता जतमई में पूजा पाठ की और मंदिर में नेचर कैंप में 3 घंटे बिताए, जहां उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक भी लिया।
इस मौके पर सीसीएफ रायपुर जेआर नायक वन मंडल अधिकारी गरियाबंद मयंक अग्रवाल, एसडीओ विश्वनाथ मुखर्जी, वन परीक्षेत्र अधिकारी जी गाडेकर देकर सहित वन विभाग के कई कर्मचारी मौजूद थे। सूत्रों से पता चला है कि वन मंत्री मोहम्मद अकबर अचानक दौरा जतमई के लिए विकास पर्यटन के लिए दृष्टिकोण के लिए असीम संभावनाएं की ओर से देखी जा रही है।
बता दें कि पूर्व में भी पर्यटन की दृष्टिकोण से जतमई धाम के विकास के लिए ए वन परिक्षेत्र पांडुका के अंतर्गत जतमई घटारानी जंगल को वन अभ्यारण वाह गौअभ्यारण सहित जंगली जानवरों को सुरक्षित रखने के लिए प्रोजेक्ट बनाया था और धरातल में आने से ही प्रोजेक्ट फाइल हो गया एक बार फिर असीम संभावनाएं तलाशी जा रही है। साथ में हर साल लाखों की जनसंख्या में पर्यटन जतमई घटारानी धाम आते हैं जो कि माता की मंदिर दर्शन के सहित पिकनिक की सपोर्ट भी बन चुकी है आए हुए दर्शक आनंद लेते हैं। साथ ही साथ माता के मंदिर के नीचे तौरंगा जलाशय जहां 12 माह पानी भरा रहता है।
पर्यटन के दृष्टिकोण से तब्दील किया जाना है और गंगरेल बांध के तरह नाव काय वह पक्षी विहार के लिए प्रोजेक्ट बनाए जाने के संकेत मिल रहे हैं जिसमें सैकड़ों बेरोजगार को रोजगार भी मिलेगे। इस प्रकार के मंदिर के आसपास घना जंगल में काफी जंगली जानवर है। हालांकि हो रही अवैध शिकार ओं की वजह से यह जानवरों की घटती संख्या चिंता का विषय है। पर्यावरण के रूप में बनाकर जंगली जानवरों को बचा जा सकता है साथ ही देश-विदेश के पर्यटकों को लुभाने के लिए पर्यटक को बढ़ावा दिया जा सकता है । मां घटारानी मंदिर के विभाग के द्वारा बनाए गए कच्ची सड़क को पक्की सड़क बनाने की अनुमति प्रदान की जा सकती है। इस प्रकार जतमई घटारानी की मंदिर की दूरी कम हो सकती है। आने-जाने राहगीरों व दर्शनार्थियों को इसका फायदा मिलेगा।