आरएसपी कर्मियों से रचनात्मक कार्यों के साथ संयंत्र को नयी ऊंचाइयों पर ले जाने का आह्वान
1 min readप्रतिष्ठित विश्वकर्मा राष्ट्रीय पुरस्कार के विजेता आरएसपी के सीईओ से सम्मानित
राउरकेला। राउरकेला स्टील प्लांट (आर।एस।पी) के सी।ई।ओ सम्मलेन कक्ष में आयोजित एक समारोह में, राउरकेला स्टील प्लांट के सीईओ, श्री दीपक चट्टराज ने श्रम और रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रतिष्ठित विश्वकर्मा राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने के लिए चुने गए प्लांट के कर्मचारियों को सम्मानित किया। उल्लेखनीय है कि 31 जुलाई 2019 को घोषित किए गए पुरस्कारों में आरएसपी के कर्मचारियों के दो समूहों को पुरस्कार प्राप्त करने के लिए चुना गया है। हॉट स्ट्रिप मिल के कर्मचारियों की एक टीम, अर्थात वरिष्ठ तकनीशियन, श्री देवराज सारंगी, सहायक रोलर, श्री तापस कुमार जेना, वरिष्ठ तकनीशियन, श्री बेनुधर नायक, सहायक रोलर, श्री प्रफुल्ल कुमार पात्र और वरिष्ठ तकनीशियन, श्री बिनोद बिहारी महापात्र, ने फिनिशिंग मिल में सरल और सहज रोलिंग के लिए आवश्यक दबाव के साथ रोल पुलिंग वाटर की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के काम के लिए वर्ग ‘बी’ में पुरस्कार जीता है।
इसी तरह कर्मचारियों की एक और टीम जिसमें शामिल हैं ऊर्जा प्रबंधन विभाग के वरिष्ठ तकनीशियन, श्री सुरेश चंद्र नायक, वरिष्ठ तकनीशियन, श्री भागीरथी सेठी, वरिष्ठ तकनीशियन, श्री अजय कुमार महंती और वरिष्ठ तकनीशियन, श्री ललातेंदु केशरी नंदा, और हॉट स्ट्रिप मिल के सहायक रोलर, श्री प्रफुल्ल कुमार पात्र ने कम समय में ब्लास्ट फर्नेस गैस ब्लीडर स्टैक पायलट बर्नर की सुरक्षित प्रज्वलन के काम के लिए वर्ग सी में पुरस्कृत किये गए। श्री दीपक चट्टराज ने कर्मचारियों को बधाई देते हुए कहा कि प्लांट को उनके इन उपलब्धियों पर गर्व है। उन्होंने उनसे रचनात्मक कार्यों को जारी रखने और स्टील प्लांट के लिए पुन: गौरव लाने का आह्वान किया। बाजार में चल रहे निर्मम प्रतियोगिता के बारे में विस्तार से बताते हुए, श्री चट्टराज ने कहा कि इस माहौल में टिके रहने के लिए हर कंपनी कम से कम कीमत पर गुणवत्तापूर्ण उत्पाद उपलब्ध कराने की कोशिश करती है।स्टील बनाने की प्रक्रीय के क्रम में ब्लास्ट फर्नेस, स्टील मेल्टिंग शॉप जैसे मूल ढाँचे को बदलने की ज्यादा गुंजाइश नहीं होती है। इसलिए उसी रूपरेखा के अंतरगत रचनात्मक प्रयासों के माध्यम से उत्पादन की लागत को कम करने पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। इस अवसर पर कायर्पालक निदेशक (कार्मिक एवं प्रशासन) श्री राज वीर सिंह ने न केवल अधिक संख्या में नवाचार कार्यों को करने पर बल्कि उन उपक्रमों को लिपिबद्ध करने पर भी जोर दिया। उन्होंने आगे कहा कि अगर हम सभी उद्यमी कामों का सही तरीके से दस्तावेजीकरण कर, पुरस्कारों के लिए आवेदन दें तो हमारी पुरस्कार की संख्या बहुत अधिक होगी।श्री गौतम बनर्जी ने अपने संबोधन में कहा कि लंबे समय से शोप्फ्लोर में कार्य करने से पद्धतियों या प्रक्रियाओं को बेहतर बनाने के लिए विचार का होना अनिवार्य है। इन सभी विचारों का उपयोग किया जाना चाहिए ताकि, यदि सब नहीं, तौभी उनमें से अधिकांश का उपयोग संयंत्र के निष्पादन में सुधार लाने के लिए किया जा सके। पुरस्कार विजेताओं से आग्रह करते हुए कायर्पालक निदेशक (सामग्री प्रबंधन) श्री डी।के। मोहापात्र ने कहा कि वे अपने सहयोगियों को इसी तरह के अभिनव प्रयासों को करने के लिए प्रोत्साहित करें, जिससे प्लांट में रचनात्मकता संस्कृति को बढ़ावा मिल सके। बदले में पुरस्कार विजेताओं ने कहा कि वे आरएसपी का हिस्सा होने पर गर्व महसूस करते हैं जिसने उन्हें रचनात्मक कार्य करने और इस तरह के प्रतिष्ठित पुरस्कार जीतने का अवसर दिया है।उन्होंने सीईओ के सम्मुख अपनी कार्यों के बारे में भी विस्तार से बताया और साथ अपने भविष्य के प्रयासों के बारे में भी चर्चा की।इस समारोह में महा प्रबंधक प्रभारी (परियोजना) श्री अतनु भौमिक, महा प्रबंधक (वित्त एवं लेखा) श्री। पी निगम और उप महा प्रबंधक, जन संचार एवं संचार मुख्य श्री रामेंद्र कुमार, भी उपस्थित थे।उप महा प्रबंधक(कार्मिक-नॉन वर्क्स) श्रीमती बिजया मिश्रा ने औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन किया। सहायक महाप्रबंधक (कार्मिक-कल्याण) श्री एस बदपांडा, ने कार्यक्रम का सञ्चालन किया। उल्लेखनीय है कि विश्वकर्मा राष्ट्रीय पुरस्कार योजना 1965 में शुरू की गई थी और तब से आरएसपी के 205 कमर्चारियों ने यह पुरस्कार जीता है।