वल्लीपुर में प्रशासन ने रोका तो तिकोनिया में मनाया गया संघर्ष शौर्य दिवस
1 min read बहन फूलन देवी ने अपनी तीसरी अदालत में अपने साथ हुए जुल्म के खिलाफ 22 जालिमों को सजा-ए-मौत का फैसला सुनाकर शोषितों में लड़ाई लड़ने का साहस भरा था।
मोस्ट कल्याण संस्थान के निदेशक शिक्षक श्यामलाल निषाद की हुई गिरफ्तारी
सैकड़ों समर्थक पहुंचे कोतवाली नगर
सुलतानपुर। आज दिनांक 14-02-2020 को शहर से सटे वल्लीपुर गांव में मोस्ट कल्याण संस्थान के बैनर तले मोस्ट कल्याण संस्थान के जिला सह संयोजक नरेन्द्र कुमार निषाद के नेतृत्व में वीरांगना फूलन देवी “संघर्ष शौर्य दिवस” का कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमें फूलन देवी के साथ हुए अत्याचार के विरोध में पुतला दहन होना था। कार्यक्रम होने की सूचना पर कोतवली नगर पुलिस ने पुतला दहन करने से रोक दिया तथा कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित मोस्ट कल्याण संस्थान के निदेशक शिक्षक श्यामलाल निषाद ’’गुरूजी’’, राष्ट्रीय निषाद संघ के राष्ट्रीय सचिव चौधरी लौटनराम निषाद, सामाजिक परिवर्तन मंच के प्रदेश अध्यक्ष रामानन्द निषाद, जिला संयोजक जीशान अहमद, सह संयोजक नरेन्द्र कुमार निषाद आदि को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी की सूचना पर सचिव रविकान्त निषाद, मोस्ट ब्लॉक प्रमुख लम्भुआ नागवंशी सोनू निषाद, मोस्ट ब्लॉक प्रमुख जयसिंहपुर शिवराज निषाद, अमृतलाल निषाद, इरफान सिद्दीकी, जितेन्द्र निषाद, उमेश निषाद, राकेश निषाद सहित सैकड़ों लोग कोतवाली नगर में गिरफ्तारी देने पहुंच गये। लगभग एक घण्टे कोतवाली नगर में गहमा-गहमी की स्थिति बनी रही। कोतवाली नगर से रिहा होने के पश्चात श्यामलाल निषाद “गुरूजी’” साथियों के साथ तिकोनिया पार्क पहुंचे, जहाँ वक्ताओं ने संघर्ष शौर्य दिवस पर अपने-अपने विचार रखते हुए प्रशासन के रवैये की घोर निंदा करते हुए आगामी 14 फरवरी को गाँव-गाँव संघर्ष शौर्य दिवस मनाने का संकल्प लिया।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता राष्ट्रीय निषाद संघ के राष्ट्रीय सचिव चौधरी लौटनराम निषाद ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि फूलन देवी सामाजिक न्याय व नारी शक्ति की प्रतीक हैं, फूलन देवी जी को एक जाति के खांचे में बांधकर देखना उनकी व्यापकता को सीमित दायरा देने का कपटपूर्ण दुस्साहस होगा। वह सम्पूर्ण समाज के आत्मगौरव व स्वाभिमान की प्रतिमूर्ति, सच्ची वीरांगना व देवीतुल्य हैं। मोस्ट कल्याण संस्थान के निदेशक शिक्षक श्यामलाल निषाद “गुरूजी” ने कहा कि समाज मे बलात्कार और अत्याचार पर अंकुश लगाने के लिए शासन द्वारा वीरांगना फूलन देवी पुरस्कार तथा 14 फरवरी जैसे साहसिक कार्यों का प्रचार-प्रसार कराया जाना चाहिए था। श्री निषाद ने कहा कि खुशी के इजहार करने के लिए “संघर्ष शौर्य दिवस” कार्यक्रम प्रसार को रोकने के लिए दुराचारियों के सगे सम्बंधियों ने अपने चमचों के माध्यम से कार्यक्रम को फेल करने का पूरा प्रयास किया किन्तु सफलता नही मिली तो प्रशासन पर दबाव बनाया की कार्यक्रम को बलपूर्वक रोका जाए और पुलिसिया टेरर दिखा के लोगों को कार्यक्रम स्थल से भगा दिया जाय किन्तु हम और साथी भी इस जिद पर थे कि या तो कार्यक्रम करने दें या गिरफ्तार करें क्यों कि हमारा मकसद 14 फरवरी की ऐतिहासिक तारीख से मोस्ट समाज को अवगत कराना है जिसमें हम सफल हुए।
सामाजिक परिवर्तन मंच के प्रदेश अध्यक्ष रामानन्द निषाद ने कहा कि आज देश के मजलुमों के लिए ऐतिहासिक दिन है आज के दिन ही सामाजिक न्याय की देवी वीरांगना बहन फूलन देवी ने अपनी तीसरी अदालत में अपने साथ हुए जुल्म के खिलाफ 22 जालिमों को सजा-ए-मौत का फैसला सुनाकर शोषितों में लड़ाई लड़ने का साहस भरा था। तिकोनिया पार्क में मोस्ट कल्याण संस्थान के डिप्टी डायरेक्टर राजकुमार गौतम, रामकुमार यादव, एडवोकेट आनन्द निषाद, एडवोकेट विनोद गौतम, सचिव रविकान्त निषाद, इरफान सिद्दीकी, जीशान अहमद, पूर्व जिला पंचायत सदस्य छोटेलाल निषाद आदि लोगों ने सम्बोधित किया।
कोतवली नगर पहुंचकर संघर्ष शौर्य दिवस के समर्थन में गिरफ्तारी देने वालों में जितेन्द्र कुमार निषाद, विनोद निषाद, ओम प्रकाश निषाद, दिलीप कुमार निषाद, अनिल कुमार निषाद अमिलिया विसुई, सुरेन्द्र निषाद बरुआ उत्तरी, दिनेश निषाद बेला मोहन, मुकेश कुमार निषाद मुरारचक, मुन्ना निषाद मुरारचक, राम प्रवेश निषाद मुरारचक, जितेंद्र कुमार मुरारचक, अमृतलाल निषाद बभनगंवा, विद्यावती निषाद करौंदिया, रमाशंकर निषाद वल्लीपुर, संदीप कुमार निषाद बभनगंवा, राजेश निषाद राईबीगो, कमलेश निषाद राईबीगो, मंगला प्रसाद वल्लीपुर, नीरज निषाद अमिलिया, लालजी निषाद वल्लीपुर, मोहन निषाद वल्लीपुर, जियालाल निषाद वल्लीपुर, रविनन्दन वल्लीपुर, अनिल कुमार निषाद वल्लीपुर, संदीप कुमार निषाद मुरारचक, सुनील कुमार निषाद मुरारचक, सुरजीत कुमार निषाद निजामपट्टी, सिद्धार्थ विद्रोही राईबीगो, जितेंद्र कुमार निषाद मुरारचक, हीरालाल निषाद कस्बा, श्यामू निषाद, एडवोकेट नरेन्द्र, दिलीप निषाद चुनहा, मनोज जलालपुर, श्रीकान्त वल्लीपुर, एडवोकेट आनन्द निषाद कस्बा, डॉ. अमरनाथ निषाद बरुआ उत्तरी, सुदीप निषाद बहाउद्दीनपुर, जवाहिरलाल सैदपुर, प्रधान राजेश निषाद मदनपुर देवरार सहित सैकड़ों की संख्या में महिलाएं कोतवाली नगर पहुंची।