ट्रेडर्स वेलफेयर बोर्ड बनाने की पहल केंद्र सरकार की ऐतिहासिक कदम: अग्रवाल
1 min readकेंद्र सरकार द्वारा ट्रेडर्स वेलफेयर बोर्ड बनाने की अधिसूचना का कैट ने किया स्वागत
राउरकेला। कन्फेडरेशन आॅफ आॅल इंडिया ट्रेडर्स (कैट ) ने 29 जुलाई, 2019 के गजट नोटिफिकेशन के माध्यम से सरकार द्वारा राष्ट्रीय व्यापारी कल्याण बोर्ड के गठन को अधिसूचित करने के लिए वाणिज्य मंत्री श्री पीयूष गोयल की सराहना की है। कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व राउरकेला चैंबर के पूर्व अध्यक्ष ब्रिज मोहन अग्रवाल ने कहा कि केंद्र सरकार का यह एक ऐतिहासिक कदम है, जिसके माध्यम से देश के 7 करोड़ व्यापारियों की भारत के आर्थिक परिदृश्य में प्रमुख हितधारकों के रूप में अपने की भूमिका को मान्यता प्रदान की गई। देश में किसी भी सरकार द्वारा उठाया गया यह पहला कदम है और इस नाते से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को कैट ने धन्यवाद दिया है।गजट अधिसूचना के अनुसार बोर्ड व्यापारियों और उनके कमर्चारियों के कल्याण के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए नीति उपायों की पहचान करेगा, व्यापारियों के लिए लागू अधिनियमों और नियमों में सरलीकरण का सुझाव देगा।
यह व्यापारियों के अनुपालन बोझ को कम करने और व्यापारियों के लिए धन की पहुंच में सुधार के तरीके खोजने के लिए भी सिफारिश करेगा। व्यापारियों और उनके कमर्चारियों के लिए बीमा, पेंशन, स्वास्थ्य सेवा जैसे सामाजिक सुरक्षा लाभों के बारे में भी बोर्ड सिफारिशें करेगा। बोर्ड में एक अध्यक्ष होगा जो गैर सरकारी होगा और 5 गैर सरकारी सदस्य और व्यापार संघों के 10 प्रतिनिधि होंगे। 8 मंत्रालयों और नीति आयोग के प्रतिनिधियों को भी बैठकों में आमंत्रित किया जाएगा। बोर्ड की हर तिमाही में कम से कम एक बार बैठक होगी और वाणिज्य मंत्रालय के उद्योग और आंतरिक व्यापार विभाग द्वारा बोर्ड को सचिवालय सहायता दी जायेगी। 19 अप्रैल, 2019 को नई दिल्ली में कैट द्वारा आयोजित एक व्यापारी रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ट्रेडर्स वेलफेयर बोर्ड के गठन करने की घोषणा की थी और इस दिशा में सरकार द्वारा उठाये गए इस बहुप्रतीक्षित कदम की सराहना करते हुए कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री ब्रिज मोहन अग्रवाल एवं प्रदेश अध्यक्ष श्री सुधाकर पंडा ने कहा कि बोर्ड जहाँ एक तरफ व्यापारियों के मुद्दों को हल करने की दिशा में सार्थक कदम उठाएगा। वहीं दूसरी तरफ यह देश भर मे सरकार के कार्यक्रम और नीतियों को नीचे तक पहुंचाने का भी काम करेगा। बोर्ड से यह भी अपेक्षा की जाती है कि वह 7 करोड़ व्यापारियों के लिए आसान अनुपालन, कर आधार को व्यापक बनाने और सर्वोत्तम व्यवसाय प्रथाओं को अपनाने के लिए रचनात्मक प्रयास करेगा और देश के व्यापारी संगठनों से सीधा संवाद कायम कर उन्हें अर्थव्यवस्था की मुख्य धारा से जोड़ेगा। श्री अग्रवाल एवं श्री पंडा दोनों ने सुझाव दिया कि एक बार बोर्ड बनने पर पहला कार्य देश के व्यापारिक समुदाय के आकार के बारे में एक राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण करना चाहिए। वतर्मान में एक अनुमान के अनुसार भारत में खुदरा व्यापार प्रति वर्ष लगभग 45 लाख करोड़ रुपये का है और गैर-कॉर्पोरेट क्षेत्र जीडीपी में 45% का योगदान दे रहा है जबकि कॉर्पोरेट क्षेत्र केवल 15% का योगदान दे रहा है। बोर्ड को घरेलू व्यापार को सुव्यवस्थित करने के लिए भी काम करना चाहिए और व्यापार में बेहतर वृद्धि के लिए व्यवसाय समुदाय की अपनी क्षमता का दोहन करना चाहिए। महिला उद्यमियों को प्रोत्साहन और व्यापारियों द्वारा अन्य देशों को बेहतर निर्यात पर विशेष जोर दिया जाना चाहिए ।