कोयला नगरी तालचेर में छठ पर्व की धूम
जगन्नाथ मंदिर के निकट ब्राह्मणी नदी के किनारे हजारों की तादाद में श्रद्धालुओं का भीड़
अंगुल । भारत में सूर्य उपासना प्राग वैदिक काल से होती आ रही है । सूरज और उसकी उपासना की चर्चा विष्णु पुराण, भगवत पुराण, ब्रह्मा वैवर्त पुराण आदि में विस्तार से की गई है । मध्यकाल तक छठ सूर्य उपासना के व्यवस्थित पर्व के रूप में श्रद्धालुओं द्वारा ग्रहण हो गया था जो अभी तक चलती आ रही है। इसलिए कोयला नगरी तालचेर जगन्नाथ मंदिर के सामने ब्राह्मणी नदी के किनारे छठ व्रत धारी श्रद्धालुओं द्वारा सूरज देवता को अपना श्रद्धा सुमन अर्पण किया गया है। इसका आयोजन हिंदी भाषी कल्याण समिति की ओर से क्या गया था ।
मिली जानकारी के मुताबिक, ये पर्ब 31 अक्तूबर 2019 से नहाय खाय से प्रारम्भ हुआ था। 1 नवंबर को खंर्ना परसाद एबं 2 नवम्बर को संध्याकालीन अर्घ्य, तीन नवंबर प्रात: उगते हुए सूर्य को अर्द्ध अर्पित करने के साथ ही आज महापर्व छठ पूजा का सम्प्पन हो गया। इस पर्व के दौरान हजारों की तादाद में श्रद्धालु अपना श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए भारतीय परंपरा को बरकरार रखे थे। हिंदी भाषी कल्याण समिति के कार्यकर्ताओं द्वारा सही रूप से कार्यक्रम का संचालन किया गया था। इसी तरह दूसरी ओर अंगुल शहर स्थित जगन्नाथ मंदिर के निकट नारायण सागर मैं भी छठ व्रत धारियों द्वारा सूर्य देवता को अपना श्रद्धा सुमन अर्पण करते हुए आज उत्साह के साथ छठ मैया पर गीत गाते हुए समापन कार्यक्रम हुआ था । गौरतलब है कि हर साल जैसा साउथ बालंदा स्टेडियम परिसर में छठी मैया एवं छठ महापर्व हेतु एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाएगा जिसका ऐलान हिंदी भाषी कल्याण समिति की ओर से क्या गया है जोकि 23 नवंबर शनिवार शाम को आयोजित होगी। अंचल के निवासियों द्वारा कहा गया है कि सांस्कृतिक कार्यक्रम छठ महापर्व को चार चांद लगा दिया है।