CG में अब वरिष्ठ IPS अफसर पवन देव पर मंडराने लगा डिमोशन का खतरा, महिला आरक्षक यौन प्रताड़ना के आरोपी अफसर को पदोन्नति कैसे ?
1 min readपूछा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के चैयरमेन जस्टिस दत्तू ने
मनीष शर्मा,8085657778
बिलासपुर,छत्तीसगढ़ पुलिस मुख्यालय में तैनात वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी पवन देव गौतम के खिलाफ मुंगेली जिले में पदस्थ एक महिला आरक्षक के साथ यौन उत्पीड़न की शिकायत के मामले में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने कहा है कि राज्य सरकार अगर महिलाओं की सुरक्षा के प्रति संवेदनशील है तो कैट में स्थगन को चुनौती देते हुए न्यायोचित कार्यवाही करे।
बता दें दो वर्ष पूर्व बिलासपुर रेंज के तत्कालीन आई जी पवन देव गौतम पर यौन प्रताड़ना का आरोप मुंगेली जिले की एक महिला आरक्षक ने लगाया था।उसने पुलिस और अदालत में इस प्रकरण को लेकर गुहार भी लगाई थी।
इस मामले में महिला आई पी एस और आई ए एस अधिकारियो की विशाखा कमेटी ने तत्कालीन आईजी पवनदेव गौतम को दोषी पाया था।इस रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डाल कार्यवाही न होने के बावजूद छत्तीसगढ़ की परिवर्तित सरकार में भी आईजी पवनदेव को IG से ADG पद पर पदोन्नति दिए जाने पर राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एचएल दत्तू ने नाराजगी जताई है।
आयोग ने गृह सचिव से पूछा कि यह पदोन्नति कैसे दी गई है ? एफआईआर की क्या स्थिति है ? राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि पदोन्नति पहले दी गई थी, चर्जशीट बाद में दी गई है।शासन ने यह भी बताया कि चार्जशीट पर कैट से स्थगन मिला है।इस पर आयोग ने निर्देश दिए कि कैट जब सुनवाई पूरी कर चूका है, तो फिर राज्य सरकार स्थगन क्यों नहीं हटवा रही है ?
राज्यसरकार के स्थगन नही हटाने को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही है।उन्होंने पवन देव को पदोन्नति दिये जाने पर एतराज जताते हुए इस प्रकिया पर सवाल उठाये।
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एचएल दत्तू ने पत्रवार्ता में कहा कि राज्य सरकारें आयोग की 99 फीसदी सिफारिशों पर अमल करती है। इससे स्पष्ट है कि राज्य सरकारें, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का पूरा सम्मान करती है।बावजूद आईजी पवन देव के महिला आरक्षक यौन प्रताड़ना मामले पर राज्य सरकार के अड़ियल रुख रखा जा रहा है।