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October 18, 2024

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मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ी में पढ़ाएंगे भौंरा नामक पाठ

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Chief Minister will teach a text called Bhanura in Chhattisgarhi

 भिलाई में आज होगा ‘नींव और भाषा पिटारा’ कार्यक्रम का शुभारंभ
रायपुर, 18 सितम्बर।   मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज 19 सितम्बर को भिलाई में स्कूल शिक्षा विभाग और लैग्वेज लर्निंग फांउडेशन द्वारा आयोजित ‘नींव और भाषा पिटारा’ कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे। मुख्यमंत्री कार्यक्रम में अटल टिंकरिंग लैब और सोया मिल्क वितरण का शुभारंभ भी करेंगे। इसके साथ ही नींव कार्यक्रम संबंधित सामग्री और भाषा पिटारा का विमोचन करेंगे तथा नींव कार्यक्रम की कक्षा का अवलोकन करेंगे।

Chief Minister will teach a text called Bhanura in Chhattisgarhi

मुख्यमंत्री श्री बघेल कार्यक्रम के दौरान प्राथमिक शाला के बच्चों को छत्तीसगढ़ी में भौंरा नामक पाठ पढ़ाएंगे और बच्चों के साथ भोंरा चलाने की गतिविधि और किसका भौंरा ज्यादा देर तक टिक पाता है यह सब करते हुए भाषा और गणित को एक साथ कैसे पढ़ाया जाता है इसका एक आदर्श पाठ बच्चों के साथ रोचक तरीके से प्रस्तुत करेंगे। वे अटल टिंकरिंग लैब का उद्घाटन के साथ ही वहां बच्चों से विज्ञान शिक्षण के बारे में बात करेंगे और उन्हें विभिन्न प्रयोग करते हुए देखेंगे और समझने का प्रयास करेंगे। इस दौरान राज्य स्तरीय विज्ञान प्रदर्शनी में चयनित बच्चों के साथ चर्चा भी करेंगे। इस मौके पर राज्य में विज्ञान शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कबाड़ से जुगाड़ मॉडल का प्रदर्शन और जिले में गणित लैब के लिए तैयार विभिन्न सामग्री का प्रदर्शन भी किया जाएगा। भाषा पिटारा:- भाषा एवं साक्षरता संबंधित चुनौतियों के समाधान और गुणवत्तापरक विकास हेतु एल. एल. एफ द्वारा ‘भाषा पिटारा’ तैयार किया गया है। इस संग्रह में प्रारंभिक भाषा शिक्षण से जुड़े कुल 10 मुख्य विषयों (मौखिक भाषा विकास, ध्वनि जागरुकता, उभरती साक्षरता, शब्द भंडार, डिकोडिंग, पठन और उसकी रणनीतियाँ, पढ़ कर समझना, लेखन सीखना और अकादमिक सहयोग) पर 48 हैण्ड आउट और 4 गतिविधि संग्रह (मौखिक भाषा विकास की गतिविधियां, ध्वनि जागरुकता की गतिविधियां, शब्द भंडार के विकास की गतिविधियाँ, डिकोडिंग सिखाने की गतिविधियां) हैं।   ‘नींव’ः- अधिगम संवर्धन कार्यक्रमः- यह कार्यक्रम राजीव गाँधी शिक्षा मिशन एवं राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् रायपुर द्वारा लैंग्वेज एंड लर्निंग फाउंडेशन के साथ मिलकर दुर्ग जिले के दो ब्लॉक (पाटन और दुर्ग) के 200 स्कूलों में शुरू किया है, जिससे इस वर्ष के अंत तक 4 हजार बच्चे लाभान्वित होंगे। यह कार्यक्रम वर्ष 2021 तक दुर्ग जिले के लगभग सभी स्कूलों में संचालित किया जाना है, जिससे लगभग 20 हजार बच्चों को लाभ मिलेेगा। कार्यक्रम से बच्चों के हिंदी भाषा विकास और साक्षरता कौशलों में विशेष सुधार होगा। कक्षा 2 के अंत तक बच्चे उभरते हुए ऐसे पाठक के तौर पर आएँगे जो अपने स्तर के पाठ प्रवाहपूर्वक पढ़ सकेंगे और अपने अनुभव के आधार पर उससे अर्थ निर्माण कर पाएंगे। साथ ही अपने अनुभव, विचार, कल्पना, और भाव को वाक्यों में लिखने में सक्षम होंगे।

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