बाल विवाह बच्चे को अच्छे स्वास्थ्य, शिक्षा और पोषण से वंचित करता है
- उमेश उर्फ गोलू वर्मा, गरियाबंद पिपरछेड़ीकला
परियोजना भारत सरकार महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा संचालित चाइल्ड लाइन 1098 गरियाबंद को चाइल्ड हेल्प लाइन नंबर के माध्यम से छुरा ब्लॉक में बाल विवाह होने की जानकारी प्राप्त होने पर चाइल्ड लाइन, आईसीपीएस एवं पुलिस की संयुक्त टीम के द्वारा इंटरवेंशन करते हुए बालिका का उम्र सत्यापन किया गया जिसमें उम्र 16 वर्ष 10 माह जो नाबालिक पाया गया। टीम द्वारा पंचनामा तैयार कर बाल विवाह रोका गया।
चाइल्ड लाइन काउंसलर तुलेश्वर साहू ने बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि कानून के अनुसार विवाह के लिए न्यूनतम आयु लड़की के लिए 18 वर्ष और लड़का के लिए 21 वर्ष निर्धारित है अगर इससे कम उम्र में विवाह होता है तो वह बाल विवाह की श्रेणी में आता है, जो क़ानूनी अपराध है।
बाल विवाह बच्चे को अच्छे स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण से वंचित करता है। इससे शारीरिक एवं मानसिक विकास रुक जाता है साथ ही हिंसा, उत्पीड़न और दुर्व्यवहार की स्थिति उत्पन्न होती है । अगर कोई बाल विवाह करता है या करवाता है तो कानून के अनुसार 2 वर्ष तक कठोर कारावास व 1 लाख रुपये तक जुर्माना हो सकता है। बच्चों से सम्बंधी कोई भी समस्या होने 1098 में फोन कर जानकारी दे सकते है। सुरक्षा एवं संरक्षण को ध्यान में रखते हुए बालिका को जिला बाल कल्याण समिति में प्रस्तुत किया गया।
रेस्क्यू में आईसीपीएस से अजीत शुक्ला, चाइल्ड लाइन टीम, पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समिति के सदस्य एवं छुरा थाना से पुलिस टीम का सहयोग रहा।